महाराष्ट्र हार रही भाजपा, टेंशन में शिंदे-पवार!  

महाराष्ट्र में नेता अपने अनुभव और विश्लेषण के आधार पर भविष्यवाणी कर रहे हैं कि किसे कितनी सीटें मिलेंगी... शिवसेना और एनसीपी के बीच विभाजन के बाद राज्य में यह पहला बड़ा चुनाव है... 

4पीएम न्यूज नेटवर्कः लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक बयानबाजी कम होने का नाम नहीं ले रहा है… एनडीए के अंदर अब आपसी कलह देखने को मिल रही है… महाराष्ट्र के सभी अड़तालीस सीटों पर मतदान हो चुका है… और सभी उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है… लेकिन महायुति की आपसी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है… बता दें कि महाराष्ट्र के मंत्री ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है… और महागठबंधन को बयालीस से पैंतालीस सीटे जीतने का दावा कर दिया है… जिससे महायुति में टेंशन है… वहीं अभी तक डिप्टी सीएम देवेंद्र पडणवीस, अजित पवार महायुति के जीतने का दावा कर रहे थे… इस बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के बयान ने सियासी पारा बढ़ा दिया है… बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में मोदी की लहर का कहीं कोई नामोनिशां नहीं दिख रहा था… ऐसे में परेशान और हैरान मोदी लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे… और एक बाद एक चुनावी जनसभा और रैलियां कर रहे थे… आपको बता दें कि पीएम मोदी ने अकेले महाराष्ट्र में कई जनसभाएं और रैलियां की है… जिसका कोई भी असर देखने को नहीं मिला… वहीं अपनी रैलियो और जनसभाओं का कोई असर होता हुआ न देखकर पीएम मोदी इतना बौखला गए… कि उद्धव ठाकरे को लेकर विवादित बयान दे दिया… और उनकी पार्टी को नकली शिवसेना बता दिया और उद्धव ठाकरे को नकली संतान तक कह दिया… जिसको सुनकर महाराष्ट्र की जनता में आक्रोश भर गया है… जिसके परिणाम स्वारूप बीजेपी को वहां पर भी अपनी साख को बचाने के लिए जद्दोजहद करना पड़ा… वावजूद इसके चुनावों पर पीएम मोदी की जनसभा और रैलियों का कोई असर नहीं दिखाई दिया…

वहीं पांच चरणों में महाराष्ट्र की सभी सीटों पर चुनाव संपन्न होते ही… अटकलों का दौर शुरू हो गया… और सभी दलों के द्वारा अपनी-अपनी जीत का दावा किए जाने लगा… लेकिन परिणाम इसके उलट साबित होने लगे… और अब अपनों के दावों ने बीजेपी को चिंता में डाल दिया है… जिसको देखते हुए महाराष्ट्र महायुति में खलबली मची हुई है… और सभी नेता अपनी कमियों को तलाशने में जुट गए हैं… आपको बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी प्रतिष्ठा साख पर लगीं है….  और यह जानने की कोशिश कर रही है… की कमी कहां पर रह गई है… वहीं पिछले दस साल से सत्ता में काबिज बीजेपी की सरकार ने महाराष्ट्र के लोगों के लिए कुछ नहीं किया… जैसे देश के लोगों को आस देकर भूल गए सेम वैसा ही कुछ महाराष्ट्र की राजनीति में देखने को मिला… बता दें सीएम एकनाथ शिंदे ने भी राज्य की जनता के लिए कुछ नहीं किया… ग्रामीण अंचलों में रहने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य शिक्षा रोजगार को लेकर किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया गया… जिसके बाद से राज्य की जनता ने महायुति की सरकार से किनारा करना शुरू कर दिया… और पिछले दस सालों से मोदी को देश की जनता सुनती आ रही है… और उनके सभी वादे महज जुमले साबित हुए हैं…

