कांग्रेस ने ईमानदारी से नहीं की हमारे साथ पार्टनरशिप: प्रफुल्ल पटेल

नई दिल्ली। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने पिछले साल शरद पवार को छोड़कर अजित पवार के साथ जाने के अपने कदम को सही ठहराया है। प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि बहुत सालों तक सबने मुझे शरद पवार के हमेशा दाहिए या बाएं देखा। राजनीति के लंबे सफर में उनका मार्गदर्शन मिला। साथ ही साथ हमें ये भी मानना पड़ेगा कि अजित पवार और मैंने साथ में चुनावी राजनीति शुरू की। दोनों व्यक्तित्व (अजित पवार और शरद पवार) अलग हैं। मैंने जो फैसला किया है वह सही है।

शरद पवार से हटकर अजित पवार पर भरोसा कैसा हो गया, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी तो हमारे पास बरकरार है। पवार साहब और हम एक साथ चलते थे। हम उनके पीछे थे। राजनीति में कई मोड़ आते हैं। 2014 में हम लोगों ने कांग्रेस से हटकर विधानसभा का चुनाव लड़ा। तब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन चुके थे। विधानसभा के चुनाव पांच छह महीने बाद हुए। जब नतीजे आए तो हमने बिना शर्त बीजेपी को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया। मैंने इसकी घोषणा की थी तो स्वभाविक है कि शरद पवार जी की सहमति से की थी। हमारा बीजेपी के साथ रिश्ता बनाने का सिलसिला 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद से शुरू हुआ।

पटेल ने आगे कहा कि इसके बाद 2029 में अजित पवार का सुबह-सुबह शपथ हुआ। देवेंद्र फडणवीस सीएम और अजित पवार डिप्टी सीएम बने। एनसीपी भी कांग्रेस से अलग होकर बनी थी। कई सालों तक एक साथ रहने के बाद क्यों अलग हुए। हमें लगा कि कहीं न कहीं कुछ चूक हो रही है। प्रफुल्ल पटेल ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने ईमानदारी से हमारे साथ कभी पार्टनरशिप नहीं की। पवार साहब भी ये बात मानते थे। कई बार मनाने के बाद भी जाने दिया। अब कब तक जाने देंगे। हमारे कई लोगों की नाराजगी को दूर करना था। इसलिए हमने ये फैसला (बीजेपी के साथ जाने का) लिया। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है और उस विचारधारा के साथ हमने जुड़ने की कोशिश की है तो इसमें कोई चूक नहीं है।

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