दलित का चेहरा बनकर उभरे चंद्रशेखर आजाद

लोकसभा चुनाव 2024 का जनादेश अब सबके सामने है। NDA गठबंधन को 290 से अधिक सीटें मिलीं तो वहीं INDIA गठबंधन ने 230 से अधिक सीटें जीतने में सफलता हासिल की है।

जनता के सामने 2024 का जनादेश

लोकसभा चुनाव 2024 का जनादेश अब सबके सामने है। NDA गठबंधन को 290 से अधिक सीटें मिलीं तो वहीं INDIA गठबंधन ने 230 से अधिक सीटें जीतने में सफलता हासिल की है। देश भर में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी तो वहीं कांग्रेस दूसरी बड़ी दल बनकर उभरी है।

दलित का चेहरा बनकर उभरे चंद्रशेखर आजाद

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से यूपी में दलित पॉलिटिक्स के नए नेता को लेकर चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। क्योंकि राज्य में करीब 21 फीसदी दलित वोटर्स की संख्या है और इस समाज के वोटर्स पर प्रत्येक पार्टी की नजर रहती है। खासतौर पर बसपा को यूपी में दलित पॉलिटिक्स के लिए ही जाना जाता है, यही वजह है कि चंद्रशेखर आजाद दलित का चेहरा बनकर उभरे हैं।

चुनाव नतीजों के बाद जल्द होगा सरकार का गठन

लोकसभा चुनाव के रिजल्ट सामने आने के बाद अब सरकार बनाने की बारी है। एनडीए के पास 293 से अधिक सीटें है। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि तीसरी बार मोदी सरकार बनने जा रही है। एनडीए की बैठक में सरकार गठन पर चर्चा होगी। वहीं, इंडिया गठबंधन की बैठक में विपक्षी नेता आगे की रणनीति बनाएंगे।

हार के बाद मायावती की सामने आई बड़ी प्रतिक्रिया

लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा एक भी सीटों पर अपना खाता नहीं खोल पाई है। जनादेश सामने आने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। जहां मायावती ने मुस्‍ल‍िम समाज को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस लोकसभा चुनाव में और पिछले चुनावों में भी मुसलमानों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया, लेकिन हमें पर्याप्त समर्थन नहीं मिला, इसलिए अब से हम सोच-समझकर ही उन्हें मौका देंगे, ताकि पार्टी को ऐसा नुकसान न हो सके।

सरकार गठन को लेकर सियासी हलचल तेज

बिहार के सियासतदानों की दिल्ली में धमक और सरकार में दखल बढ़ने के संकेत मिलते दिख रहे हैं। दरअसल लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद सरकार गठन को लेकर सियासी हलचल और भी तेज हो गई है। इसी क्रम में बिहार के दिग्गज नेता नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव राष्ट्रीय राजधनी दिल्ली में होने वाली बैठक में शिरकत करने के लिए पहुंचे हैं।

आप नहीं रोक पाई विजय रथ

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के गठबंधन के बावजूद दोनों दल मिलकर भी दिल्ली में भाजपा का विजय रथ नहीं रोक पाए। इस वजह से दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर लगातार तीसरी बार कमल खिला और भाजपा के सातों उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब रहे।

नोटा को मिले उम्मीदवारों से ज्यादा वोट!

इस बार के चुनावी नतीजों के सामने आने से एक तरफ जहां जीते हुए प्रत्याशी जश्न मना रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इंदौर लोकसभा सीट चर्चा में बनी हुई है। देशभर में लोकसभा चुनाव-2024 में बीजेपी, कांग्रेस समेत अपनी किस्मत आजमाने वाली 53 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों में 38 पार्टी ऐसी रहीं जिन्हें नोटा से भी कम वोट मिले। इस चुनाव में नोटा को करीब 60 लाख यानी 0.99% वोट मिले।

एक ही फ्लाइट में दिखे तेजस्वी-नीतीश

चुनावी नतीजों के आने के बाद सियासी पारा हाई है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है ऐसे में आज दिल्ली में जहां एक तरफ एनडीए की बैठक हो रही है वहीं विपक्षी इंडिया ब्लॉक भी अपनी अहम बैठक करने जा रहा है।

कांग्रेस का साथ मिलते ही सपा ने कर दिखाया कमाल

सपा ने इस लोकसभा आम चुनाव में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। उसने कुल 37 सीटें जीतीं है। इस तरह सपा देश की तीसरी बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई है। धार्मिक मुद्दों के बजाय जातीय गोलबंदी और यादवों-मुस्लिमों पर कम दांव की रणनीति से सपा को ये सफलता हासिल हुई है। बड़ी बात तो ये है कि कांग्रेस का साथ मिलने से सपा ने जनता का और भी भरोसा जीता है।

रालोद को फायदा, बीजेपी को भारी नुकसान

पश्चिमी यूपी के नतीजों ने भाजपा के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। यहां भाजपा को राष्ट्रीय लोकदल का साथ रास नहीं आया है। वजह, भगवा खेमे को भारी नुकसान उठाना पड़ा तो रालोद को इस गठबंधन से एक बड़ा फायदा हुआ है। जहां रालोद अपने हिस्से की बिजनौर और बागपत सीटें जीतने में कामयाब रही है। तो वहीं सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल की सभी सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है।

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