दलित परिवार के घर पहुंचे बीजेपी प्रत्याशी अरुण गोविल

दावा किया जा रहा है कि अरुण गोविल ने दलित के घर खाना खाया नहीं बल्कि प्रणाम करके चले गएं....4PM पुष्टि नहीं करता

4PM न्यूज़ नेटवर्क : देश में जब भी कोई चुनाव होता है तो सभी दल और नेता जनता को लुभाने के लिए वो काम करते हैं जो काम उन्होंने कभी किया ही नहीं होगा….चुनाव के वक्त उन्हें वोटर्स का इतना ख्याल रहता है जैसे कि इनसे बड़ा हमदर्द कोई है ही नहीं….अब आप अपने एक वोट की कीमत को समझ सकते हैं कि आपके एक वोट की कीमत कितनी है….इसलिए अपने मत का इस्तेमाल करिए लेकिन सोच समझ कर….चुनाव आता है लोकलुभावन वादे होते हैं, जनता को अपने पाले में करने के लिए राजनेता हर हथकंडे अपनाते हैं…..जी हाँ अब जब देश में लोकसभा चुनाव का माहौल है 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है तो बड़े बड़े दिग्गज वोटरों की सहानुभूति हासिल करने के लिए और उनके मत को अपने पक्ष में करने के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे…. कोई मतदाताओं के साथ एक भावनात्मक तार जोड़ने की जुगत में है… इसके लिए उनके बीच जाकर कोई उनके काम में हाथ बंटा रहा है, तो कोई उन्हीं की तरह बनकर उनका काम करके दिखा रहा है…..हर रोज आपको अलग अलग तस्वीरें देखने को मिल जाएँगी…बता दें कि देश की सियासत में दलित समुदाय एक बड़ी ताकत है… सभी राजनीतिक दल इस बड़े वोटबैंक को अपने पाले में करके सत्ता के सिंहासन पर काबिज होना चाहते हैं…… मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, देश में 17 प्रतिशत दलित वोटर हैं…. राजनीतिक दलों की नजर इन्हीं 17 प्रतिशत दलित मतदाताओं पर है, जो उनकी सियासी नैय्या पार लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं….तो सभी की नजरें दलित वोट बैंक पर है, आपने देखा होगा की जब भी चुनाव आता है तो तमाम दलों के नेता प्रत्याशी दलितों के घर पहुंच जाते हैं, खाना खाते हैं, और खाना भी जमीन पर बैठ कर खाते हैं ताकी जनता को बता सकें कि वो किसी दलित के घर गए थे….खाना खाते हैं फोटों खिंचती है…..

ट्रोलर्स के निशाने पर अरुण गोविल

मेरठ से बीजेपी प्रत्याशी अरुण गोविल बीजेपी नेताओं के साथ एक दलित परिवार के घर पहुंचे जहाँ सभी जमीन पर बैठे दिेख रहे हैं, सभी के आगे खाने की थाली है, वीडियो में बगल वाला शख्स खाते हुए दिख रहा है लेकिन अरुण गोविल खाने को प्रणाम करते दिख रहे हैं….दावा किया जा रहा है कि अरुण गोविल ने दलित के घर खाना खाया नहीं बल्कि प्रणाम करके चले गएं….हालांकि 4pm इसकी पुष्टी नहीं करता कि उन्होंने खाना खाया या नहीं खाया…..इसमें सच्चाई कितनी है ये हम आगे बात करेंगे….बता दें कि पश्चिमी यूपी के मेरठ में दूसरे चरण में मतदान होना है….भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल दलित बस्तियों में पहुंचे और उन्होंने वोट मांगे…. इस दौरान वो एक दलिक के घर पहुंचे…जहाँ उनका जोरदार स्वागत हुआ, महिलाओं ने उनकी आरती भी उतारी…लेकिन एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें वो जमीन पर बैठे हैं सामने खाने की थाली तो हैं लेकिन वो खाते नजर नहीं आ रहे हैं….बता दें कि अरुण गोविल मेरठ के ब्रह्मपुरी के भगवतपुरा इलाके में अपने लिए मतदान की अपील करने पहुंचे…. इस मौके पर वह कई दलित परिवारों के यहां भी पहुंचे….. महिलाओं ने अरुण गोविल को अपने बीच पाकर मंगल गीत गाए , वहीं उनकी आरती भी उतारी…. महिलाओं ने अपने घर में प्रवेश के दौरान अरुण गोविल की आरती उतारकर घर में प्रवेश कराया….इस दौरान अरुण गोविल ने भगवतपुरा इलाके में वाल्मीकि परिवार में बैठकर भोजन किया तो बाहर लोग भगवान श्री राम के जयकारे लगाते रहे…..

