भाजपा ने आदिवासियों को पेशाब दी: दिग्विजय

  • नहीं मिल रही किसानों को खाद और बिजली

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गुना। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शुक्रवार को गुना पहुंचे। यहां बमोरी विधानसभा के फतेहगढ़ में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में आमसभा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपने 2018 में कांग्रेस को जिताया। महेंद्र सिंह सिसोदिया को जिताया। सरकार बनने पर उन्हें कमलनाथ जी ने सिंधिया जी की सिफारिश पर मंत्री बनाया। लेकिन न जाने क्या-क्या लेकर मंत्री ने सरकार गिरवा दी। दिग्विजय सिंह ने महेंद्र सिंह सिसौदिया के विभाग और पूरी भाजपा सरकार पर जमकर भ्रष्टाचार करने का आरोप भी लगाया।
आदिवासियों को लेकर कांग्रेस और भाजपा के रवैये में अंतर बताते हुए दिग्विजय सिंह ने सीधी पेशाब कांड का जिक्र किया। पूर्व सीएम ने दावा किया कि मनमोहन सरकार ने आदिवासी, सहरिया महिलाओं को हर महीने पैसे देने की योजना लागू की थी। लेकिन भाजपा सरकार ने उनके खातों में पैसे ही नहीं डाले। बमौरी क्षेत्र में खेरूआ आदिवासियों के प्रमाण पत्र नहीं बनने का मुद्दा भी दिग्विजय सिंह ने उठाया। किसानों का जिक्र करते हुए दिग्विजय ने बताया कि इस समय किसानों को खाद और बिजली नहीं मिल रही है। खाद की जमकर कालाबाजारी की जा रही है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि 2003 से लगातार भाजपा की सरकार है। हम लोगों ने 1993 से 2003 के बीच में जब कांग्रेस पार्टी की सरकार थी, तब अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों को अधिकार दिए, खेती के लिए पट्टे दिए, आवास के पट्टे दिए, पंचायती राज दिया, जिसमें शिक्षाकर्मी और पंचायत कर्मी की नियुक्तियां हुईं, जन स्वास्थ्य रक्षक बने।
पूरी तरीके से जो लोग चुनकर आते थे ग्राम पंचायत में, उनको अधिकार मिले। नामांतरण-बंटवारा पंचायत में ही हो जाता था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि अब हर नामांकन-बंटवारे में पैसा लगता है।

सिंधिया गद्दार

दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस द्वारा अजा-अजजा और गरीब वर्ग के हित में हमेशा काम करने का ब्यौरा देते हुए आजादी की लड़ाई में योगदान बताया। उन्होंने डॉ. भीमराव अम्बेडकर, महात्मा गांधी और पं. जवाहरलाल नेहरू सहित पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का भी जिक्र किया। जबकि सिंधिया परिवार की ओर इशारा करते हुए कहा कि इतने बड़े घराने के व्यक्ति ने कांग्रेस से गद्दारी कर दी। कांग्रेस ने उन्हें क्या नहीं दिया? मंत्री बनाया, सम्मान से रखा, लेकिन क्या कारण है कि वह छोडक़र चले गए।

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