बीजेपी Vs शिवसेना? ‘फडणवीस पर आरोप लगाए’ शिंदे की कुबूलियत से हलचल
महाराष्ट्र की सियासत में हलचल तेज... शिवसेना को कमजोर करने की बीजेपी की कोशिशों पर नया विवाद खड़ा हो गया है... सीएम शिंदे ने...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र की राजनीति हमेशा से ही गर्मागर्म रही है.. लेकिन दिसंबर 2025 में चल रहे लोकल बॉडी इलेक्शन ने तो जैसे आग लगा दी है.. 264 म्युनिसिपल काउंसिल और नगर पंचायतों के लिए हो रहे इन चुनावों में सत्ता पक्ष की महायुति के अंदर ही घमासान मच गया है.. डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और सीएम देवेंद्र फडणवीस के बीच बयानबाजी ने कयासों को जन्म दिया कि क्या गठबंधन टूटने की कगार पर है.. इसी बीच विपक्ष के सांसद संजय राउत ने शिंदे पर नकदी बांटने के गंभीर आरोप लगाकर विवाद को नई ऊंचाई दे दी.. आज यानी 3 दिसंबर को मतगणना होनी थी.. लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश से इसे 21 दिसंबर तक टाल दिया गया है..
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में लोकल बॉडी इलेक्शन हर पांच साल में होते हैं.. लेकिन 2025 का यह चुनाव खास है.. राज्य में 6,042 सीटें और 264 अध्यक्ष पद दांव पर हैं.. 2 दिसंबर को पहले चरण का मतदान हुआ.. जिसमें 35% से ज्यादा वोटिंग दर्ज हुई.. लेकिन पुणे जिले की 24 जगहों पर कोर्ट केसों के कारण मतदान 20 दिसंबर तक टल गया.. महाराष्ट्र स्टेट इलेक्शन कमीशन ने 22 नवंबर की डेडलाइन के बाद आने वाले कोर्ट ऑर्डर को आधार बनाकर यह फैसला लिया..
वहीं ये चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं.. जिसमें सड़क, पानी, कचरा प्रबंधन और विकास जैसे तमाम मुद्दे शामिल होते हैं.. लेकिन इस बार राजनीतिक रंग हावी हो गया.. महायुति ने सीट शेयरिंग में आपसी टकराव की वजह से ‘फ्रेंडली फाइट’ कई जगहों पर किया.. ठाणे-डोंबिवली में बीजेपी ने शिवसेना (शिंदे) के नेताओं को तोड़ लिया.. जबकि उल्हासनगर में शिंदे गुट ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं को लुभाया.. विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने इसे महायुति की कमजोरी बताया..
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक कुल 1.2 करोड़ वोटर हैं.. और 50,000 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं.. मतदान के दौरान हिंसा भी हुई.. महाड में अजित पवार और शिंदे गुट के कार्यकर्ता भिड़े.. जबकि बडलापुर में बीजेपी-शिवसेना के बीच धक्कामुक्की हुई.. हिंगोली में शिंदे गुट के विधायक संतोष बंगर पर ईवीएम के पास मोबाइल फोन ले जाने का केस दर्ज हुआ.. ये घटनाएं लोकतंत्र की मजबूती पर सवाल उठाती हैं.. आपको बता दें कि इन सबके बीच विवाद की जड़ है.. शिंदे और फडणवीस के बीच की खुली बयानबाजी.. 26 नवंबर को फडणवीस ने एक रैली में शिंदे पर तंज कसा.. और उन्होंने कहा कि किसी को लगता है कि वह आपकी लंका जला देगा.. लेकिन हम लंका में नहीं रहते.. हम राम के भक्त हैं.. रावण राम का भाई नहीं हो सकता.. यह बयान शिंदे के ‘धनुष-बाण’ वाले बयान पर था.. जहां शिंदे ने कहा था कि बीजेपी को ‘ऑपरेशन लोटस’ से सावधान रहना चाहिए…
आपको बता दें कि फडणवीस ने आगे कहा कि वह सहयोगियों पर टिप्पणी नहीं करते.. लेकिन विरोधियों पर भी नहीं.. लेकिन शिंदे ने 1 दिसंबर को छत्रपति संभाजीनगर में सफाई देते हुए विवाद को स्वीकारा.. और उन्होंने कहा कि हां, मैंने सीएम पर आरोप लगाए, और उन्होंने मुझ पर.. लेकिन ये लोकल इलेक्शन हैं, स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं.. बड़े राजनीतिक मुद्दे न उठाएं.. कार्यकर्ता चाहते हैं कि सीनियर लीडर उनके साथ आएं.. शिंदे ने महायुति में सब ठीक होने का दावा किया.. और गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत दी.. हम विकास के एजेंडे पर हैं, सहयोगियों के खिलाफ नहीं बोलते.. लेकिन सभी को गठबंधन धर्म पालन करना चाहिए.. शिवसेना-बीजेपी मिलकर हर निगम में सत्ता में आएं..
