श्रमिकों का नहीं, पूंजीपतियों का हित साध रही भाजपा : अखिलेश
- बनाए गए अहितकारी कानून, भाजपा का चरित्र अमानवीय
- लॉकडाउन के समय नहीं की कोई मदद, श्रमिकों के साथ है समाजवादी पार्टी
लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बिना किसान-मजदूर का हित किए कोई विकास नहीं हो सकता है। आज महंगाई की मार सबसे ज्यादा श्रमिकों और समाज के कमजोर वर्ग पर पड़ रही है। भाजपा की प्राथमिकता में पूंजीपतियों का हित साधन है। श्रमिकों के लिए अहितकारी कानून बनाए जा रहे हैं। उनके हक और सम्मान का संघर्ष जारी रखना है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल द्वारा प्रलोभन एवं सत्ता का बढ़ता दुरूपयोग लोक तंत्र के लिए बड़ी चुनौती है। भाजपा के षडयंत्र अब उजागर होते जा रहे हैं। इससे उम्मीद है कि 2024 में देश में लोकतंत्र की बहाली होगी। सपा श्रमिकों के साथ है। समाजवादी सरकार में मजदूरों के पक्ष में कई निर्णय लिए गए थे और योजनाएं लागू की गई थी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को अनाथ छोड़ दिया गया। भाजपा सरकार ने उनकी कोई मदद नहीं की। पैदल चलते 90 मजदूरों की मौत हुई जो श्रमिक अपने गांव जा रहे थे। भाजपा का चरित्र अमानवीय है। समाज के कामगार, कमजोर वर्ग और अल्पसंख्यकों के प्रति भाजपा का रवैया संवेदनशून्य है। आज भाजपा अपने कुप्रचार से लोगों को भ्रमित करना अपनी उपलब्धि मानती है। भाजपा की कुनीतियों के खिलाफ समाजवादी पार्टी ही संघर्ष कर रही है। समाजवादी पार्टी समाजवाद, लोकतंत्र और पंथनिरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध है। इसके पहले समाजवादी पार्टी की रविवार को दर्जनों श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों ने सदस्यता ली और डबल इंजन भाजपा सरकार में श्रमिकों के लगातार शोषण के विरूद्ध संघर्ष का संकल्प जताया। प्रारम्भ में सभी ने भारतीय संविधान की शपथ ली। सभी की राय थी कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही उत्तर प्रदेश का विकास हो सकता है और न्याय तथा नागरिकों को सुरक्षा मिल सकेगी।
पंचायत चुनाव में ‘दागीÓ नेताओं को टिकट नहीं देगी टीएमसी!
लखनऊ। छवि सुधारने की कोशिश के तहत तृणमूल कांग्रेस अगले साल बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव में ‘दागीÓ नेताओं, भ्रष्टाचार के आरोपों या जनता में खराब छवि वाले प्रत्याशियों को टिकट देने से इनकार कर सकती है। तृणमूल कांग्रेस ने दो वरिष्ठ नेताओं पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और बीरभूम जिले के पार्टी अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की क्रमश: शिक्षक भर्ती में कथित घोटाले और मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तारी के बार वृहद पैमाने पर ”परिशोधनÓÓ अभियान चलाया है। पार्टी ने तीन आंतरिक सर्वेक्षण कराए हैं, जिनमें से एक आईपीएसी के प्रशांत किशोर से पिछले महीनों कराया गया सर्वेक्षण शामिल हैं जिसमें निर्वाचित प्रतिनिधियों और सभी स्तर के नेताओं की कार्यप्रणाली और व्यवहार का आकलन किया गया। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सौगत राय ने कहा कि कई सर्वेक्षण किए गए हैं और विस्तृत रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को सौंपी जा रही है। सड़े हुए हिस्सों को बाहर निकालने की प्रक्रिया जारी है। परिशोधन प्रक्रिया अगले साल पंचायत चुनावों के लिए टिकट बंटवारे के दौरान अपने चरम पर होगी। 50 से 60 प्रतिशत से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों को दोबारा टिकट देने से मना किया जा सकता है।
देश में गरीबी बढ़ी, जिसकी चिंता जरूरी : मायावती
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि देश में गरीबी और निम्न आय वर्ग के लोगों की संख्या बढ़ी है जिसकी चिंता किए जाने की जरूरत है। ये बातें उन्होंने ट्वीट कर कही। मायावती ने ट्वीट के जरिए कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था ब्रिटेन को पीछे छोड़कर विश्व में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तो बन गई है किंतु संतोष की बात तो तब होती जब यहां के लगभग 140 करोड़ लोगों के गरीब जीवन में आवश्यक सुधार होता। प्रति व्यक्ति आय में भी ञ्जवृद्धि होती। मायावती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ब्रिटेन के लोगों की प्रति व्यक्ति आय भारत के लोगों से 20 गुना ज्यादा है, जिसकी बराबरी पाने पर ही देश की गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा जैसी दुखद समस्याओं को दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश की अधिकतर आबादी गरीबी व निम्न आय वर्ग में पिछड़ गई है जिसकी सही चिंता बहुत ही जरूरी है।
संजय राउत की न्यायिक हिरासत 19 तक बढ़ी
मुंबई। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत की न्यायिक हिरासत 19 सितंबर तक बढ़ा दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउत को 1 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। राउत आठ दिनों के लिए ईडी की हिरासत में थे, जब उन्हें 9 अगस्त को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था, जब ईडी ने कहा था कि उनकी और हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। शिवसेना नेता संजय राउत पात्रा चाल जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे हैं। पात्रा चॉल लैंड स्कैम की शुरूआत 2007 से हुई। आरोप है कि महाराष्टï्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी एमएचएडीए के साथ प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की मिलीभगत से घोटाले को अंजाम दिया गया।