छह अगस्त को उप राष्ट्रपति चुनाव, भाजपा ने नहीं खोले पत्ते

  • वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को हो रहा समाप्त

नई दिल्ली। देश में उप राष्टï्रपति चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके तहत 6 अगस्त को होने वाले उप राष्टï्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया भी आज यानी मंगलवार से शुरू हो गई है। 19 जुलाई तक नामांकन दाखिल होंगे। पत्रों की जांच 20 जुलाई तक की जाएगी और 22 जुलाई तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। बता दें कि मौजूदा उप राष्टï्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया तब शुरू होती है, जब निर्वाचन आयोग अधिसूचना जारी करता है और मतदाताओं से अगला उप राष्टï्रपति चुनने को कहता है। भारतीय जनता पार्टी नीत राष्टï्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को इस चुनाव में स्पष्ट बढ़त हासिल है। इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोट देने के पात्र होते हैं, जिसमें मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं। राजनीतिक दलों ने चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा अभी तक नहीं की है। अब उप राष्टï्रपति चुनाव से पहले कोई उपचुनाव या द्विवार्षिक चुनाव नहीं होगा, ऐसे में उप राष्टï्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल रोल 775 सदस्यों का है। इसमें लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 232 सदस्य शामिल हैं।

उप राष्टï्रपति चुनाव में वोटों की गणित
राष्टï्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सहयोगियों और मित्र दलों के समर्थन की जरूरत है लेकिन उप राष्टï्रपति चुनाव में उसके पास अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त वोट हैं। उप राष्टï्रपति के चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट करते हैं। इसमें संसद के नामित सदस्य भी मतदान कर सकते हैं। उप राष्टï्रपति चुनाव में भाजपा के पास 395 सांसद या वोट हैं जो जीत के जादुई आंकड़े 388 से सात ज्यादा हैं। अब तक भाजपा की अगुआई वाले एनडीए और विपक्ष ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं।

उप राष्टï्रपति के लिए भाजपा में इन नामों की चर्चा
उप राष्टï्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा अभी पक्ष और विपक्ष दो तरफ से नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को राष्टï्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा उप राष्टï्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया जा सकता है। कैप्टन के जल्द ही अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का भाजपा में विलय करने की तैयारी के बाद इस चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। वहीं उप राष्टï्रपति पद के लिए राजग के प्रत्याशी के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का नाम भी दौड़ में शामिल है।

राहुल गांधी के बयान को गलत ढंग से दिखाने वाले जीन्यूज के एंकर हिरासत में

लखनऊ। नोएडा में जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन को आज स्थानीय पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उन पर राहुल गांधी के बयान को गलत संदर्भ में टीवी पर प्रसारित करने का आरोप है। इस मसले पर एंकर अपनी गलती मानते हुए पहले ही माफी मांग चुके हैं। एंकर ने वायनाड़ के मसले पर दिये गये राहुल गांधी के बयान को उदयपुर में हुई टेलर की हत्या से जुड़ा बताया था। इस पर विवाद के बाद उनके खिलाफ कई जगहों शिकायत दर्ज हुई। आज सुबह जब छत्तीसगढ़ की पुलिस एंकर रोहित को अरेस्ट करने गाजियाबाद में उनके घर पहुंची। इस पर एंकर ने यूपी पुलिस से मदद मांगी ली। फिर नोएडा पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और एंकर को हिरासत में लेकर अपने साथ चली गई। इस दौरान यूपी पुलिस और छत्तीसगढ़ पुलिस की आपस में काफी नोंकझोंक भी हुई। माना जा रहा है कि यूपी पुलिस ने एंकर को इसलिए ही हिरासत में लिया है ताकि छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें अरेस्ट ना कर पाये। टीवी एंकर के खिलाफ राजस्थान और छत्तीसगढ़ में केस रजिस्टर हुए थे। राजस्थान में कांग्रेस नेता राम सिंह ने बनीपार्क पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था।
ये था मामला
जी न्यूज के एंकर रोहित ने अपने शो में राहुल गांधी की एक वीडियो क्लिप चलाई थी। राहुल गांधी ने जो बयान वायनाड (केरल) में उनके दफ्तर पर हमला करने वालों के लिए दिया था, उनको उदयपुर में टेलर के हत्यारों के लिए दिया गया बताया था। राहुल ने कहा था कि हमला करने वाले बच्चे हैं, उनको माफ करना चाहिए, लेकिन टीवी में शो में बताया गया कि राहुल उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या करने वालों को माफ करने के लिए कह रहे हैं।

