इस्तीफे के सवाल पर फिर चला बृजभूषण शरण सिंह ने दांव
नई दिल्ली। जंतर-मंतर पर पहलवानों की ओर से कई दिनों प्रदर्शन किए जा रहे हैं और आज प्रियंका गांधी वाड्रा भी उनका समर्थन करने पहुंच गईं। लगातार प्रदर्शन के बीच कल शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया। बृजभूषण ने अब इस मामले पर कहा कि इस्तीफा कोई इतनी बड़ी चीज़ नहीं है। उनका दावा है कि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं।
बृजभूषण शरण सिंह ने आज एफआईआर दर्ज किए जाने को लेकर कहा, मेरा कार्यकाल लगभग पूरा हो चुका है। ऐसे में मेरे लिए इस्तीफा देने कोई बहुत बड़ी चीज भी नहीं है। मैं कोई अपराधी नहीं हूं। उन्होंने कहा, अगर मैं इस्तीफा देता हूं तो इसका मतलब यह होगा कि इन पहलवानों की ओर से लगाए गए आरोप सही हैं।
सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा जताते हुए बृजभूषण सिंह ने कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। कोई भी सुप्रीम कोर्ट से ऊपर कोई नहीं है। उन पर कई महीने से लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं। मैं चाहता हूं कि मामले की निष्पक्ष रूप से पूरी जांच कराई जाए। हम चाहेंगे कि मामले की सुनवाई जल्द पूरी की जाए। मैं अपराधी बनकर हर समय नहीं रहना चाहता। उन्होंने यह भी दावा कि वह मामले में पूरी तरह से निर्दोष हैं।
पहलवानों की ओर से बृजभूषण से लगातार इस्तीफा मांगे जाने के विवाद के बीच उन्होंने कहा कि सरकार ने 3 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। चुनाव अगले 45 दिन में होने हैं। चुनाव के बाद मेरा कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा। लोकसभा सांसद ने यह भी कहा कि पहले यही सभी खिलाड़ी मेरी जमकर तारीफ किया करते थे। उन्होंने सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि नाबालिग रेसलर जांच समिति के सामने अब तक क्यों नहीं आया। मैं तो सिर्फ बहाना हूं, निशाना कोई और है।
खिलाडिय़ों के प्रदर्शन पर निशाना साधते हुए बृजभूषण ने कहा कि मैं जनता की वजह से लोकसभा सांसद बना हूं। ये पद मुझे विनेश फोगाट की कृपा की वजह से नहीं मिला है। ये खिलाडिय़ों का धरना नहीं है। उनका कहना है कि इस धरना-प्रदर्शन में एक उद्योगपति का हाथ है। कांग्रेस भी इसमें शामिल है जो आज दिख गया।
दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस की कनॉट प्लेस थाने में गए पहलवानों में बृजभूषण सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर की कॉपी मिल गई है। विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया थाने गए थे और एफआईआर कॉपी के लिए थाने के स्॥ह्र से मुलाकात की थी। साक्षी मलिक ने पूरे मसले पर कहा कि इस मामले को राजनीतिक मुद्दा न बनाया जाए।
वहीं दिल्ली पुलिस ने बताया कि पहलवानों को 1 एफआईआर की ही कॉपी सौंपी गई है। जबकि क्कह्रष्टस्ह्र के तहत दर्ज एफआईआर की कॉपी इन्हें नहीं दी गई। यह सिर्फ पीडि़त परिवार को ही दी जाएगी।