कांग्रेस नेता उदित राज का बड़ा बयान, कहा- निदेशालय जान बूझकर परेशान कर रहा
उदित राज ने आरोप लगाया कि शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने उनके सरकारी आवास से सामान बाहर फेंक दिया. उनकी पत्नी के नाम पर आवंटित आवास खाली करने का दबाव बनाया जा रहा है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उदित राज ने आरोप लगाया कि शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने उनके सरकारी आवास से सामान बाहर फेंक दिया. उनकी पत्नी के नाम पर आवंटित आवास खाली करने का दबाव बनाया जा रहा है.
दिल्ली में कांग्रेस नेता उदित राज ने एक्स पोस्ट के जरिए बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के संपदा निदेशालय के अधिकारी उनके आवास पर आए और उनके घर का सामान बाहर फेंका गया.
मेरे घर के सामान को सड़क पर फेंका जा रहा है । pic.twitter.com/fVXk0iCiqW
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) October 24, 2025
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उदित राज ने जानकारी देते हुए लिखा है, “मेरा C1/38, पंडारा पार्क, नई दिल्ली-3 स्थित घर मेरी पत्नी सीमा राज के नाम पर आवंटित है. अधिकारियों का कहना है कि वे कल सुबह हमें यहां से बेदखल कर देंगे. मेरी पत्नी रिटायर्ड हैं और हमारा यहां ज्यादा समय तक रहने का कोई इरादा नहीं है. इसलिए हम एक निजी आवास की तलाश में हैं.”
Today officers from the Directorate of Estates,Ministry of Urban Development, Govt of India came to my house at C1/38 ,Pandara Park, New Delhi-3 which is allotted in the name of my wife, Seema Raj and informed that they would evict us tomorrow morning. My wife is retired and we… pic.twitter.com/IBGEAnsZTU
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) October 23, 2025
उदित राज ने बताया कि वह आवास पर कुछ समय ज्यादा रुकने को मजबूर थे क्योंकि उनके ससुर लंबी बीमारी से जंग लड़ रहे थे और उनका निधन हो गया. हालांकि उदित राज ने खुद बताया कि वे नवंबर के अंत तक अपने घर में शिफ्ट हो जाएंगे.
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि इस आवास का किराया वैसे भी बहुत ज्यादा है और वह यहां मजबूरी में ही रह रहे हैं. पोस्ट में उदित राज ने लिखा, “आज आए अधिकारियों ने हमें मंत्रालय में निदेशक/संयुक्त सचिव से बात करने की सलाह दी और हमने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ. मेरी पत्नी ने मंत्रालय को हमारे प्रवास को कुछ समय के लिए बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है।
वह पटियाला हाउस कोर्ट के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में गई हैं, जिन्होंने उनकी अपील स्वीकार कर ली है और निदेशालय को नोटिस जारी कर दिया है और मामला 28.10.25 को सूचीबद्ध है.” ऐसा लगता है कि मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद, संपदा निदेशालय जानबूझकर छुट्टियों के दौरान जबरन बेदखली का सहारा ले रहा है, ताकि हमें कोई राहत न मिल सके.
कांग्रेस नेता उदित राज ने इस मुद्दे को जातिवाद से जोड़ दिया. उन्होंने कहा कि ऐसे कई लोग हैं जो कृपापात्र हैं, लेकिन बेतुके बहाने बनाकर आलीशान बंगलों में रह रहे हैं. मैंने संबंधित मंत्री मनोहर लाल खट्टर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. अधिकारियों की चुनिंदा कार्रवाई और एक विपक्षी नेता को निशाना बनाना, जो निचली जाति से ताल्लुक रखता है और दलितों पर बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ उनकी आवाज उठाता है, मौजूदा सरकार में उच्च जाति के वर्चस्व वाले वर्ग के नापाक इरादों को दर्शाता है.
इस मामले में इतनी जल्दी क्या है? मैं तो जल्द ही घर खाली करने को तैयार हूं, लेकिन यही पैमाना उन तथाकथित ऊंची जातियों के लोगों पर क्यों नहीं लागू किया जा रहा जो उससे भी बड़े घरों में रह रहे हैं? सामाजिक न्याय की अपनी लड़ाई में मैं एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा.



