अदालत में सीबीआई ने कहा- लोग कोरोना से मर रहे थे, ये घोटाले की साजिश रच रहे थे; केजरीवाल के कहने पर हुआ सब
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा कि दिल्ली में जब कोरोना महामारी अपनी चरम पर थी और लोग मर रहे थे, तब साउध लॉबी के सदस्य शराब नीति तैयार करने के लिए दिल्ली आए थे। उन्हें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर ही बुलाया गया था।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष जज अमिताभ रावत की अदालत में केजरीवाल की रिमांड की मांग पर सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने कहा कि दिल्ली में मौतें हो रही थीं। उन्होंने एक रिपोर्ट तैयार की और अभिषेक बोइनपल्ली को दी। विजय नायर के माध्यम से रिपोर्ट मनीष सिसोदिया के पास भेजी गई। इस पर चर्चा के लिए कोई बैठक नहीं बुलाई गई।
उसी दिन हस्ताक्षर ले लिए गए और उसे अधिसूचित भी कर दिया गया। इतनी जल्दबाजी थी। जब कोरोना महामारी के दौरान मामलों को मुख्यमंत्री ही देख रहे थे। यह उन्हीं का निर्देश था। दक्षिण की लॉबी दिल्ली में बैठी है। यह देख रही थी कि क्या करना है। उसी के कहने पर नीति को अधिसूचित किया गया।
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, पूरा तंत्र यह सुनिश्चित करने की कोशिश में लगा है कि उनके पति जेल से बार न आ सकें। उन्होंने कहा, 20 जून को अरविंद केजरीवाल को जमानत मिली। ईडी ने तुरंत जमानत पर स्थगन आदेश ले लिया। अगले ही दिन सीबीआई ने आरोपी बना दिया और बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। पूरा तंत्र यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि वह आदमी (केजरीवाल) जेल से बाहर न आएं। यह कानून नहीं है। ये तानाशाही है, आपातकाल है।
आम आदमी पार्टी ने भी गिरफ्तारी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जब केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने की पूरी संभावना थी, तब भाजपा बौखला गई और एक फर्जी मामले में उन्हें सीबीआई से गिरफ्तार करवा दिया। आप ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, तानाशाह ने जुल्म की सारी हदें पार कर दी है। सीबीआई केजरीवाल को राउज एवेन्यू अदालत लेकर पहुंची, जहां उनका ब्लड शुगर लेवल बहुत नीचे गिर गया। तानाशाह, तुम कितने भी जुल्म ढहा लो, केजरीवाल न झुकेगा और न ही टूटेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट के 21 जून के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी। हाईकोर्ट ने 25 जून को केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत पर रोक लगा दी थी। जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ के समक्ष केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकीलअभिषेक मनु सिंघवी ने 25 जून के आदेश को चुनौती देने के लिए नई याचिका दायर करने की बात कहते हुए मौजूदा मामले को वापस लेने की अनुमति मांगी। सिंघवी ने कहा, हाईकोर्ट का फैसला आ गया है, जिसमें कई तरह के मुद्दे हैं। ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कहा, उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
आबकारी नीति में सीबीआई की ओर से केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उनके वकीलों ने आपत्ति जताई, लेकिन उनके तर्क नहीं चले व अदालत ने सीबीआई जांच में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अमिताभ रावत द्वारा इस चरण में सीबीआई जांच में हस्तक्षेप करने से इन्कार करने के बाद गिरफ्तारी हुई। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को सीबीआई की हिरासत में पूछताछ की मांग वाली याचिका और 24 जून को पारित आदेश की प्रतियां दी जाएंगी, जिसके तहत एजेंसी को तिहाड़ जेल में दिल्ली के मुख्यमंत्री से पूछताछ करने की अनुमति दी गई थी। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा 20 जुलाई, 2022 को की गई शिकायत पर सीबीआई का मामला दर्ज किया गया था। 25 जून को, सीबीआई ने जेल से अरविंद केजरीवाल का बयान लिया और आज ट्रायल कोर्ट के समक्ष उनकी पेशी की मांग की।