कर्नाटक में BJP का डब्बा गोल, इस सर्वे ने उड़ाई मोदी की नींद

बेंगलुरु। लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे देश का सियासी तापमान आए दिन ऊपर चढ़ता जा रहा है। क्योंकि सियासी सरगर्मी लगातार बढ़ रही है। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में भी अब सिर्फ 4 दिनों का ही समय बाकी रह गया है। ऐसे में पूरे देश के अंदर सियासत तेज हो गई है। देश की सत्ताधारी भाजपा एक बार फिर केंद्र की सत्ता में आना चाह रही है। इसके लिए भाजपा ने अबकी बार 400 पार का लक्ष्य भी निर्धारित किया है। अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए भाजपा साम-दाम-दंड-भेद सभी अपना रही है। इसी क्रम में बीजेपी साउथ में भी काफी मेहनत कर रही है। क्योंकि भाजपा भी जानती है कि इतने बड़े लक्ष्य को पाने के लिए साउथ में कुछ करिश्मा करके जरूर दिखाना होगा। हालांकि, ऐसा कर पाना भाजपा के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं है। क्योंकि साउथ में भाजपा न के बराबर है।

और अभी तक साउथ की 129 लोकसभा सीटों में से बीजेपी के पास सिर्फ 29 सीटें हैं। जिसमें 25 कर्नाटक में और 4 तेलंगाना में। लेकिन इस चुनाव में ये 29 भी मिलने के आसार काफी कम हैं। क्योंकि इस बार कर्नाटक और तेलंगाना दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सत्ता है। ऐसे में कांग्रेस शासित राज्य में भाजपा के लिए अच्छा प्रदर्शन कर पाना आसान नहीं है। ऐसे में कर्नाटक की 28 सीटों में से इस बार बीजेपी की 25 सीटें आना काफी ज्यादा मुश्किल लग रहा है। और यही हाल तेलंगाना में भी है। कर्नाटक में तो बीजेपी की हालत इस बार काफी ज्यादा खराब नजर आ रही है। इसकी वजह एक तो कांग्रेस प्रदेश में मजबूत हुई है और काफी मजबूती से चुनाव लड़ रही है। दूसरी वजह भाजपा के अंदर मची अतंरकलह और बगावत ने भी पार्टी को प्रदेश में कमजोर कर दिया है। जिसके चलते इस बार बीजेपी के लिए कर्नाटक की राह अत्यंत मुश्किल हो गई है। प्रदेश में भाजपा को आए दिन एक न एक झटका ही लग रहा है।

इस बीच अब कर्नाटक से भाजपा के लिए एक और बुरी खबर सामने आ रही है। क्योंकि चुनाव से पहले लगातार सामने आ रहे सर्वे में भाजपा को कर्नाटक में भारी नुकसान होता नजर आ रहा है। यानी 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार कर्नाटक में बीजेपी काफी ज्यादा पिछड़ती जा रही है। तो वहीं कांग्रेस को अच्छी-खासी बढ़त मिलती दिख रही है। लोकसभा चुनाव के लिए सर्वे एजेंसी लोकपोल कर्नाटक को लेकर एक ताजा सर्वे लाया है। इस सर्वे में भाजपा के लिए बुरी खबर सामने आई है। जो बेशक बीजेपी की 400 पार की उम्मीदों को तोड़ देगी।दरअसल इस ताजा सर्वे में बीजेपी को तगड़ा झटका लगता दिख रहा है। जाहिर है कि कर्नाटक में कुल 28 लोकसभा सीट हैं।

इस सर्वे के अनुसार इन 28 लोकसभा सीटों में से केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा सिर्फ 11-13 सीटों पर सिमट सकती है। यानी 2019 के मुकाबले इस बार भाजपा को कर्नाटक में तगड़ा झटका लगने वाला है। तो वहीं बात करें प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की तो उनके खाते में 15-17 सीट आ सकती हैं। यानी कांग्रेस यहां अच्छी-खासी बढ़त बनाती दिख रही है। ये सर्वे इसलिए और चौंकाते हैं, क्योंकि इससे पहले 30 मार्च को जारी हुए लोक पोल के ओपिनियन पोल के मुताबिक, कर्नाटक में कांग्रेस को 12 से 14 सीट पर जीत मिलती दिखाई दे रही थी। और बीजेपी के हाथ में 10-12 सीटें आ सकती थी।  लेकिन अब ताजा सर्वे के आंकड़ों में भाजपा और कमजोर होती दिख रही है। तो वहीं कांग्रेस बाजी मारती दिख रही है। यही वजह है कि ताजा सर्वे के आंकड़ें बेहद चौंका देने वाले हैं।

