यूपी में मंत्रियों के असंतोष के पीछे बड़ा खेल!
4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रियों की नाराजगी से उसके लिए असहज करने वाली पस्थितियां पैदा हो गई हैं। स्वास्थ्य विभाग में तबादलों को लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की नाराजगी और मंत्री जितिन प्रसाद के लोक निर्माण विभाग में पांच वरिष्ठ अधिकारियों के निलंबन के बाद जलशक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटिक ने दलित होने के कारण अधिकारियों द्वारा अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की पेशकश की है? ऐसे में सवाल उठता हैं कि क्या उत्तर प्रदेश के मंत्रियों के असंतोष के पीछे बड़ा खेल हो रहा है। इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार अशोक कुमार, सैयद कासिम, रंजीव और अभिषेक कुमार ने लंबी परिचर्चा की।
सैयद कासिम ने कहा, पिछली बार 200 विधायक धरने पर बैठ गए थे। उसके बाद भी योगी ने अपना कार्यकाल बेहतर तरीके से चलाया। एके शर्मा को मंत्री तक नहीं बनाया। यूपी के अलावा तमाम राज्यों में देखा गया कि ताकतवर लोगों के किस तरह उच्च नेतृत्व ने पर कतरे। येदिरुप्पा को बाहर जाना पड़ा। योगी के साथ बड़ी चीज ये हैं कि उनके साथ न तो परिवार है, न वे भ्रष्टïाचारी है तो उनकी ही चलेगी। जितिन के ओएसडी के रूप में उनको एक बड़ा शिकार मिला। अब जांच रिपोर्ट आएगी, फिर योगी एक्ïशन जरूर लेंगे। रंजीव ने कहा, रामप्रकाश गुप्ता मुख्यमंत्री थे, बाहर से सपोर्ट लेना पड़ा। अक्सर ऐसा होता था कि खबर आती थी कि राज्यमंत्री नाराज हैं। राज्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री में सामान्य तौर पर कभी पटी ही नहीं। अभी वैसे ही हालात हैं। राज्यमंत्री अधिकार चाहते हैं और कैबिनेट मंत्री अधिकार देना नहीं चाहते। फिलहाल कल से आज तक भाजपा ने जो फायर फाइटिंग हैं, उसे कही हद तक मैनेज कर लिया है। शीर्ष नेतृत्व की इस पर सीधी नजर है। योगी भी लगातार एक्टिव है।
अशोक कुमार ने कहा, तबादलों में खेल तो हुआ है, अब जांच जारी है, रिपोर्ट ही उगलेगी सच क्या है। विधायक अधिकारी के पास टहल रहे हैं मगर वे उनकी सुन नहीं रहे, ऐसे में विधायक को जनता को जवाब देना भारी पड़ता है। कानपुर में निषाद की जमीन पर कब्जा हो जाता, बावजूद पुलिस उनकी नहीं सुनती जबकि संजय निषाद के फोन करने के बाद भी उसकी समस्या नहीं हल होती। ये माहौल चुनाव से पहले भी बना मगर 24 के चुनाव के लिए मामला दबाया गया, संभाला गया।