भाजपा ने कैसरगंज सीट से करण भूषण को बनाया प्रत्याशी
पिछले साल कुर्सी सौंपना चाहते थे बृजभूषण शरण सिंह
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बीजेपी ने कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह के पुत्र करण भूषण सिंह को उनकी सीट से उम्मीदवार बनाया है। बृजभूषण एक साल पहले ही अपनी कुर्सी अपने चहेते व छोटे बेटे करण भूषण को सौंपने का ताना बाना बुन चुके थे। वह करण भूषण को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) अध्यक्ष बनाना चाहते थे।
महासंघ के नियमों के अनुसार एक व्यक्ति सिर्फ तीन बार या अधिकतम 12 वर्ष तक ही महासंघ का अध्यक्ष रह सकता है। बृजभूषण शरण सिंह का अधिकतम 12 वर्ष का कार्यकाल 2023 में पूरा होने के पहले अपने बेटे की ताजपोशी करना चाह रहे थे। जिसके लिए उन्होंने अपने ही कार्यकाल में करनभूषण सिंह को डब्ल्यूएफआई का उपाध्यक्ष बना दिया था। लेकिन ऐन वक्त पर महिला पहलवानों ने आरोप लगाकर उनके मनसूबों पर पानी फेर दिया। यहां तक कि महिला पहलवानों ने बृजभूषण के परिवार के किसी सदस्य का नाम डब्ल्यूएफआई के मतदाता सूची में होने पर भी ऐतराज जताया था। जिसके चलते उनके बेटे करणभूषण सिंह और दामाद विशाल सिंह का नाम मतदाता सूची से बाहर कर दिया गया था। अब भाजपा के टिकट पर यदि वह बाजी मारने में कामयाब होते हैं तो उन्हें पिता की राजनीतिक विरासत संजोने का अवसर मिलेगा।
बेटियां हार गईं: साक्षी मलिक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी द्वारा पूर्व कुश्ती निकाय प्रमुख बृजभूषण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को टिकट देने पर कुछ खिलाडिय़ों ने नाराजगी व्यक्त की है। पूर्व भारतीय पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से पूर्व कुश्ती निकाय प्रमुख बृजभूषण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को उम्मीदवार बनाने के भाजपा के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बता दें कि बृजभूषण सिंह यौन उत्पीडऩ मामले में आरोपी हैं।
साक्षी मलिक ने एक्स पर लिखा, देश की बेटियां हार गईं, बृजभूषण जीत गए। हम सभी ने अपना करियर दांव पर लगाया और कई दिनों तक धूप और बारिश में सडक़ों पर सोए. आज तक, बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं किया गया है. हम कुछ भी मांग नहीं रहे थे, हम केवल न्याय की मांग कर रहे हैं। छह बार के सांसद बृजभूषण सिंह को पिछले साल बड़े पैमाने पर राजनीतिक तूफान का सामना करना पड़ा था, जब विनेश फोगट के साथ ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित कई प्रदर्शनकारियों ने उनके खिलाफ विरोध करने के लिए दिल्ली की सडक़ों पर प्रदर्शन किया था और उन पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया था। आरोप है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान महिला खिलाडिय़ों से अनुचित व्यवहार किया गया। हालांकि, उन्होंने इस मामले में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है, जो अदालत में है।