BJP विधायक के बिगड़े बोल, कहा- दुकानदार भागे तो गोली मार दो
गाजियाबाद की लोनी सीट से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने गुरुवार को अचानक मीट की दुकानों पर छापा मारा...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं…… गुरुवार को उन्होंने लोनी के फरुखनगर क्षेत्र में मीट की दुकानों पर अचानक छापा मारा……. जिसके बाद उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया…… इस 4 मिनट 16 सेकेंड के वीडियो में गुर्जर अपने समर्थकों के साथ मीट दुकानदारों को धमकाते…… और एक दुकानदार को जबरन पुलिस चौकी तक ले जाते नजर आ रहे हैं…… वीडियो में उनकी यह टिप्पणी कि “भागे तो गोली मार देना” ने न केवल स्थानीय स्तर पर….. बल्कि पूरे देश में तीखी प्रतिक्रियाएं बटोरी हैं…… बल्कि BJP की कार्यशैली और उसके नेताओं के व्यवहार पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है……
पूरा मामला थाना टीला मोड़ के अंतर्गत फरुखनगर पुलिस चौकी क्षेत्र का है…… जो हिंडन एयरपोर्ट और एक मंदिर के नजदीक है…… नंदकिशोर गुर्जर ने दावा किया कि इस क्षेत्र में मीट की दुकानें अवैध रूप से संचालित हो रही हैं…… जो न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं……. बल्कि हिंडन एयरपोर्ट के आसपास नियमों का उल्लंघन भी करती हैं…… उन्होंने अपने समर्थकों के साथ फरुखनगर में छापेमारी शुरू की…… जिस दौरान दुकानदार घबराहट में अपनी दुकानें बंद करने लगे……. कुछ दुकानदार ताला लगाकर भाग गए…….. लेकिन गुर्जर और उनके समर्थकों ने एक दुकानदार को पकड़ लिया…… और उसे पुलिस चौकी तक ले गए…….. इस दौरान गुर्जर का यह बयान कि “कोई भी भागे तो गोली मार दो” न केवल चौंकाने वाला है……. बल्कि यह कानून को अपने हाथ में लेने की मानसिकता को दर्शाता है……
नंदकिशोर गुर्जर का यह कदम BJP की उस छवि को और धूमिल करता है……. जो वह “सबका साथ, सबका विकास” के नारे के साथ बनाना चाहती है…… यह पहली बार नहीं है जब गुर्जर ने इस तरह के विवादास्पद कदम उठाए हैं…… पहले भी वे मीट की दुकानों को बंद करने, धार्मिक भावनाओं के नाम पर कार्रवाई करने….. और पुलिस के साथ टकराव के लिए सुर्खियों में रहे हैं…… 2020 में उन्होंने नवरात्रि के दौरान लोनी में मीट की दुकानें बंद कराने का अभियान चलाया था…… और इसे “राष्ट्रद्रोह” तक करार दिया था…… 2021 में भी उन्होंने दुकानदारों को धमकी दी थी कि “मुर्गा नहीं बिकेगा, दिल्ली जाकर बेचो, वरना जमानत नहीं होगी……
वहीं इन घटनाओं से साफ है कि गुर्जर की कार्यशैली न केवल आक्रामक है…… बल्कि यह सामुदायिक सौहार्द को भी खतरे में डालती है…… उनके इस रवैये को BJP नेतृत्व की चुप्पी और समर्थन के रूप में देखा जा रहा है…… जो पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाता है….. क्या BJP ऐसी कार्रवाइयों को बढ़ावा देती है…… जो धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ाने का काम करती हैं…… वहीं यह सवाल तब और गंभीर हो जाता है…….. जब गुर्जर जैसे नेता बार-बार इस तरह की हरकतों को अंजाम देते हैं…… और पार्टी की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती…..
गुर्जर का यह बयान कि “भागे तो गोली मार देना” न केवल आपत्तिजनक है…… बल्कि यह कानून-व्यवस्था का मखौल उड़ाता है…… एक विधायक जनता का चुना हुआ प्रतिनिधि है….. इस तरह हिंसा को बढ़ावा देना और कानून को अपने हाथ में लेना निंदनीय है…… क्या यह BJP की उस विचारधारा को दर्शाता है……. जो कानून के शासन के बजाय व्यक्तिगत या सांप्रदायिक एजेंडे को प्राथमिकता देती है……. यह घटना उस समय और भी गंभीर हो जाती है…… जब उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ “कानून का राज” स्थापित करने का दावा करते हैं….. फिर भी, उनके ही पार्टी के विधायक खुले तौर पर हिंसा की धमकी दे रहे हैं……..
आपको बता दें कि BJP का यह दोहरा चरित्र भी सवालों के घेरे में है…… एक तरफ पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर विकास और समावेशी राजनीति की बात करती है…….. लेकिन दूसरी तरफ उसके नेता जैसे नंदकिशोर गुर्जर खुले तौर पर सांप्रदायिक बयानबाजी….. और कार्रवाइयां करते हैं……. 2022 में गुर्जर को चुनाव आयोग ने सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए नोटिस जारी किया था…… जब उन्होंने कहा था ना अली, ना बाहुबली, लोनी में सिर्फ बजरंग बली……. इसके बावजूद BJP ने उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट दिया……… और वे फिर से जीत गए….. जिससे यह स्पष्ट करता है कि पार्टी उनके इस तरह के व्यवहार को न केवल बर्दाश्त करती है……. बल्कि उसे बढ़ावा भी देती है…..



