हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप को लेकर बड़ा दावा, SEBI चीफ पर उठाए सवाल
हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से हाल ही में व्हिस्लब्लोअर दस्तावेजों को जारी किया गया है। वहीं देश देश के बडे़ दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी की कंपनी अडानी ग्रुप पर...
4PM न्यूज़ नेटवर्क: हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से हाल ही में व्हिस्लब्लोअर दस्तावेजों को जारी किया गया है। वहीं देश देश के बडे़ दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी की कंपनी अडानी ग्रुप पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगाए हैं। इतना ही नहीं अडानी ग्रुप पर लगाए गए कथित घोटाले के आरोपों को लेकर ग्रुप की प्रतिक्रिया सामने आई है। अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग के आरोप मुनाफा कमाने की साजिश के तहत लगाए गए हैं। इसके साथ ही ग्रुप ने कहा कि यह अडानी ग्रुप को बदनाम करने की कोशिश है।
दरअसल, हिंडनबर्ग की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई थी। इसमें सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कथित अडानी घोटाले में कनेक्शन के आरोप लगाए थे। इन आरोपों के बाद देर रात बुच दंपति की ओर से भी प्रतिक्रिया आई थी। बुच दंपति ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को बेबुनियाद बताया था।
जानिए क्या है पूरा मामला
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कल यानी शनिवार को अपनी वेबसाइट पर इस खुलासे दावा करते हुए इससे संबंधित रिपोर्ट शेयर की गई थी। हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि व्हिसलब्लोअर से मिले डॉक्यूमेंट्स से पता चलता है जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ, उसमें SEBI अध्यक्ष माधबी पुरी बुच की हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा SEBI अध्यक्ष और उनके पति धवल बुच के पास ठीक उसी अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड में हिस्सेदारी थी, जिसका इस्तेमाल गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने किया था।
महत्वपूर्ण बिंदु
- अडानी ग्रुप ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि हमारा ओवरसीज होल्डिंग स्ट्रक्चर पूरी तरह से पारदर्शी है।
- इसमें सभी तत्थों और विवरणों को नियमित रूप से कई सार्वजनिक दस्तावेजों में प्रदर्शित किया जाता है।
- स्टेटमेंट में अडानी ग्रुप ने कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में जिन लोगों के नामों का जिक्र किया गया है।
- अडानी ग्रुप का कोई भी व्यावसायिक संबंध नहीं है, ये सिर्फ जानबूझकर बदनाम करने का प्रयास है।