त्यौहारों पर माहौल खराब करने वालों से सख्ती से निपटें : मुख्यमंत्री

  • शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ कड़ाई से पेश आएं

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फील्ड में तैनात पुलिस अफसरों से कहा कि त्यौहारों के मौके पर माहौल खराब करने वालों से सख्ती से निपटें। शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कड़ाई से पेश आएं। ऐसे लोगों के लिए सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। हर पर्व शांति और सौहार्द के बीच संपन्न हों। इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री पुलिस और प्रशासन के अफसरों के साथ वीसी कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिन कानून व्यवस्था की दृष्टि से काफी संवेदनशील रहेंगे। ऐसे में हमें सतर्क और सावधान रहना होगा। 14 जुलाई से सावन माह की शुरुआत हो रही है। इस दौरान परंपरागत कांवड़ यात्रा भी निकलेगी। 26 जुलाई को शिवरात्रि, 31 जुलाई से सावन पूर्णिमा तक अयोध्या का सावन मेला, नागपंचमी और रक्षा बंधन के साथ 10 जुलाई को बकरीद का त्यौहार और जुलाई के अंत में मोहर्रम का महीना भी शुरू होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पर्वों पर शासन की ओर से सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। धार्मिक परंपरा और आस्था को सम्मान दें, लेकिन कोई नई व्यवस्था न शुरू होने पाए। आयोजकों को किसी आयोजन की अनुमति देने से पहले शांति व्यवस्था और सौहार्द बनाए रखने के संबंध में हलफनामा लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह रमजान, अलविदा की नमाज और ईद के मौके पर धार्मिक कार्यों से यातायात प्रवभावित नहीं हुआ उसी व्यवस्था को बकरीद के मौके पर भी लागू रखी जाए। थाने से लेकर मंडल स्तर तक धर्म गुरुओं और समाज के प्रतिष्ठित लोगों से संवाद बनाएं ताकि शांति और सौहार्द का माहौल बना रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बकरीद पर कुर्बानी निश्चित स्थानों पर ही हो। विवादित जगहों पर और प्रतिबंधित जानवरों पर कुर्बानी न हो।

कांवड़ यात्रा आस्था के उत्साह का आयोजन, श्रद्घालुओं का न हो उत्पीड़न
मुख्यमंत्री ने कहा कि कावंड़ यात्रा आस्था के उत्साह का आयोजन है। परंपरागत रूप से नृत्य, गीत, संगीत इसका हिस्सा रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं का उत्पीड़न न किया जाए, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि डीजे, गीत-संगीत की आवाज निर्धारित मानकों के अनुरूप ही हो और इसमें केवल धार्मिक गीत ही बजाए जाएं। धार्मिक यात्राओं, जुलूसों में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन न होने पाए। ऐसी कोई घटना न होए जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हों। विशेष अवसरों पर श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बस्ती-अयोध्या मार्ग पर यातायात बंद रखा जाए।

अप्रिय घटनाओं की सूचना पर मौके पर पहुंचे डीएम और कप्तान
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना की सूचना पर बिना देर किए जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान खुद मौके पर पहुंचे। संवेदनशील प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी खुद लीड करें। व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेक्टर स्कीम लागू करें। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पर्व के मौके पर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति सुचारू रखी जाए। अनावश्यक कटौती न हो। कांवड़ यात्रा के मार्ग पर जर्जर बिजली के खंभे, झूलते-लटकते बिजली के तार समय से ठीक कर लिए जाएं।

