बीजेपी सरकार दलित विरोधी : अजय कुमार लल्लू

यूपी में दलितों-महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने यूपी बीजेपी पर साधा निशाना है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा बीजेपी झूठी पार्टी है। इनके नेता राम के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करते हैं। अमेठी में दलित लड़की की पिटाई का उल्लेख करते हुए राष्टï्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष पीएल पुनिया कहा कि राष्टï्रीय स्वयंसेवक संघ की दलित व महिला विरोधी सोच के कारण देश में दलितों, महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा हिंसा और अत्याचार उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में हो रहा है। इसका सीधा कारण अपराधियों को सरकार का संरक्षण मिलना और उन्हें बचाना है।

प्रदेश में दलितों के खिलाफ औसतन 34 अपराध की घटनाएं रोजाना हो रही हैं और अपराध के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है। कांग्रेस ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर विधान सभा चुनाव के लिए हो रहीं बड़ी रैलियों पर रोक लगाने की मांग की है। पार्टी ने आयोग से कहा कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री और भाजपा के नेताओं की सरकारी खर्च पर हो रही रैलियों पर रोक लगाई जाए। भाजपा नेताओं पर संवैधानिक मंचों से अलोकतांत्रिक भाषा का प्रयोग कर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए इस पर भी रोक लगाने की मांग की गई है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा, पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी व पीएल पुनिया और पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी की ओर से संयुक्त रूप से भेजे गए इस पत्र के बारे में कांग्रेस नेताओं ने पीसी के जरिए जानकारी दी। आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि वर्तमान में कोविड महामारी की तीसरी लहर की आशंका है। ऐसे में छोटी सभाओं, चौपाल, वर्चुअल मीटिंग और घर-घर अभियान जैसे आयोजन किये जाने चाहिए और बड़ी रैलियों पर रोक लगानी चाहिए।

कैबिनेट मिनिस्टर कौशल किशोर ने उठाया मालेगांव ब्लास्ट का मुद्दा

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने 2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले में गवाह के बयान को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि गवाह पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और पांच आरएसएस नेताओं का नाम लेने के लिए दबाव डाला गया था, जिसके चलते गवाह के बयान को लेकर जांच होनी चाहिए। मंत्री ने मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग रखी है। मालेगांव विस्फोट मामले में गवाह ने मुंबई की विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कोर्ट को बताया कि, विस्फोट के बाद सात दिनों तक उसे एटीएस कार्यालय में रखा गया। उसके बाद एजेंसी ने उसके परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित करने और उन्हें फंसाने की धमकी दी। गवाह ने अदालत को यह भी बताया कि एटीएस ने उसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के पांच सदस्यों का नाम लेने के लिए दबाव डाला था।

मंत्री किशोर ने कहा, इस बात की जांच होनी चाहिए कि मुंबई एटीएस के लोगों ने मालेगांव विस्फोट मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के लोगों का नाम लेने के लिए गवाह पर दबाव क्यों डाला था। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा। सपा विधायक द्वारा पुलिस अधिकारी को पीटने के कथित वीडियो पर उन्होंने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को पार्टी में शामिल कर रही है। गौरतलब है कि सकलडीहा विधायक द्वारा एक पुलिस अधिकारी को पीटे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

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