हर पंचायत में 100 पौधे कम से कम लगे : सीएम योगी
- जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने के लिए उठाए कड़े कदम
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यावरण संतुलन एवं जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। विगत 5 वर्षों में 100 करोड़ पौधे रोपे गए हैं। पौधरोपण की क्षमता 5 करोड़ से बढ़कर 35 करोड़ पर पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा ग्राम पंचायत हमारी लोक व्यवस्था की आधार इकाई है। शासन स्तर की बड़ी योजनाओं को ग्राम पंचायत स्तर पर ठीक से लागू किए जाने पर अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। मुख्यमंत्री विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला ‘कांफ्रेन्स ऑफ पंचायत-2022Ó को अपने सरकारी आवास पर वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 58 हजार ग्राम पंचायतें हैं। प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 100 वर्ष से अधिक आयु के वृक्षों को विरासत वृक्ष के रूप में चिह्नित कर संरक्षित किया है।
महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में शासन की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। सरकार हरस्तर पर ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करना चाहती है। सभी पंचायतों को ऑप्टीकल फाइबर से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे ग्रामवासियों को जन्म, आय, जाति प्रमाणपत्र गांव में ही प्राप्त हो सकें। योगी ने कहा कि वन महोत्सव के अवसर पर हर ग्राम पंचायत में 100-100 वृक्ष लगाने का कार्य जरूर किया जाए। 100 करोड़ वृक्षों की सुरक्षा का कार्य संबंधित विभाग करें। किसी भी पौधे के नष्ट होने पर नया पौधा लगाकर उसके संरक्षण की व्यवस्था भी की जाए। वृक्षों का क्लस्टर विकसित कर फॉरेस्ट कवर बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा गंगा के दोनों तटों पर 5-5 किमी के क्षेत्रफल में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रत्येक मंडल में जैविक उत्पादों की टेस्टिंग के लिए लैब की व्यवस्था की जा रही है।
हर ग्राम पंचायत में दो-दो अमृत सरोवर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हर ग्राम पंचायत में 2-2 अमृत सरोवर बनाने का संकल्प दिया है। साथ ही प्रदेश के बड़े नगर निकायों में 75 और ग्रामीण स्तर पर 75 सरोवर विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों के किनारों पर व्यापक पौधरोपण किया जाए। बागवानी को प्रोत्साहित किया जाए। अमृत सरोवरों के तट पर तिरंगा लगाया जाए। राष्टï्रीय पर्वों 15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्टूबर पर इन स्थलों पर किसी प्रेरणादायी व्यक्तित्व से ध्वजारोहण कराया जाए।