वहीं यह बयान कयासों पर विराम लगाने वाला था.. लेकिन एक्स पर बहस छिड़ गई.. एक यूजर ने लिखा कि शिंदे-फडणवीस के बीच तनाव, महायुति में दरार साफ दिख रहा है.. फडणवीस ने जवाब दिया कि मैंने विरोधियों पर भी टिप्पणी नहीं की.. आज चुनाव का आखिरी दिन है.. मैं सिर्फ अपनी पार्टी के उम्मीदवारों का प्रचार कर रहा हूं.. महायुति 2022 से सत्ता में है, लेकिन लोकल इलेक्शन ने आंतरिक कलह उजागर कर दिया.. शिंदे गुट के मंत्री संजय कोकाटे ने बीजेपी पर पोजिंग का आरोप लगाया.. और उन्होंने कहा कि बीजेपी उल्हासनगर में हमारे नेताओं को तोड़ रही है.. गठबंधन धर्म का पालन हो.. फडणवीस ने जवाब में कहा कि तुमने ही उल्हासनगर में हमारे कार्यकर्ताओं को तोड़ा था.. अब खेलना है तो पूरा खेलो..
19 नवंबर को कैबिनेट मीटिंग में शिंदे गुट के ज्यादातर मंत्री अनुपस्थित रहे.. शिंदे अकेले पहुंचे, लेकिन बाद में फडणवीस से शिकायत करने गए.. फडणवीस ने साफ कहा कि पोजिंग का खेल तुमने शुरू किया, अब सहना पड़ेगा.. एक्स पर एक पोस्ट वायरल हुई, जिसमें लिखा था कि फडणवीस ने शिंदे को फटकार लगाई.. महाराष्ट्र में कुछ बड़ा हो रहा है.. शिवसेना-यूबीटी के आनंद दुबे ने कहा कि शिंदे का एकमात्र लक्ष्य फडणवीस को हटाकर सीएम बनना है.. लेकिन फडणवीस कभी अनुमति नहीं देंगे.. स्मिता देशमुख जैसे विश्लेषकों ने लिखा कि शिंदे का आक्रामक पीआर महायुति के लिए खतरा बन रहा है.. महत्वाकांक्षा उजागर हो रही है.. बीजेपी ने 40% युवा उम्मीदवार उतारे, जबकि शिंदे ने सबसे ज्यादा 50 रैलियां की.. फडणवीस ने 37 रैलियां और टेलीफोनिक सभाएं की..
बता दें कि कल्याण-डोंबिवली में शिंदे के बेटे श्रीकांत ने एकता की अपील की.. लेकिन बीजेपी ने कई सीटें छीन लीं.. नासिक में गुलाब पटिल ने शहरी विकास मंत्रालय के फंड का जिक्र कर कहा कि पैसे की कमी नहीं.. सोलापुर के कुर्डुवाडी में शरद पवार का एनसीपी शिंदे की शिवसेना से गठबंधन कर बैठा.. जिसे एनसीपी-एसपी के शशिकांत शिंदे ने महाराष्ट्र का भविष्य बताया..
वहीं विवाद में आग लगाई विपक्ष के दिग्गज संजय राउत ने.. जब 2 दिसंबर को एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने शिंदे के मालवण दौरे का वीडियो शेयर किया.. और लिखा कि डिप्टी सीएम अपने बैग में क्या लेकर आए थे.. ऐसी ही ‘बैग’ नासिक में भी उतरी थी.. लोकतंत्र की क्या हालत हो गई.. राउत ने बीजेपी को थैलियां बांटने का आरोप लगाया.. राउत ने ‘लक्ष्मी दर्शन’ का जिक्र किया.. शिंदे गुट के मंत्री गुलाबराव पटिल ने कहा था कि शहरी विकास मंत्रालय हमारे पास है, पैसे की चिंता मत करो.. वोट मेरे को, फंड मेरे पास.. राउत ने कहा कि ये गुलाबो गैंग लोकल इलेक्शन में 15-20 करोड़ प्रति सीट खर्च कर रहा है.. 5-6 हेलीकॉप्टर तैनात हैं.. चुनाव आयोग कार्रवाई करे..
राउत ने शिंदे गुट में 35 विधायकों के बगावत की भविष्यवाणी की.. और उन्होंने कहा कि अमित शाह ही शिंदे की शिवसेना को खत्म करेंगे.. स्वास्थ्य समस्या के बाद लौटे राउत ने कहा कि मैं जेल में बीमार पड़ा हूं… लेकिन लड़ाई जारी रहेगी… मालवण में वैभव नाइक ने भी वीडियो शेयर कर पैसे बांटने का दावा किया.. शिंदे ने इन आरोपों को खारिज किया.. उनके बेटे श्रीकांत ने कहा कि राउत को रोज शिंदे की याद आती है.. ये झूठे आरोप हैं.. पहले भी 2024 में शिंदे ने राउत को लीगल नोटिस भेजा था.. जब राउत ने 25-30 करोड़ प्रति सीट खर्च का दावा किया था.. नासिक में शिंदे के सामान की जांच हुई.. लेकिन कुछ नहीं मिला..
आपको बता दें कि 2 दिसंबर को सुबह 7:30 से शाम 6 बजे तक मतदान चला.. पहले दो घंटों में 7.94% वोटिंग हुई, दोपहर 3:30 तक 35% फीसदी वोटिंग हुई.. पुणे के चाकण में लंबी कतारें लगीं.. लेकिन हिंसा ने कलंक लगाया.. महाड में अजित पवार और भारत गोगावले (शिवसेना मंत्री) के समर्थक आपस में भिड़े.. बडलापुर में बीजेपी-शिवसेना के बीच धक्कामुक्की हुई.. वहीं फर्जी वोटिंग के आरोप भी लगे.. हिंगोली में विधायक बंगर पर ईवीएम के पास नारा लगाने का केस दर्ज हुआ.. धुले में 5 करोड़ की रिकवरी का पुराना मामला फिर उछला.. एनसीपी-एसपी के रोहित पवार ने कहा कि चुनाव आयोग बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है..



