रोहित शर्मा की टीम में खेलने का झांसा, कोच पर 8 लाख रुपये ठगने का मामला

उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक बड़ा मामला सामने आया हैं...बता दें,कि एक युवक के साथ धोखाधड़ी हुई हैं... जिसमें उसके कोच ने उसे नौकरी और भारतीय क्रिकेट टीम में भर्ती कराने का झांसा देकर 8 लाख रुपये से अधिक की ठगी की।

4पीएम न्यूज नेटवर्कःउत्तर प्रदेश के कानपुर से एक बड़ा मामला सामने आया हैं…बता दें,कि एक युवक के साथ धोखाधड़ी हुई हैं… जिसमें उसके कोच ने उसे नौकरी और भारतीय क्रिकेट टीम में भर्ती कराने का झांसा देकर 8 लाख रुपये से अधिक की ठगी की। स्थानीय पुलिस के अनुसार, युवक ने अपने कोच पर विश्वास कर उसे पैसे दिए, लेकिन उसके साथ धोखा हुआ। युवक ने जब अपनी मेहनत की कमाई छुड़ाने के लिए कार्रवाई की, तो पुलिस ने चौकसी दिखाते हुए चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। पुलिस अब मामले की गहन जांच में जुट गई है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्यवाही की जा रही है।

जिसमें उसके कोच ने उसे नौकरी और भारतीय क्रिकेट टीम में भर्ती कराने का झांसा देकर 8 लाख रुपये से अधिक की ठगी की। स्थानीय पुलिस के अनुसार, युवक ने अपने कोच पर विश्वास कर उसे पैसे दिए, लेकिन उसके साथ धोखा हुआ। युवक ने जब अपनी मेहनत की कमाई छुड़ाने के लिए कार्रवाई की, तो पुलिस ने चौकसी दिखाते हुए चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। पुलिस अब मामले की गहन जांच में जुट गई है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्यवाही की जा रही है।

मिलीजानकारी के मुताबिक आपको बता दें,कि एक युवा क्रिकेट खिलाड़ी ने दावा किया है कि उसे रोहित शर्मा की टीम में खेलने का वादा करके एक कोच ने 8 लाख रुपये ठग लिए। खिलाड़ी ने आरोप लगाया है कि कोच ने उसे आकर्षक दर पर प्रशिक्षित करने और चयनित कराने का आश्वासन दिया था, जिसके चलते उसने पैसे का भुगतान किया। खिलाड़ी ने बताया कि कोच ने उसे प्रशिक्षण देकर जाने-माने क्रिकेटरों के साथ खेलने का सपना दिखाया। हालाँकि, जब खिलाड़ी ने अपनी उम्मीदों के अनुसार कोई सकारात्मक परिणाम नहीं देखा, तो उसने कोच से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोच का फोन बंद आ रहा था। इस मामले को लेकर पीड़ित खिलाड़ी ने अब स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

हनुमंत विहार क्षेत्र के योगेंद्र विहार निवासी अंशु तिवारी, जो एक मल्टीनेशनल कंपनी में सेल्स प्रतिनिधि हैं, का बेटा क्षितिज तिवारी बीते तीन सालों से देहरादून स्थित रामराज क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण ले रहा है। बाटकी सही नहीं है। क्षितिज की मां, सरस तिवारी के अनुसार, अकादमी के कोच आदित्य सिंह ने उनके बेटे को मध्य प्रदेश की अंडर-19 टीम में चयन का लालच दिया। कोच ने कहा कि यदि क्षितिज मेहनत जारी रखता है, तो वह भविष्य में भारतीय टीम का हिस्सा भी बन सकता है और “तुम रोहित शर्मा की टीम में खेलोगे” जैसा आश्वासन दिया है। यह मामला युवा खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन और संभावनाओं के साथ-साथ उनके प्रति दियान रखने की आवश्यकता को भी उजागर करता है। क्रिकेट के प्रति बढ़ती रुचि के कारण, अब कई युवा खिलाड़ी ऐसे प्रलोभनों का शिकार हो रहे हैं।

अलग-अलग अकाउंट्स में ट्रांसफर कराए पैसे
आरोप है कि कोच ने क्षितिज से 8.10 लाख रुपये की मांग करते हुए कहा कि चयन के साथ उसे सरकारी नौकरी भी मिलेगी. इसी झांसे में आकर परिवार ने स्टेट बैंक के जरिए 6 जून 2024 को पहली किश्त के रूप में 1.10 लाख रुपये आदित्य सिंह के अकाउंट में ट्रांसफर किए. इसके अगले दिन फिर एक लाख रुपये और ट्रांसफर किए गए. 14 अगस्त को एक लाख रुपये देव सिंह के अकाउंट में और बाकी चार लाख रुपये शिवम और अभयराज के अकाउंट्स में ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए.

पैसे की मांग करने पर डराया-धमकाया
आपको बता दें,कि कुछ समय बाद जब मध्य प्रदेश अंडर-19 टीम की लिस्ट जारी हुई तो उसमें क्षितिज का नाम नहीं था. जब सरस तिवारी ने पैसे लौटाने की मांग की, तो कोच ने इनकार कर धमकाना शुरू कर दिया. शिकायत मिलने के बावजूद, हनुमंत विहार पुलिस ने पहले कार्रवाई नहीं की. आरोप है कि 19 जनवरी को दर्ज शिकायत के बाद चौकी प्रभारी ने 8 मार्च को धोखे से एक पत्र लिखवा लिया कि सरस कोई कार्रवाई नहीं चाहतीं. फिर पुलिस आयुक्त से गुहार लगाई गई, जिसके बाद मामला दर्ज हुआ. एडीसीपी महेश कुमार ने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है.

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