केजरीवाल के घर की मरम्मत पर 45 करोड़ की खर्च पर एलजी का एक्शन
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास की मरम्मत में 45 करोड़ रुपए खर्च के आरोप को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल (एल-जी) विनय कुमार सक्सेना ने बड़ा कदम उठाया है। विनय कुमार सक्सेना ने मुख्य सचिव को अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास की मरम्मत करने में कथित अनियमितताओं के मामले से संबंधित सभी रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। उपराज्यपाल (एल-जी) ने 15 दिनों में मामले की रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि भाजपा ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आधिकारिक आवास की मरम्मत में करोड़ों रुपए खर्च किये हैं। भाजपा का आरोप है कि इस मद में करीब 45 करोड़ रुपए खर्च किये गये हैं।
भाजपा का आरोप सामने आने के बाद दिल्ली की राजनीति में हडक़ंप मच गया था। भाजपा के आरोप के जवाब में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी पलटवार किया था, लेकिन अब दिल्ली के उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण के दौरान कथित अनियमितताओं की खबरों पर एक्शन लेते नजर आ रहे हैं और इस मामले पर दिल्ली सरकार से रिकॉर्ड मांगा है।
एलजी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को आधिकारिक आवास की मरम्मत से संबंधित रिकॉर्ड की जांच करने और उस पूरे मामले पर 15 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। एलजी कार्यालय द्वारा जारी बयान में यह जानकारी दी गई है।
एलजी कार्यालय की ओर से कहा गया है कि मुख्य सचिव को मामले से संबंधित सभी रिकॉर्ड को तुरंत सुरक्षित करने का निर्दश दिया गया है। उसके बाद रिकॉर्ड की जांच के बाद मामले पर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर पेश करने के लिए कहा गया है। बता दें कि इस तरह के आरोप सामने आने के बाद मीडिया की रिपोर्ट पर उपराज्यपाल ने यह कार्रवाई की है।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता हरीश खुराना ने कहा कि एलजी द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर की मरम्मत पर खर्च हुए 45 करोड़ रुपए के दस्तावेज और 15 दिनों में रिपोर्ट मांगने का फैसला स्वागत योग्य है। इस मामले में जांच होनी बहुत जरूरी थी। ये जनता के टैक्स का पैसा है। जांच शुरू हो गई है तो अब दूध का दूध पानी का हो ही जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह मामला 45 करोड़ तक ही नहीं है। जैसे सीएम आवास में 8 फ्लैट्स और 2 बंगलों को मिलाने का काम किया गया तो ये 100/150 करोड़ का मामला हो सकता है। अरविंद केजरीवाल को माफी मांगनी ही होगी।