वहीं चुनाव खत्म होने के बाद से अपनों ही बगावत शुरू कर दिया है… और महायुति के करारी हार का दावा कर दिया है… और कहा कि महाराष्ट्र में महागठबंधन महायुति से अधिक सीटें जीत रहा है… आपको बता दें महाराष्ट्र में अड़तालीस लोकसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों की राजनीतिक किस्मत ईवीएम में बंद हो गयी है…. ऐसे में अब सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को चार जून के नतीजे का इंतजार है…. महायुति नेता लगातार यह विश्वास जता रहे हैं कि वे चालीस से ज्यादा सीटें जीतेंगे…. इस दावे को लेकर खास तौर पर उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी विश्वास जताया है कि… महागठबंधन उतनी ही सीटें जीतेगा जितनी पिछले चुनाव में जीती थी….. लेकिन यह दावा हवाहवाई है… और महाराष्ट्र मे बीजेपी बुरी तरह से हार रही है…. जिससे बीजेपी खेमे में खलबली मची हुई है…. और चुनाव खत्म होने के बाद अब किसी नेता की बयानवाजी सामने नहीं आई है….

इन सभी दावों के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे… और अजित पवार ने महागठबंधन की शानदार जीत का भरोसा जताया है…. हालांकि, अब केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अलग आंकड़ा बताया है…. वहीं अठावले ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में घमासान मचा हुआ है… सभी नेताओं में अंतर्कलह जारी है… और चार जून के बाद बड़ा बदलाव होने की आशंका जताई जा रही है… जिससे महायुति खेमे में हलचल मच गई है… वहीं अब सभी नेता इस सोंच में हैं कि किसका पत्ता कट सकता है… और किसकी कुर्सी जा सकती है… अभी यह कह पाना जल्दबाजी होगी…. लेकिन चार जून के बाद बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा… और बीजेपी में भी बड़ी टूट देखने को मिल सकती है… जिसके आसार अब दिखाई देने लगें है… और सभी नेताओं को इन सभी बातों की भनक लग चुकी है… जिससे राजस्थान के बाद महाराष्ट्र में भी खलबली मची हुई है….

आपको बता दें रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता…. और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव का सियासी गणित पेश करते हुए कहा…. कि इस साल महाराष्ट्र में जबरदस्त टक्कर देखने को मिली है….. मुझे लगता है कि महाराष्ट्र में पैंतीस से चालीस सीटों पर महायुति की जीत होगी…. दिलचस्प बात यह है कि…. कल ही राष्ट्रीय समाज पक्ष के प्रमुख महादेव जानकर ने अपना विश्वास जताया था… कि महायुति को महाराष्ट्र में बयालीस सीटों पर जीत हासिल होगी…. बहरहाल महायुति की टेंशन बढ़ गई है क्योंकि उनके ही महागठबंधन में शामिल पार्टी के नेता रामदास अठावले ने पैंतीस से चालीस सीटें जीतने की भविष्यवाणी की है….. महाराष्ट्र में इस साल हुए लोकसभा चुनाव की भविष्यवाणी करना हर किसी के लिए मुश्किल हो गया है…. इसलिए महाराष्ट्र में महागठबंधन को कितनी सीटें मिलेंगी इसका सही अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है…. लेकिन, दोनों मोर्चों के नेताओं को भरोसा है कि वे सबसे ज्यादा सीटें जीतेंगे…..

वहीं शिवसेना और एनसीपी के बीच विभाजन के बाद राज्य में यह पहला बड़ा चुनाव है….. इसलिए देश की नजर महाराष्ट्र में सियासी बदलाव पर टिकी है….. इसमें अब मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव परिणाम की भविष्यवाणी की जाती है….. सियासी रणभूमि में इस वक्त कई सीटों पर चुनावी नतीजों पर दांव चल रहा है….. ऐसे में राजनीतिक नेता भी अपने अनुभव… और विश्लेषण के आधार पर भविष्यवाणी कर रहे हैं… कि किसे कितनी सीटें मिलेंगी…. इसी गुणा गणित में लगे हुए है… और यह अंदाजा लगाने मे जुटे हुए हैं… कि किसे कितनी सीटें मिलेंगी… वहीं जनता समर्थन किसको अधिक मिला है… और जितनी भी अटकलें लगाई जा रही है… इन सभी अटकलों से चार जून को पर्दा हट जाएगा… और सभी दलों के अनुमान पर पानी फिर जाएगा….