अपराधियों को राजनीति से बाहर करने के लिए ठोस कदम उठाएं : हाई कोर्ट

लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कहा है कि संसद और भारत निर्वाचन आयोग को राजनीति से अपराधियों को बाहर करने के लिए समुचित कदम उठाने चाहिए। राजनेताओं, अपराधियों और नौकरशाहों के बीच का अपवित्र गठजोड़ मिटा देना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को इस दिशा में उचित कदम उठाने को कहा है किंतु अभी तक चुनाव आयोग और संसद ने ऐसा करने के लिए सामूहिक इच्छा शक्ति नहीं दिखाई है। यह टिप्पणी जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने बसपा सांसद अतुल कुमार सिंह उर्फ अतुल राय की जमानत अर्जी खारिज करते हुए की। राय अपने खिलाफ दर्ज केस को वापस करने के लिए पीड़िता और उसके गवाह पर नाजायज दबाव बनाने के आरेाप में जेल में बंद हैं। उनके दबाव के कारण पीड़िता और उसके गवाह ने सुप्रीम कोर्ट के सामने फेसबुक पर लाइव आकर आत्महत्या का प्रयास किया था। गंभीर अवस्था में दोनों को अस्पताल में दाखिल किया गया था जहां उनकी मौत हो गई थी। इस केस में हजरतगंज थाने में सांसद राय और पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। राय के केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि उनके खिलाफ कुल 23 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है। कोर्ट ने यह भी पाया कि 2004 की लोकसभा में 24 प्रतिशत, 2009 की लोकसभा में 30 प्रतिशत, 2014 की लोकसभा में 34 प्रतिशत तो वहीं 2019 की लोकसभा में 43 प्रतिशत सदस्य आपराधिक छवि वाले हैं।

इस पर कोर्ट ने कहा कि यह संसद की सामूहिक जिम्मेदारी है कि अपराधिक छवि वाले लोगों को राजनीति में आने से रोके और लोकतंत्र को बचाए। कोर्ट ने कहा कि चूंकि संसद और आयोग आवश्यक कदम नहीं उठा रहे हैं इसलिए भारत का लोकतंत्र अपराधियों, ठगों और कानून तोडऩे वालों के हाथों में सरक रहा है। कोर्ट ने कहा कि कोई भी इस बात से इन्कार नहीं करेगा कि आज की राजनीति अपराध, ताकत और पैसे से ग्रसित है। अपराध और राजनीति का गठजोड़ लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए गंभीर खतरा है। लोकसभा, विधानसभा और यहां तक कि स्थानीय निकायों के चुनाव लडऩा बहुत ही महंगा हो गया है। कोर्ट ने कहा कि यह भी देखने में आया है कि हर चुनाव के बाद जनप्रतिनिधियों की संपत्ति में अकूत इजाफा हो जाता है। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि पहले बाहुबली और अपराधी चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को समर्थन प्रदान करते थे किंतु अब तो वे स्वयं राजनीति में आते हैं और पार्टियां उनको बेझिझक टिकट भी देती हैं। यह तो और भी आश्चर्यजनक है कि जनता ऐसे लोगों को जिता भी देती है। कोर्ट ने सिविल सोसायटी से कहा कि उन्हें जाति व धर्म की संकीर्णता से ऊपर उठकर ऐसे आपराधिक छवि वाले नेताओं को नकार देना चाहिए।

बुलडोजर नीति पर एनएचआरसी में केस दर्ज

लखनऊ। राष्टï्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी में मनमाने ढंग से बुलडोजर का प्रयोग करते हुए सेलेक्टिव ढंग से अचानक कोई घर, बिल्डिंग, स्ट्रक्चर आदि गिरा देने के प्रकरणों में मानवाधिकार उल्लंघन की पूर्ण संभावना के संबंध में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर द्वारा भेजी गयी शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। अमिताभ ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा था कि यूपी में कुछ समय से बुलडोजर नीति की चर्चा चल रही है। यद्यपि यह बिलकुल स्पष्ट नहीं है कि वास्तव में इस प्रकार की कोई शासकीय नीति है या नहीं और क्या इसके लिए प्रदेश में कोई अधिनियम, नियम, शासनादेश आदि निर्गत हुआ है। लगातार लोगों के घर गिराए जा रहे हैं और शासन-प्रशासन द्वारा किसी कथित गुंडे, माफिया, अराजक तत्व आदि का अवैध निर्माण गिरा कर त्वरित न्याय की बात कही जा रही है। अमिताभ और नूतन ने कहा था कि भले यह सुनने में अच्छा लगे पर अत्यंत खतरनाक है क्योंकि इसके दुरुपयोग की असीम संभावनाएं हैं। इनका आम नागरिक के मानवाधिकारों से सीधा संबंध है। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष से अब तक गिराए गए निर्माण का आधिकारिक ब्यौरा, कारण व विधिक प्रक्रिया तलब कर इनके संबंध में निर्णय लेने का अनुरोध किया था। साथ ही उन्होंने निर्माण गिराए जाने के मामले में प्रदेश सरकार को निश्चित दिशा-निर्देश देने की भी प्रार्थना की थी।

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