मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है, जिसमें 2022 में एक विरोध मार्च के संबंध में उनके और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के अनुरोध संबंधी उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
उच्च न्यायालय ने गत छह फरवरी को सिद्धरमैया, कांग्रेस महासचिव एवं पार्टी की कर्नाटक इकाई के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, मंत्री एम बी पाटिल और रामलिंगा रेड्डी पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था और उन्हें छह मार्च को सांसदाविधायक (एमपीाएमएलए) के लिए विशेष अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था। तत्कालीन ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग को लेकर यहां तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के आवास का घेराव करने के लिए प्रदर्शन मार्च निकालने के बाद सिद्धरमैया के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
शीर्ष कोर्ट पहुंचे संजय सिंह
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। गत सात जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप नेता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके साथ ही ट्रायल कोर्ट को सुनवाई शुरू होने पर तेजी लाने का निर्देश दिया था। आप नेता संजय सिंह ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका अधिवक्ता विवेक जैन और अधिवक्ता रजत भारद्वाज के माध्यम से दाखिल की। संजय सिंह को गत चार अक्टूबर को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने हाई कोर्ट से इस आधार पर जमानत मांगी थी कि वह तीन माह से अधिक समय से हिरासत में हैं और दिल्ली सरकार की अब समाप्त हो चुकी उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार से जुड़े अपराध में उनकी कोई भूमिका नहीं बताई गई है।
सेंथिल की दूसरी जमानत अर्जी पर आज सुनवाई
चेन्नई। भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी की दूसरी जमानत याचिका मद्रास उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए आई। इससे एक दिन पहले तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने मंत्री पद से उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले नकदी घोटाले में बालाजी को गिरफ्तार किया था और वह यहां पुझल जेल में बंद हैं। द्रमुक नेता की जमानत अर्जी बुधवार को न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश के समक्ष आई और वरिष्ठ अधिवक्ता सी आर्यमा सुंदरम ने बालाजी की ओर से पक्ष रखा। ईडी ने अपने जवाबी हलफनामे में आरोपी को जमानत नहीं दिए जाने की दलील दी। इसने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि निचली अदालत को सुनवाई शुरू करने और निश्चित समयावधि के अंदर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया जाए। मामले में अगली सुनवाई बृहस्पतिवार को होगी।