गृह युद्ध के लिए CJI जिम्मेदार, निशिकांत दुबे के बयान से BJP ने बनाई दूरी
BJP सांसद निशिकांत ने कहा कि देश के सभी गृह युद्धों के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं, वहीं धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः सुप्रीम कोर्ट की तरफ से राष्ट्रपति को विधेयकों पर फैसला लेने के लिए एक समय सीमा तय करने का विवाद अब तेज हो चला है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए CJI संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं. हालांकि बीजेपी ने उनके इस बयान पर किनारा कर लिया है. इस बयान के बाद सांसद और सीजेआई चर्चा में आ गए हैं. संजीव खन्ना किन फैसलों को लेकर चर्चा में रहे हैं? आइये जानते हैं.
वक्फ कानून भले ही संसद और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू हो गया हो, लेकिन इस कानून पर कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की तरफ से राष्ट्रपति को विधेयकों पर फैसला लेने के लिए एक समय सीमा तय करने का विवाद अब तेज हो चला है.
कोर्ट के इस फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना पर जमकर बरस पड़े. उन्होंने आरोप लगाया कि इस देश के सभी गृह युद्ध भड़काने के लिए संजीव खन्ना जिम्मेदार है. सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है. बीजेपी सांसद के इस बयान के बाद सीजेआई संजीव खन्ना चर्चा में आ गए हैं. सांसद के इस बयान पर कांग्रेस भी हमलावर है.
कौन हैं सीजेआई संजीव खन्ना?
संजीव खन्ना ने 11 नवंबर 2024 को देश के 51 वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली थी. इसके पहले वे दिल्ली हाईकोर्ट में जज के तौर पर काम कर चुके हैं. जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था. उन्होंने साल 1977 में नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी थी.
संजीव खन्ना करीब 14 सालों तक दिल्ली हाईकोर्ट के जज भी रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कई बड़े फैसले भी लिए थे. जस्टिस संजीव खन्ना 18 जनवरी 2019 को वो भारत के सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में प्रमोट किया गया था. उनके परिवार की बात की जाए तो मां सरोज खन्ना दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज में हिंदी लेक्चरर और पिता दिल्ली हाईकोर्ट के जज के तौर पर रिटायर हुए थे.
इन फैसलों में रहे सीजेआई खन्ना शामिल
सीजेआई संजीव खन्ना देश के कई बड़े मामलों पर सुनवाई में शामिल रह चुके हैं. वे बिलकिस बानो केस में फैसला देने वाली बेंच में शामिल थे. इसके साथ ही उन्होंने ही अरविंद केजरीवाल को जमानत दी थी. जस्टिस खन्ना अब तक RTI, ज्यूडिशियल ट्रांसपेरेंसी, VVPAT, इलेक्टोरल बॉन्ड और अनुच्छेद 370 समेत अन्य बड़े मामलों के फैसले से जुड़े रहे हैं.
साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से एक फैसला सुनाया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि किसी मामले में संविधान के आर्टिकल-142 के तहत सुप्रीम कोर्ट सीधे तलाक का फैसला दे सकता है. जस्टिस खन्ना बतौर चीफ जस्टिस सिर्फ 6 महीने पद पर रहने वाले हैं. वे 13 मई 2025 को रिटायर हो जाएंगे. इससे पहले वे वक्फ बिल पर भी सुनवाई कर रहे हैं.
किस मामले पर भड़क गए बीजेपी सांसद?
BJP सांसद निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट और संजीव खन्ना भड़कने के पीछे की वजह सीजेआई खन्ना का एक निर्देश माना जा रहा है. उन्होंने 8 अप्रैल को आदेश दिया कि राज्यपाल के पास कोई वीटो पावर नहीं है. इस पर सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले पर राष्ट्रपति को 3 महीने के भीतर फैसला लेना होगा. इसका ऑर्डर 11 अप्रैल को सामने आया था, जिसके बाद से ही ये विवाद गहराया हुआ है. कोर्ट के इस फैसले पर ही बीजेपी और उनके सांसदों ने नाराजगी जताई है.
क्या है बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का बयान?
BJP सांसद निशिकांत ने कहा कि देश के सभी गृह युद्धों के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं, वहीं धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि कोर्ट अपनी सीमाओं से बाहर जा रहा है. अगर हर किसी को सारे मामलों के लिए सर्वोच्च अदालत जाना पड़े तो संसद और विधानसभा बंद कर देनी चाहिए.
बीजेपी सांसद ने सवाल करते हुए कहा कि आप चुने हुए प्राधिकारी को कैसे निर्देश दे सकते हैं? राष्ट्रपति देश के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते हैं. जबकि संसद देश का कानून बनाती है. आप उस संसद को निर्देश देंगे? आपने नया कानून कैसे बना दिया? किस कानून में लिखा है कि राष्ट्रपति को 3 महीने के भीतर फैसला लेना है? बीजेपी सांसद इस बयान के बाद माहौल गर्मा गया है. हालांकि पार्टी ने सांसद के बयान से खुद को अलग कर लिया है.



