बीजेपी ने कर दिया नीतीश के साथ खेला, दिल्ली में सीट देने से किया सीधा मना!

बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच इस समय घमासान मचा हुआ है... जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन टूट गया है... आपको बता दें की जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच इस समय घमासान मचा हुआ है…. जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन टूट गया है…. आपको बता दें की जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी का जो गठबंधन था अब वह गठबंधन टूट गया है…. दरअसल, आप बिहार में देख रहें हैं कि किस तरह से उठापटक मचा हुआ है…. नीतीश को किनारे लगाने के लिए बीजेपी का प्लान तैयार हो चुका है…. बस भारतीय जनता पार्टी सही समय का इंतजार कर रही है…. और बीजेपी का जैसे ही सही समय आएगा…. नीतीश कुमार को किनारे लगा देगी…. और बिहार की सत्ता में बीजेपी कब्जा कर लेगी…. और इसी बीच दिल्ली जहां अगले साल चुनाव होना है…. वहां पर भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश कुमार को सीट देने से साफ इनकार कर दिया है…. बता दें कि सत्तर विधानसभा सीट वाले दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के बीच में दरार आ गया है…. आपको बता दें कि जनता दल यूनाइटेड दिल्ली में दो से तीन सीटों की मांग कर रही है….. और जेडीय़ू का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी हमे उस जगह पर दो से तीन सीटें दें जहां पर बिहार के पूर्वांचल के ज्यादा लोग रहते हैं…..

वहां पर नीतीश कुमार की पार्टी अपने उम्मीदवार उतारना चाहती थी…. लेकिन दोस्तो भारतीय जनता पार्टी की जो दिल्ली प्रदेश की यूनिट है…. उसके प्रदेश अध्य़क्ष वीरेंद्र सचदेवा ने साफ कर दिया है कि जेडीयू को दिल्ली में लड़ने के लिए कोई भी सीट नहीं देगी…. लेकिन सीट बंटवारे को लेकर आखिरी फैसला आलाकमान का होता है…. राष्ट्रीय नेतृत्व का होता है…. लेकिन दिल्ली बीजेपी की स्थानीय यूनिट ने जनता दल यूनाइटेड को सीटें देने से साफ इनकार कर दिया है…. यानी दिल्ली में जेडीय़ू और बीजेपी के रिश्ते दरक गए है…. खराब हो गए है…. और दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी कोई भी सीट नहीं देने के मूड में नहीं है….. दिल्ली में एक भी सीट जनता दल यूनाइटेड को नहीं देगी…. जिसके बाद से कय़ास लगाए जा रहे हैं कि क्या बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड के रिश्ते बिगड़ते जा रहे हैं…. वहीं इन बिगड़ते रिश्तों के बीच बिहार मे क्य़ा यह गठबंधन टिक पाएगा…. क्योंकि बिहार में तमाम तरह की उहापोह की स्थिति है….

आपको बता दें कि बिहार को लेकर तमाम तरह की खबरें हैं…. तमाम तरह की अटकले हैं…. और इस बीच जब दिल्ली से ऐसी खबरें आती हैं कि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी जनता दल यूनाइटेड को एक भी सीट नहीं देगी…. तो यह नीतीश कुमार के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है…. वहीं जब झारखंड का चुनाव था… तब बीजेपी के द्वारा जेडीयू को दो सीटें दे दी गई…. लेकिन वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव में फिर सीट देने में आनाकानी क्यों की जा रही है…. जो अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा करता है…. और इससे साफ पता चलता हैं कि बीजेपी नीतीश कुमार को किनारे लगाने का अपना प्लान सेट कर चुकी है…. और दिल्ली में एक भी सीट न देकर इसका बड़ा ऐलान कर दिया है…. आपको बता दें कि जब दिल्ली में चुनाव हैं दिल्ली देश की राजधानी है.,,,,, और दिल्ली की राजनीति से पूरे देश की राजनीति तय होती है…. और कहा जाता है कि जिसने दिल्ली फतेह कर लिया…. वह पूरा देश फतेह कर लेगा….