अगर 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो कर्नाटक में प्रदेश की 28 लोकसभा सीटों में से 25 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस को 1 और जेडीएस को 2 सीटें मिली थी। लोक पोल सर्वे के मुताबिक, बीजेपी इस चुनाव में उतनी सीट रिपीट नहीं कर पाएगी। सर्वे के आंकड़ों को देखें तो कर्नाटक में भी सत्तारुढ़ पार्टी की सीटें घटती हुई नजर आ रही हैं। वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस की सीटें बढ़ती दिख रही है। वैसे आपको बता दें कि ये चुनाव पूर्व हुए ओपिनियन पोल सर्वे के अनुमान है किसकी होगी जीत और किसकी होगी हार इसका अंतिम आंकड़ा तो चुनावों के नतीजे आने के बाद ही पता चल पाएगा।

लेकिन इतना तो तय है कि कर्नाटक में भाजपा को इस बार भारी नुकसान होता दिखाई पड़ रहा है। और इस सर्वे के सामने आने के बाद अब बीजेपी की 400 पार की उम्मीदें और भी धूमिल होती जा रही हैं।

एक ओर बीजेपी कर्नाचक में मुश्किलों में घिरी है और चुनाव में पिछड़ती दिख रही है। तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं और वो लगातार भाजपा पर हमलावर भी है। इस बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का भी कहना है कि चुनाव में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को भले ही पूर्ण बहुमत न मिले। लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) यानी एनडीए को भी केंद्र में सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीट नहीं मिलेंगी। राज्य में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं के बारे में बात करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के मुखिया सीएम सिद्धारमैया ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी कर्नाटक में 15-20 सीटें जीतेगी।

इस दौरान सिद्धारमैया ने न केवल चुनावों के बारे में टिप्पणी की, बल्कि राज्य सरकार में अपनी स्थिति के बारे में भी बात की।. कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद क्या उन्हें उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। इन अटकलों पर सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि यह इस पर निर्भर करेगा कि पार्टी आलाकमान क्या फैसला करता है। सिद्धारमैया ने कहा कि यह सब आलाकमान के फैसले पर निर्भर करता है। यदि आलाकमान मुझे पद पर बनाये रखने का निर्णय करता है तो मैं बना रहूंगा। अन्यथा आलाकमान जो तय करेगा, वैसा ही करूंगा। उन्होंने यह भी दोहराया कि वह चार साल बाद चुनावी राजनीति में नहीं रहेंगे और केवल राजनीति में सक्रिय रहेंगे।

वहीं पिछले कुछ वक्त से प्रदेश में सूखा राहत राशि को लेकर भी सियासत गरमाई हुई है। देश के गृहमंत्री अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को इस मुद्दे पर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस द्वारा घेरा जा रहा है। और केंद्र द्वारा कर्नाटक के साथ भेदभाव करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस बीच पीएम मोदी के प्रदेश में चुनावी दौरे के बीच राज्य के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने आरोप लगाया कि अपर भद्रा परियोजना के तहत राज्य को दिए मिलने वाले 5,300 करोड़ रुपये में से केंद्र सरकार ने एक भी पैसा आवंटित नहीं किया है।

गौड़ा ने कहा कि हम पीएम मोदी से पूछना चाहते हैं कि आखिर केंद्र सरकार ने अपर भद्रा परियोजना के तहत राज्य को मिलने वाले 5,300 करोड़ रुपये में से एक भी पैसा कर्नाटक को जारी नहीं किया गया है। उन्होंने दावा किया कि यद्यपि केंद्र सरकार कर्नाटक से बहुत अधिक कर वसूलती है, लेकिन बदले में उसे सभी राज्यों की तुलना में सबसे कम हिस्सा मिलता है। कृष्णा बायरे गौड़ा ने आगे कहा कि हर चुनाव से पहले, पीएम मोदी कर्नाटक आते हैं और हमारे वोट मांगते हैं। केंद्र सरकार कर्नाटक से टैक्स में भी बहुत पैसा लेती है। लेकिन बदले में हमें सभी राज्यों की तुलना में सबसे कम हिस्सा मिलता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कर्नाटक के सूखाग्रस्त मध्य क्षेत्र के साथ अन्याय किया है।

जाहिर है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार कर्नाटक के साथ भेदभाव करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसे में अब जब चुनाव सिर पर हैं और भाजपा कर्नाटक में काफी मेहनत भी कर रही है। उस समय कर्नाटक में बीजेपी की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। साथ ही इस सर्वे ने भी भाजपा की उम्मीदों को और झटका दे दिया है। ऐसे में अब बीजेपी के अबकी बार 400 पार के लक्ष्य को पाने की उम्मीदें दिन पर दिन धुंधली होती जा रही हैं।

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