भाजपा सरकार ने कम कर दी जम्मू-कश्मीर की शान: कर्ण
- बोले- 370 हटाकर राज्य को हरियाणा, हिमाचल और उत्तराखंड से भी जूनियर बना दिया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू। केंद्र सरकार ने 2019 में अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर को हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों से भी जूनियर बना दिया है। यह बात पूर्व सदर-ए रियासत एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. कर्ण सिंह कही। उन्होंने कहा, आज जम्मू-कश्मीर महाराजा के समय से बिल्कुल अलग है। हमारे पास एक बहुत ही विशेष स्थान था, जो अब नहीं है। मैं कहूंगा कि अब सबसे पहली जरूरत राज्य का दर्जा बहाल करना और चुनाव कराना है।
केंद्र शासित प्रदेश के लिए चुनाव एक गौरवशाली नगर परिषद के लिए चुनाव करने जैसा है। डॉ. कर्ण सिंह ने कहा, 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों का सामूहिक पलायन एक भयानक त्रासदी थी और उन घावों को भरने में लंबा समय लगेगा, लेकिन इन्हें भरना जरूरी है। जम्मू संभाग में हाल की आतंकी घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने के लिए राष्टï्र के दुश्मनों के नापाक इरादों को विफल करने के महत्व को रेखांकित किया। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन आकार ले रहा है और उत्तर प्रदेश के नतीजे इसका प्रमाण हैं। 2024 के चुनावों में कांग्रेस ने अपनी सीटों की संख्या 52 से बढ़ाकर 99 कर ली हैं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सहयोग से बहुमत सीटें हासिल हुईं। मुझे लगता है कि भारत के गठन में तालमेल बिठाने में थोड़ा और समय लगेगा, लेकिन यह निश्चित रूप से तालमेल बिठाएगा।
उमर को श्रीनगर से लडऩा चाहिए था
डॉ. कर्ण सिंह ने कहा, उमर अब्दुल्ला ने बारामुला से संसदीय चुनाव लडक़र गलती की है, उन्हें श्रीनगर से ही चुनाव लडऩा चाहिए था। अगर वह जीतते तो संसद में उनकी अहम भूमिका होती। इंजीनियर रशीद (निर्दलीय) की बारामुला से दो लाख से अधिक मतों से जीत को नाटकीय करार दिया, जबकि वह यूएपीए के प्रावधानों के तहत जेल में हैं।
इंडिया गठबंधन का हो रहा विस्तार
जम्मू-कश्मीर के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह के बेटे डॉ. कर्ण सिंह ने 1967, 1971, 1977 और 1980 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर उधमपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। 1984 में जब वह निर्दलीय तौर पर चुनाव लडऩे के लिए जम्मू चले गए तो वे संसदीय चुनाव हार गए थे।