बच्चों को सिखाएं ये बातें
- हर कोई करेगा आपकी परवरिश की तारीफ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बच्चे समाज में कैसा व्यवहार करते हैं इसका पूरा श्रेय और दोष मां- बाप को ही दिया जाता है। कुछ गलत करते हैं तो लोग कहते हैं कि मां- बाप ने कुछ सिखाया ही नहीं और कई बार तो ये ताने बड़े होने के बाद भी सुनने को मिलते हैं। कुछ बातें बच्चों को बचपन में ही सिखाने की जरूरत होती है जो आपकी अच्छी परवरिश को दर्शाते हैं। बच्चे स्कूल, समाज में कैसा बर्ताव करते हैं, ये काफी हद तक आपके परवरिश की पोल खोलता है। बच्चे तो शैतानी करेंगे ही, लेकिन अगर बच्चा बत्तमीज है, तो इस चीज को बाहर वाले सबसे पहले नोटिस करते हैं। खैर इसे इग्नोर भी नहीं करना चाहिए क्योंकि बत्तमीजियों पर समय रहते लगाम लगाना जरूरी होता है। इग्नोर करने या लाड-प्यार के चक्कर में आप बच्चे का बहुत बड़ा नुकसान कर रहे होते हैं, ये जान लें। बहुत छोटी-छोटी चीजें हैं, जिनके बारे में बच्चों को बचपन से ही बताना चाहिए।
आत्मनिर्भर बनाएं
स्वतंत्रता का महत्व समझना बहुत जरूरी है साथ ही कुछ चीजों में बच्चों को बचपन से ही आत्मनिर्भर बनाना भी बहुत जरूरी है। अगर वो सक्षम हैं, तो उन्हें खुद से खाने दें। कई बार लाड के चक्कर में मां-बाप बच्चों के बड़े होने पर भी उन्हें बहुत ज्यादा पैंपर करते हैं, जो उनके लिए सही नहीं होता। यदि आप बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं तो ऐसे में आप उन्हें खुद का काम करने दें। क्योंकि यदि आप उनका काम स्वयं करेंगे तो उन्हें इस चीज की आदत हो जाएगी और भविष्य में यह दिक्कत पैदा कर सकती है। उदाहरण के तौर पर कमरे की सफाई, समान का ध्यान रखना, अपने कपड़ों को खुद फोल्ड करके रखना आदि। अक्सर माताएं जब खाना बनाती हैं तो वे अपने बच्चे को रसोई में आने भी नहीं देतीं।
बड़ों का सम्मान करना सिखाएं
बच्चों को बाहर ही नहीं घर में भी बड़े- बुजुर्गों का सम्मान करना सिखाएं। बड़ों को मिलने पर उनके सामने अच्छा व्यवहार करें और उनकी बातें सुनें।
दूसरों का साथ देना
छोटे बच्चों को सिखाएं कि अगर वो इस काबिल हैं कि अपने आसपास के लोगों की मदद कर सके, तो कभी भी इसमें पीछे न हटें। इससे जो इमोशन डेवलप होता है, वो उन्हें आगे भी बहुत काम आता है। साथ ही वो टीम की तरह काम करना भी सिखते हैं।
शेयरिंग इज केयरिंग
छोटे बच्चों को एक-दूसरे के साथ अपना सामान बांटने और उनके साथ मिल-जुलकर रहने की आदत सिखाएं। ऐसा करने से बच्चे दूसरे बच्चों के साथ खुश रहना सीखते हैं और उनमें भेदभाव की भावना भी नहीं आती। शेयरिंग की आदत बच्चों को दो साल की उम्र के बाद से सिखानी चाहिए। दो साल की उम्र के बाद वाले बच्चे ही किसी के साथ अपनी चीजों को बांटने के लिए तैयार होते हैं। चार-पांच साल की उम्र में शेयरिंग की यह आदत पूरी तरह से विकसित हो जाती है।
लोगों का अभिवादन करना सिखाएं
लोगों से मिलकर उनका अभिवादन करना अच्छा बिहेवियर माना जाता है, तो ये आदत अपने बच्चों में भी डालें। बच्चे जब लोगों का अभिवादन करना सीख जाते हैं, तो इससे उनकी पर्सनैलिटी में भी अच्छे बदलाव देखने को मिलते हैं। बड़ों से लेकर बच्चे तक उन्हें ज्यादा प्यार करते हैं।