आपको बता दें कि दिल्ली में जेडीयू लंबे समय से चुनाव लड़ती चली आ रही है…. वहीं वो अलग बात है कि जेडीयू ने यहां एक भी सीट नहीं जीती है…. लेकिन उसके जो वोटर हैं…. जेडीयू को वोट करते हैं….. वहीं पिछले चुनाव में भी जब जेडीयू चुनाव लड़ी तो उसको कई सीटों पर अस्सी हजार वोट कई सीटों पर सत्तर हजार वोट मिले…. जेडीयू चुनाव नहीं जीत पाई लेकिन जनता दल यूनाइटेड का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा…. वहीं अब नीतीश कुमार को लगता हैं कि पार्टी को और मजबूत करना है….. तो दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए…. और इसलिए ही जेडीयू बार-बार भारतीय जनता पार्टी से कह रही थी कि उसको दिल्ली में चुनाव लड़ने के लिए सीटे दी जाए….. लेकिन भाजपा की तरफ से जो संकेत मिल रहें हैं…. उसके मुताबिक दिल्ली में भाजपा नीतीश कुमार को एक भी सीट देने के मूड में नहीं हैं…. ऐसे में दिल्ली में भाजपा और नीतीश कुमार का कोई गठबंधन नहीं रहेगा…. तो ऐसे में नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होकर अपने प्रत्याशियों को दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतारेंगे….

आपको बता दें कि दिल्ली के अंदर बिहार और पूर्वांचल के तमाम वोटर हैं….. जो दिल्ली की कई सीटों पर जेडीयू को वोट करते हैं…. और अन्य पार्टियों का गुणा-गणित बिगाड़ने का दम रखते हैं….. ऐसे में नीतीश कुमार की पार्टी दिल्ली चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार नहीं करती है…. तो भाजपा को दिल्ली में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है….. इसलिए ही ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि दिल्ली में अगर ये गठबंधन टूटा तो बीजेपी को मुह की खानी पड़ सकती है…. और इसका असर बिहार विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा…. बता दें कि बिहार में भी अगले साल चुनाव होना है…. बता दें कि दो सौ तैंतालीस सीटों वाला यह राज्य भारतीय जनता पार्टी के लिए और जनता दल यूनाइटेड के लिए बेहद महत्वपूर्ण है…. नीतीश कुमार वर्तमान में वहां के मुख्यमंत्री हैं लेकिन बीजेपी नेताओं के जिस तरह के बयान सामने आ रहें हैं…. जिसको सुनकर ऐसा लगता है कि भाजपा बिहार में भी प्लान बी पर काम कर रही है…. वहीं अब सबकी नजर दिल्ली चुनाव पर है…. अगर बीजेपी नीतीश कुमार को दिल्ली में सीट नहीं देती है….. तो नीतीश कुमार बिहार में बड़ा खेल करेगें….

बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और भाजपा में अभी गाढ़ी दोस्ती है….. दोस्ती कोई नई नहीं है…. वर्ष दो हजार पांच से यह साथ बना हुआ है…. हां, बीच-बीच में दोस्ती टूटती-जुटती भी रही है….. संप्रति दोनों बिहार में साथ मिल कर सरकार चला रहे हैं…. भाजपा राष्ट्रीय स्तर की सबसे बड़ी पार्टी है…. तो जेडीयू की जमीन बिहार में ही पुख्ता रही है…. वैसे जेडीयू ने नार्थ ईस्ट के राज्यों- अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में भी अपनी जमीन तैयार की थी…. पर उसकी साथी भाजपा ने ही वहां इसका नामोनिशान मिटा दिया….. झारखंड में भाजपा से मिली दो सीटों पर जेडीयू ने अपने उम्मीदवार उतारे….. लेकिन एक ने ही जीत दर्ज की….. जीतने वाले सरयू राय भी पूर्व में भाजपा की ही राजनीति करते रहे हैं….. यूपी में भी जेडीयू चुनाव लड़ने के लिए कसमसाती रही है….. लेकिन भाजपा ने मौका नहीं दिया…. वहीं अब दिल्ली में जेडीयू की इच्छा भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने की है….. लेकिन भाजपा की दिल्ली इकाई ने जेडीयू को मौका देने से मना कर दिया है….. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को अब जेडीयू को दिल्ली में जमीन देने पर फैसला करना है….. वैसे दो हजार बीस के विधानसभा चुनाव में जेडीयू को तीन सीटें देकर भाजपा आजमा चुकी है….. जेडीयू का एक भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया था….. बहरहाल, भाजपा के तेवर से ऐसा लगता है कि वह जेडीयू को बिहार से बाहर जमीन देने के मूड में नहीं है…..

