बीजेपी महिला विरोधी पार्टी है : आतिशी
- आप मंत्री ने एलजी पर बोला हमला- दिल्ली महिला आयोग को बंद करने की साजिश रच रहे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा से ही महिला विरोधी पार्टी रही है। ये लोग रेवन्ना जैसे लोगों को चुनाव लड़वाते हैं। उसके बारे में सबकुछ जानते हुए भी प्रधानमंत्री हाथ फैलाकर वोट मांगते हैं। वहीं, इनकी सरकार पीडि़त और परेशान महिलाओं के लिए काम करने वाली संस्था दिल्ली महिला आयोग को बंद करने की साजिश रच रही हैं। बीजेपी हमेशा से ही महिला विरोधी पार्टी रही है।
ये लोग रेवन्ना जैसे दरिंदे को चुनाव लड़वाते हैं। उसके बारे में सबकुछ जानते हुए भी प्रधानमंत्री हाथ फैलाकर वोट मांगते हैं। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा-आरएसएस से जुड़े तमाम नेता वर्षों से कह रहे हैं कि आरक्षण को खत्म करना है। भाजपा के तमाम उम्मीदवार कह रहे हैं कि 400 सीट दे दो, संविधान बदलना है। प्रधानमंत्री इन बातों का जवाब दें। वहीं, अमित शाह ने साबित कर दिया कि भाजपा और उनकी ईडी का अरविंद केजरीवाल को समन भेजने का इरादा ही उन्हें गिरफ्तार करने का था। अमित शाह के बयान ने साफ कर दिया है कि दिल्ली आबकारी नीति में ईडी की जांच का मकसद आम आदमी पार्टी और हमारे नेताओं को परेशान करना है। आप मंत्री ने कहा कि जब से अरविंद केजरीवाल को ईडी के समन आना शुरू हुए तब से ही हम कह रहे थे कि यह समन भाजपा के हैं। ईडी से समन भिजवाकर भाजपा अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करवाना चाहती है। इसके बाद हुआ भी यही। अब तो अमित शाह ने भी यह बात खुद मान ली है कि ईडी का मकसद ही अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना था। जब से अरविंद केजरीवाल जी को ईडी के समन आना शुरू हुए तब से ही हम कह रहे थे कि यह समन बीजेपी के हैं।
223 नहीं दिल्ली महिला आयोग के 52 संविदाकर्मी ही बर्खास्त
दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) के 52 संविदाकर्मियों को बर्खास्त कर दिया। पहले 223 संविदा कर्मियों को हटाने का आदेश दिया गया था। विभाग के मुताबिक, इन सभी की नियुक्तियां गैरकानूनी ढंग से की गई थीं। यह कार्रवाई जून 2017 में एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर एलजी वीके सक्सेना की सिफारिश पर की गई है। 29 अप्रैल के आदेश में कहा गया था कि विभाग ने 223 संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं, पर बृहस्पतिवार को बयान जारी कर बताया कि 52 संविदा कर्मी ही बर्खास्त किए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि दरअसल 223 पद गैरकानूनी तरह से बनाए गए थे।