क्या अरुण गोविल ने खाने को सिर्फ प्रणाम किया ?

सोशल मीडिया पर लोग दावा कर रहे हैं कि अरुण गोविल दलित परिवार के घर खाने पर तो पहुंचे लेकिन खाना खाया नहीं….लोग क्या कुछ कह रहे हैं वो भी आपको बताते हैं…..यूपी कांग्रेस की तरफ से पोस्ट किया गया कि , मेरठ जनपद से BJP के लोकसभा प्रत्याशी अरुण गोविल जी वाल्मीकि कार्यकर्ता के घर ‘भोजन दर्शन’ करने पहुंचे, भगवान श्री राम ने त्रेता युग में शबरी के झूठे बेर खाए थे और यह 2024 में दलित के घर का भोजन नहीं खा पा रहे….महावीर जैन लिखते हैं, मेरठ जनपद से BJPके लोकसभा प्रत्याशी अरुण गोविल जी वाल्मीकि कार्यकर्ता के घर ‘भोजन दर्शन’ करने पहुंचे, भगवान श्री राम ने त्रेता युग में शबरी के झूठे बेर खाए थे और यह 2024 में दलित के घर का भोजन नहीं खा पा रहे…वहीं श्री विक्रम लिखते हैं कि , जैसे बीजेपी प्रभु राम के नाम पर वोट मांग सकती है लेकिन उनके जैसा आचरण नही कर सकती, वैसे अरुण गोविल भी प्रभु राम का रोल कर सकते है लेकिन उनके जैसा आचरण नही कर सकते , अरुण गोविल जैसे जातिवादी इंसान को लोकसभा का प्रत्याशी बनाना ही लोकतंत्र की हत्या है…..शालू नाम के यूजर लिखते हैं कि , मेरठ में BJP प्रत्याशी अरुण गोविल व BJP नेता दलित के घर भोजन करने पहुंचे, भगवान राम ने माता शबरी जो भीलनी थी उनके झूठे बेर चाव से खाए थे,लेकिन यहां नेताओं के हावभाव देखकर समझ लें कि ये रुचि नहीं राजनेतिक मजबूरी है। Note सिर्फ चेहरे के भाव और थाली देखिए…. हालांकि कुछ लोग इसे गलत बता रहे हैं, कई लोग ये भी कह रहे हैं कि अरु गोविल ने खाना खाया था, सूरज नाम के यूजर लिखते हैं कि , अरुण गोविल का एक वीडियो वायरल किया जा रहा है कि उन्होंने मेरठ में दलित व्यक्ति के घर भोजन को सिर्फ़ प्रणाम किया उसे ग्रहण नहीं किया।यह दावा ग़लत है।हालांकि दलित समाज के व्यक्ति के घर भोजन करना या ना करना कोई मुद्दा नहीं है लेकिन फिर भी बता दूँ कि अरुण गोविल ने भोजन ग्रहण किया था….

पहले भी ट्रोल हो चुके हैं अरुण गोविल

वैसे जबसे बीजेपी ने टीवी के राम को प्रत्याशी बनाया है तबसे वो जमकर ट्रोल हो रहे हैं इससे पहले भी वो ट्रोल हुए थे जब एक रिपोर्टर अरुण गोविल से मेरठ के मुद्दे के बारे में पूछ रहा था तो उन्होंने जो जवाब दिया था उसको लेकर लोगों ने खूब मजे लिए थे, रिपोर्टर को जवाब देते हुए अरुण गोविल ने कहा था कि उन्होंने अभी तक मेरठ के मुद्दों के बारे में सोचा नहीं है, अभी फिलहाल ध्यान चुनाव प्रचार पर है….जब रिपोर्टर पूछता है कि मेरठ के मुद्दे क्या हैं, इस पर अरुण गोविल कहते हैं कि मुद्दों की बात तो बाद में आएगी अभी तो मैंने मुद्दों के बारे में सोचना शुरु भी नहीं किया , अभी तो चुनाव के ऊपर ध्यान है, चुनाव एक बार हो जाएं फिर सबके साथ मिलकर बैठेंगे उनकी समस्याएं सुनेंगे….उनका ये वीडियो खूब वायरल हुआ था और लोगों ने जमकर ट्रोल किया था….

 

 

 

 

 

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