वहीं कुछ ही दिनों पहले जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने प्रेस कान्फ्रेंस कर बताया कि भाजपा के साथ मिल कर जेडीयू दिल्ली में चुनाव लड़ेगा…… सीटों की संख्या भाजपा से बातचीत कर तय होगी….. जेडीयू नेताओं ने जिस तरह आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को निशाने पर लिया….. उससे साफ था कि वे एनडीए में रह कर ही चुनाव लड़ने के पक्षधर हैं….. पर, भाजपा की दिल्ली इकाई ने जेडीयू की डिमांड की यह कह कर हवा निकाल दी है…. कि उसे सीटें देना पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित होगा…. तर्क यही है कि पिछली बार तीन सीटें देकर कोई फायदा नहीं हुआ था…. वहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जीत गए थे….. इसलिए भाजपा को लगता है कि जेडीयू के साथ गठबंधन का कोई फायदा नहीं होने वाला….

बता दें कि दिल्ली में बड़े पैमाने पर बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं….. बंगाल में इन्हें बिहारी, नार्थ ईस्ट में पूरबिया तो दिल्ली में इन्हें पूर्वांचली कहा जाता है….. नौकरी और पढ़ाई के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे ये लोग दिल्ली विधानसभा की सत्रह सीटों पर प्रभाव रखते हैं….. दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में इनकी बसाहट है….. दिल्ली की सत्रह सौ सत्तानबे कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले अस्सी से नब्बे प्रतिशत लोग पूर्वांचल के हैं….. विकासपुरी, द्वारका, मटियाला, मॉडल टाउन, बुराड़ी, करावल नगर, सीमापुरी, बादली, किराड़ी, नांगलोई, उत्तम नगर, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, संगम विहार, बदरपुर, पालम, देवली, राजेंद्र नगर जैसी विधानसभा सीटों पर पूर्वांचलियों का प्रभाव है…… इन सीटों पर उम्मीदवार की जीत-हार का फैसला इन्हीं लोगों के हाथ होता है….. इन्हीं में तीन सीटें बुराड़ी, किराड़ी और सीमापुरी सीटें पिछली बार समझौते में भाजपा ने जेडीयू को दी थी…..

वहीं कुछ महीने पहले ही हुए झारखंड विधानसभा के चुनाव में भी जेडीयू ने एनडीए फोल्ड में रह कर चुनाव लड़ा था….. जेडीयू पहले दस सीटों की मांग कर रहा था….. लेकिन भाजपा ने सिर्फ दो सीटें ही दीं….. उनमें भी एक सीट तो जेडीयू की सिटिंग सीट थी….. निर्दलीय विधायक सरयू राय के जेडीयू ज्वाइन करने से जमशेदपुर पूर्वी सीट जेडीयू की हो गई थी….. भाजपा ने वह सीट सरयू राय से ले ली….. और उन्हें उसके बदले जमशेदपुर पश्चिमी की सीट दी….. जेडीयू से सिर्फ सरयू राय ने ही जीत दर्ज की….. भाजपा को झारखंड का सबक भी याद है….. दो सीटें मिलने से नीतीश कुमार की नाराजगी भी नजर आई…. और उन्होंने बिहार से ही अलग होकर बने झारखंड में न अपने उम्मीदवारों का चुनाव प्रचार किया….. बल्कि एनडीए से भी दूर ही रहे…..

आपको बता दें कि भाजपा ने आरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में जेडीयू के विधायकों को तोड़ लिया था….. अरुणाचल प्रदेश में जब जेडीयू के विधायक भाजपा ने तोड़े…. उस वक्त दोनों बिहार में साथ-साथ सरकार चला रहे थे….. पहले भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के छह में पांच विधायकों को तोड़ा था….. बाद में मणिपुर के जेडीयू विधायक को भी अपने पाले में कर लिया….. इससे भी यह साबित होता है कि भाजपा बिहार से बाहर जेडीयू को जमीन नहीं देना चाहती….. दिल्ली में अगर जेडीयू की इच्छा पर पानी फिर गया….. जैसे कि संकेत मिल रहे हैं…. तो यह बात पक्के तौर पर मान लेनी होगी कि जेडीयू को बिहार तक ही सिमटा कर भाजपा रखना चाहती है…..

 

 

 

 

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