बिहार में टूट सकता है बीजेपी-जेडीयू गठबंधन!

  • 11 अगस्त तक सरकार बना सकते हैं नीतीश, कल बुलाई बैठक
  • सीएम ने सोनिया गांधी से टेलीफोन पर बात की है

पटना। बिहार में एक बार फिर बीजेपी-जदयू गठबंधन टूट की कगार पर है। खबर है कि 11 अगस्त तक दोनों अलग हो सकते हैं और राज्य में फिर जेडीयू और आरजेडी की सरकार बन सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सभी सांसद और विधायकों को अगले दो दिन में पटना पहुंचने को कहा है। कल सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। उधर आरजेडी भी इसी नक्शेकदम पर है। उसने सभी विधायकों को पटना में रहने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक नीतीश ने सोनिया गांधी से टेलीफोन पर बात की है। 11 अगस्त तक राज्य में नई सरकार बन सकती है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि मंगलवार को ही तेजस्वी यादव अपने सभी विधायकों के साथ बैठक करेंगे। हालांकि सरकार के भविष्य को लेकर जेडीयू नेताओं ने कोई आधिकारिक बात नहीं कही है। दिल्ली में झंझारपुर के जेडीयू सांसद रामप्रीत मंडल ने कहा कि बिहार की राजनीति में कुछ भी संभव है। ये टर्निंग पॉइंट है। हम लोगों के पहुंचने से पहले ही वहां कुछ भी हो सकता है। हमारे नेता नीतीश कुमार हैं, वो जो फैसला लेंगे वो मान्य होगा। इस बयान को लेकर माना जा रहा है कि एनडीए सरकार को लेकर नीतीश कुमार आज ही कुछ फैसला ले सकते हैं। बता दें कि 2020 में नीतीश की पार्टी जेडीयू की 28 सीटें घट गई थीं और वह 43 पर आ गई, जबकि बीजेपी की 21 सीटें बढ़कर 74 पर पहुंच गई थीं। इसके बावजूद बीजेपी ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया था। एनडीए को 125 सीटें और महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं।

नीतीश भाजपा से हैं नाराज
सूत्रों के मुताबिक नीतीश को सरकार चलाने में फ्री हैंड नहीं मिल रहा है। चिराग प्रकरण के बाद आरसीपी प्रकरण से भी भाजपा से खफा हैं। बीते कुछ महीने में नीतीश ने कई अहम बैठकों से दूरी बनाई है। कुछ महीने पहले वे पीएम मोदी की कोरोना पर बुलाई गई बैठक से दूर रहे। यही नहीं पूर्व राष्टï्रपति रामनाथ कोविंद के सम्मान में दिए गए भोज, राष्टï्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी नहीं गए।

खादी से निर्मित राष्ट्र ध्वज फहरायें: दुर्गा शंकर मिश्र

लखनऊ। आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों को लेकर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि सभी सरकारी, वाणिज्यिक व औद्योगिक प्रतिष्ठानों तथा शैक्षणिक संस्थानों में खादी से निर्मित राष्टï्र ध्वज ही फहराये जाएंगे। गौरतलब है कि इस बार सरकार ने पालिस्टर के झंडे लगाये जाने की अनुमति भी दी है। मुख्य सचिव ने सभी डीएम को जारी निर्देश में कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर सुबह आठ बजे सभी सरकारी भवनों में ध्वजारोहण के साथ राष्टï्रगान होगा। दोपहर बाद सार्वजनिक स्थानों पर जनसभाओं का आयोजन किया जायेगा। जिनमें देशभक्तों व अमर बलिदानियों के जीवन संघर्ष को याद किया जायेगा। सभी समुदायों में एकता, भाईचारे व इंसानियत पर बल दिया जायेगा। स्वतंत्रता सप्ताह 11 से 17 अगस्त और 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलेगा। इस दौरान सभी शहरों व गांवों में स्वच्छता अभियान के साथ पार्कों की सजावट की जायेगी। प्रदेशवासियों को सरकार की प्राथमिकताओं व उपलब्धियों की जानकारी दी जायेगी।

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को संसद में दी गई विदाई

नई दिल्ली। देश के वर्तमान उप राष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। इस बीच वर्तमान उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू को आज संसद भवन में विदाई दी गई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में कहा कि आज हम सब यहां सभापति और उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को उनके कार्यकाल के समापन पर धन्यवाद देने के लिए मौजूद हैं। यह इस सदन के लिए बहुत ही भावुक क्षण है। सदन के कई ऐतिहासिक क्षण आपकी गरिमामयी उपस्थिति से जुड़े हैं। राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि आपने कई बार कहा है कि मैं राजनीति से संन्यास ले चुका हूं लेकिन सार्वजनिक जीवन से नहीं थक रहा हूं। इसलिए इस सदन के नेतृत्व करने की आपकी जिम्मेदारी अब समाप्त हो गई है। लेकिन देश के साथ-साथ सार्वजनिक जीवन के कार्यकर्ता को आपके अनुभवों का लाभ मिलता रहेगा।

कभी राइफल के साथ पकड़े गए थे मंत्री राकेश सचान!

लखनऊ। यूपी में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान पर कोर्ट से सजा की फाइल लेकर भागने का आरोप है। मामले में उन्होंने कहा कि वह कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखेंगे। अवैध हथियार के एक पुराने मामले में शनिवार को कानपुर की एक अदालत ने सचान को दोषी करार दिया था। दरअसल, राकेश छात्र जीवन में छात्र राजनीति के नेता रहे हैं। उन पर चल रहे कई मुकदमे छात्र जीवन से जुड़े हैं, जिस मामले की फाइल लेकर भागने का आरोप उन पर लगा है, वह 1991 में उनके छात्र जीवन के समय का एक केस है। नौबस्ता इलाके में 31 साल पहले नृपेंद्र सचान की दो लोगों के साथ हत्या हुई थी। उस समय राकेश सचान को नौबस्ता एसओ ब्रजमोहन ने एक राइफल के साथ पकड़ा था, जिसका लाइसेंस उनके पास नहीं था। हालांकि राकेश सचान दावा करते हैं कि राइफल उनके मेरे नाना की थी। पुलिस ने जानबूझकर उन्हें पकड़ लिया. यही मुकदमा तब से कोर्ट में चल रहा था। इस पर शनिवार को एसीएमएम थर्ड कोर्ट अपना जजमेंट देने जा रही थी लेकिन आरोप है कि राकेश सचान वह पत्रावली लेकर भाग गए। राकेश पर इसके अलावा 3 मुकदमे और चल रहे हैं। इनमें दो ग्वालटोली थाने में दर्ज हुए थे, जबकि एक कोतवाली में दर्ज है।

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