अब्दुल्ला आजम से ईडी ने की छह घंटे पूछताछ

लखनऊ। आजम खां के बेटे और सपा विधायक अब्दुल्ला आजम से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छह घंटे तक पूछताछ की है। यह पूछताछ आजम खां के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति के साथ-साथ रामपुर की जौहर ट्रस्ट में हुई फंडिंग और बैंक खातों में आए पैसों के आधार पर की गई है। अब्दुल्ला को संबंधित दस्तावेजों के साथ बृहस्पतिवार को फिर पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया गया है। ईडी के सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान अब्दुल्ला से उनके बैंक खातों में जमा किए गए पैसों के बारे में जानकारी मांगी गई। साथ ही जौहर यूनिवर्सिटी में जौहर ट्रस्ट के जरिए हुई फंडिंग से जुड़े सवाल भी पूछे गए। ईडी अधिकारियों के कई सवालों का जवाब अब्दुल्ला आजम नहीं दे सके। उन्होंने पेपर देखकर बताने की बात कही, जिस पर अधिकारियों ने उन्हें बैंक डिटेल, संपत्तियों में किए गए निवेश और आय के क्या-क्या स्रोत रहे हैं। उससे जुड़े दस्तावेज लेकर बृहस्पतिवार को दोबारा आने को कहा है। बता दें कि ईडी ने बीते दिनों अब्दुल्ला के साथ-साथ उनकी मां तजीन फातमा को लखनऊ जोन मुख्यालय में हाजिर होने के लिए कहा था। सूत्रों का कहना है कि तजीन को अब अगले सप्ताह बुलाया गया है।

राज्यसभा सांसदों का चुनाव रद्ïद करने की याचिका खारिज

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने वर्ष 2020 में निर्वाचित 10 राज्यसभा सांसदों का चुनाव रद्द करने की याचिका खारिज कर दी है। राज्यसभा चुनाव में सपा समर्थित उम्मीदवार प्रकाश बजाज ने अपना नामांकन निरस्त होने के खिलाफ में चुनाव याचिका दायर की थी। कोर्ट ने कहा कि याची पूरे तौर पर नामित प्रत्याशी नहीं था और न ही वह चुनाव में सम्यक रूप से नामित प्रत्याशी होने का दावा कर सका। इसलिए वह चुनाव याचिका दायर करने लायक नहीं है। ऐसे में याचिका खारिज की जाती है। न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। पहले कोर्ट ने सभी पक्षकारों (नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्यों) को याचिका पर आपत्तियां और अर्जी दाखिल करने का वक्त दिया था। याची ने यह कहते हुए चुनाव रद्द किए जाने का आग्रह किया था कि चुनाव में याची का नामांकन अनुचित तरीके से खारिज किया गया और पक्षकारों के नामांकन को भी अनुचित तरीके से मंजूर किया गया, जो कि कानून की मंशा के खिलाफ था। इससे चुनाव का परिणाम गंभीर रूप से प्रभावित हुआ। उधर याचिका में पक्षकार बनाए गए भाजपा के अरुण सिंह, गीता शाक्य, हरदीप पुरी, हरद्वार दुबे, सीमा द्विवेदी, नीरज शेखर, बृजलाल, बीएल वर्मा समेत सपा के रामगोपाल यादव व बसपा के रामजी की ओर से इसका विरोध किया गया। भाजपा के सदस्यों की ओर से अधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी व अन्य वकील पेश हुए।

पीएम मोदी के मुरीद है मैनपुरी के लोग : साक्षी महाराज

लखनऊ। उन्नाव के भाजपा सांसद डॉ. सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज ने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में मुसलमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुरीद हो चुका है। इसके चलते कुछ अलगाववादी लोग और कुछ राजनीतिक पार्टी के नेता माहौल खराब कर रहे हैं। देश का माहौल खराब करने के लिए उन लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से नुपुर शर्मा के बयान को उछाला है। साक्षी महाराज मैनपुरी के मोहल्ला गड्ढा स्थित देवराज राजपूत के आवास पर निजी कार्यक्रम में आए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की स्थिति खिसयानी बिल्ली खंबा नोंचे जैसी हो गई है। वह सरकार बनाने तथा खुद को मुख्यमंत्री बनाने के सपने संजो रहे थे, लेकिन परिणाम आने पर धड़ाम से नीचे आ गिरे। उनकी हालत तब और खराब हो गई जब वह आजमगढ़ और रामपुर भी हार गए। सांसद ने दावा किया कि वर्ष 2024 के लोकसभा में भाजपा प्रदेश सभी 80 सीटें जीतेगी। अबकी बार मैनपुरी भी भाजपा के खाते में जाएगी। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना अच्छी योजना है। युवाओं में बहुत जोश है। युवा यह कहने लगे हैं कि भारत की सेवा के लिए चार साल क्या उन्हें एक दिन के लिए भी यदि सेना की वर्दी मिलती है, तो वह खुशी-खुशी सेना में भर्ती होंगे। कुछ लोग अलगाववाद की प्रेरणा से प्रेरित होकर इसका विरोध कर रहे हैं।

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