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में अड़तालीस सीटें हैं…. और दोनों गठबंधनों में महायुति और महाविकास अघाड़ी के जरिए तीन बड़ी पार्टियां एक साथ आई हैं….. हालांकि, शिवसेना और एनसीपी के बीच फूट के कारण इस साल के लोकसभा चुनाव ने अलग मोड़ ले लिया है…. इसके अलावा मराठा आरक्षण का मुद्दा भी इस बार के चुनाव में अहम फैक्टर रहने वाला है…. इसलिए चार जून को ही पता चलेगा कि आम चुनाव में महायुति सीट बरकरार रखेगी या महाविकास अघाड़ी ज्यादा सीटें जीतेगी…. आपको बता दें कि केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने आगे कहा कि उनकी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए एक भी सीट नहीं मिलने के बावजूद एनडीए को बिना शर्त समर्थन दिया है… और विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में चुनावी रैलियों में भाग ले रहें हैं… और एनडीएं के लिए जनता से समर्थन मांग रहें है…

बता दें कि दो हजार उन्नीस के लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने महाराष्ट्र की अड़तालीस में इकतालीस सीटों पर जीत हासिल की थी… जबकि पांच सीटों पर यूपीए गठबंधन ने जीत हासिल की थी…. वहीं एआईएमआईएम एक और…. निर्दलीय उम्मीदवार नवनीत राणा ने एक सीट पर जीत हासिल की थी…. हो हजार उन्नीस का लोकसभा चुनाव बीजेपी… और शिवसेना ने साथ चुनाव लड़ा था…. तब शिवसेना टूटी भी नहीं थी…. वहीं दो हजा उन्नीस के लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में काफी परिवर्तन हुआ है…. शिवसेना दो धड़ों में बंट गई है….. एकनाथ शिंदे विधायकों को लेकर शिवसेना से अलग हो गए हैं… वहीं उद्धव ठाकरे कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) के साथ हैं…..

सिर्फ शिवसेना ही नहीं बल्कि एनसीपी में भी टूट हुई है….. अजित पवार भी विधायकों के साथ एनसीपी तोड़कर अलग हो गए हैं… और असली एनसीपी उनकी हो गई है…. अब शिंदे सेना और अजित पवार की एनसीपी एनडीए का हिस्सा है और महाराष्ट्र सरकार में भी साथ है…. आपको बता दें कि महाराष्ट्र के नतीजों पर पूरे देश की नजर है…. क्योंकि महाराष्ट्र को लेकर इंडिया गठबंधन काफी कॉन्फिडेंट है कि…. उसे अधिक से अधिक संख्या में सीटें मिलेगी…. वहीं बीजेपी को लगता है कि… शिंदे और अजित पवार के आने के बाद वह मजबूत हो गई है… लेकिन ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है… इस बार बीजेपी के सभी मनसूबे पर पानी फिरता नजर आ रहा है… और देश की जनता ने बीजेपी को सत्ता से बाहर भेजने का मन बना लिया है… और इस बार के चुनाव में दो हजार चौदह और दो हजार उन्नीस वाली मोदी लहर नहीं है… यह दो कहजार चौबीस का चुनाव है… जिसमें जनता सीधे बीजेपी से टक्कर ले रही है… वहीं इस चुनाव में मुताबला जनता बनाम सरकार हो गया है… वहीं इन सभी अटकलों का पर विराम चार जून को लग जाएगा… और देश की जनता किसकी ताजपोशी करेगी… यह आने वाला वक्त तय करेगा…

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