सदन में शिवपाल यादव के समर्थन में सीएम योगी

  • अखिलेश ने कहा, हमारे चाचा नेता सदन के भी चाचा बन गए

लखनऊ। यूपी विधानसभा में शिवपाल यादव छाए है। राज्यपाल के अभिभाषण पर योगी विधानसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर बोले रहे थे। इस दौरान ऐसे कई मौके आए जब शिवपाल की आड़ में योगी ने अखिलेश पर तंज कसा। कहा कि आप पास-पास होकर भी साथ-साथ नहीं हैं, यही आपकी कमी है। हम साथ-साथ हैं और पास-पास भी। इस बीच हंसते हुए अखिलेश ने भी कहा कि हमारे चाचा अब नेता सदन के भी चाचा बन गए। समाजवाद पर तंज कसते हुए सीएम योगी ने कहा कि मैं नेता प्रतिपक्ष से कहना चाहूंगा कि आपके काम से आपकी पहचान होती है। जब समाजवाद की बात होती है, तो लोहिया जी की बात होती है। अब लोहिया पर कभी-कभी शिवपाल जी की लेखनी ही पढ़ने को मिलती है। बजट सत्र के दौरान बोझिल और तनाव का माहौल उस वक्त खुशनुमा हो गया, जब सीएम योगी ने शिवपाल यादव की तारीफ की। सीएम ने कहा कि अब लोहिया जी पर कभी-कभी शिवपालजी की आर्टिकल पढ़ने को मिलती है। जैसे ही सीएम ने यह कहा कि पूरा सदन ठहाके लगाने लगा।

नेता सदन के सामने बैठे अखिलेश यादव भी हंसने लगे और इसके बाद खुद को सीएम भी नहीं रोक पाए। सीएम भी मुस्कुराने लगे। इतना ही नहीं हमेशा शांत रहने वाले विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। विधानसभा में सीएम ने अखिलेश से कहा कि आपको लोहिया जी को पढ़ना चाहिए। आज पूरा प्रदेश रामराज्य का प्रतीक बन गया है। ये क्षमता है हमारी। आप हम पर लेवल लगाते हैं कि हम राष्टï्रवादी हैं। अच्छा है हम राष्टï्रवादी हैं। चूहा बनने की बजाय राष्टï्रवादी बनना ठीक है। इस मौके पर समाजवाद और शिवपाल की तारीफ पर अखिलेश ने चुटकी ली। बिना चाचा शिवपाल का नाम लिए अखिलेश ने कहा कि नेता सदन यानी सीएम योगी आदित्यनाथ ने हमारे चाचा की बहुत चिंता की। पहले तो वो मेरे चाचा थे, लेकिन अब तो नेता सदन भी उन्हें चाचा बोल रहें हैं। अखिलेश के इतना कहते ही पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा।

शिवपाल यादव ने भी की थी सीएम की तारीफ
राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए शिवपाल सिंह यादव ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की थी। शिवपाल ने कहा था कि सीएम संत है, योगी भी हैं। योग का मतलब सबको जोड़ना है। ईमानदार और मेहनती हैं। यूपी को ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। लेकिन वो अकेले उन उंचाइयों पर नहीं पहुंचा सकते जहां पहुंचाना है। इसके लिए सबको साथ लेना चाहिए। इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपाकर शिवपाल का स्वागत भी किया था।

शाम सात बजे बाद महिला कर्मचारी ड्ïयूटी के लिए बाध्य नहीं

लखनऊ। महिला सुरक्षा एवं उनके अधिकारों के लिए प्रदेश सरकार ने अहम कदम उठाया है। महिला कर्मचारी को उसकी लिखित सहमति के बिना प्रात: छह बजे से पूर्व तथा शाम सात बजे के बाद कार्य करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। इस अवधि के मध्य महिला द्वारा कार्य करने से इंकार करने पर कार्य से हटाया नहीं जाएगा। प्रदेश सरकार ने राज्य के समस्त कारखानों में महिला कर्मकारों के नियोजन के संबंध में कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 66 की उपधारा (1) के खंड (ख) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह छूट प्रदान की है। इस बाबत अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चंद्रा की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार अब इन शर्तों के साथ महिला कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। यदि महिला लिखित सहमति देती है तो शाम 7 बजे से प्रात: 6 बजे के मध्य कार्यरत महिला कर्मकार को कारखाना के नियोजक द्वारा उसके निवास स्थान से कार्यस्थल तक आने और वापस जाने के लिए नि:शुल्क परिवहन उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही इस अवधि में कार्यरत महिला कर्मकार को कारखाना के नियोजक द्वारा भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। नियोजक को कार्यस्थल के निकट शौचालय, बाथरूम, परिवर्तन कक्ष और पेयजल व अन्य सुविधाएं सुनिश्चित करनी होंगी। इस अवधि में कार्य लिए एक साथ कम से कम चार महिला कर्मकारों को परिसर में अथवा किसी विशिष्ट विभाग में कार्य करने की अनुमति देनी होगी। नियुक्तिदाता को उनका लैंगिक उत्पीड़न को रोकने के लिए उचित कदम उठाना होगा।

निषाद पार्टी के विधायक को हाईकोर्ट का नोटिस

लखनऊ। जौनपुर से निषाद पार्टी के चुनाव चिन्ह पर विजयी रमेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने यह नोटिस उनके चुनाव को शून्य घोषित करने को लेकर दाखिल एक चुनाव याचिका पर जारी किया है। चुनाव याचिका चुनाव हारे जौनपुर के शैलेंद्र यादव ललई ने दाखिल की है। याची की ओर से कहा गया कि इस चुनाव में धांधली हुई है और सही तथ्यों को छिपाकर रमेश चुनाव जीते हैं। विपक्षी रमेश ने अपने आपराधिक इतिहास को छुपाया है तथा अपनी आय व संपत्तियों का गलत ब्यौरा पेश किया है। कहा यह भी गया है कि ईवीएम में पोल से ज्यादा मतों की गिनती की गई है। न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने इस चुनाव याचिका पर सुनवाई के बाद विपक्षी रमेश को नोटिस जारी किया है और उनसे 18 जुलाई 2022 तक इस याचिका पर अपना लिखित जवाब साक्ष्य समेत प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है याचिका की अगली सुनवाई की तिथि 18 जुलाई 22 को यदि विपक्षी की तरफ से जवाब दाखिल नहीं किया जाता है तो अदालत इस केस की सुनवाई उनकी गैरहाजिरी में शुरू करेगी।

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