कांग्रेस छोड़े पंजाब और दिल्ली : आप
- हम और जगह से नहीं लड़ेंगे, गठबंधन को लेकर सुझाया फॉर्मूला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विपक्षी दलों की 23 जून को होने वाली बैठक से पहले आम आदमी पार्टी ने कहा है कि यदि कांग्रेस दिल्ली और पंजाब से अपनी दावेदारी छोड़े तो लोकसभा चुनाव में दोनों दलों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर समझौता हो सकता है। इसके बदले में आम आदमी पार्टी शेष सभी राज्यों से अपनी दावेदारी वापस लेने के लिए तैयार है। आम आदमी पार्टी का मानना है कि इससे भाजपा के विरुद्ध वोटों का बंटवारा रुक जाएगा और उसे राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी चुनौती दी जा सकेगी।
कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के इस ऑफर पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, पंजाब में कांग्रेस की बड़ी दावेदारी को देखते हुए अरविंद केजरीवाल के इस फॉर्मूले पर कांग्रेस का सहमत होना मुश्किल माना जा रहा है। दरअसल, दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पास नेतृत्व और मुद्दों की कमी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस उनके मुद्दों की चोरी कर कर रही है, और उनके मुद्दों को अपने मेनिफेस्टो में शामिल कर चुनावी जीत (हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक) हासिल कर रही है। कांग्रेस नेताओं की ओर से आम आदमी पार्टी पर यह आरोप लगाया जाता है कि वह दूसरे राज्यों में चुनाव लडक़र कांग्रेस के वोटों का बंटवारा करती है, जिससे (गुजरात, उत्तराखंड और गोवा विधानसभा चुनाव की तरह) भाजपा की जीत की राह निकलती है। आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने अमर उजाला से कहा कि यदि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को रोकना है, तो सभी दलों को आपसी मतभेद दूर करते हुए एक मंच पर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भी बड़ा दिल दिखाते हुए उन स्थानों पर दूसरे दलों को अवसर देना चाहिए, जहां दूसरे दल ज्यादा मजबूत हैं।
राष्ट्रीय नेतृत्व से चर्चा के बाद ही फैसला : कांग्रेस
कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के एक नेता ने कहा कि विपक्षी दलों की एकता बैठक के बाद ही उनकी पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व आप से समझौते जैसे किसी मुद्दे पर विचार करेगा। लेकिन उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को किसी गलतफहमी में नहीं पडऩा चाहिए। उन्हें याद रखना चाहिए कि पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटों पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी। वहीं, आम आदमी पार्टी का सातों सीटों पर सूपड़ा साफ हो गया था। पांच सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। ऐसे में उसे किसी तरह की दावेदारी करते समय इन आंकड़ों पर भी विचार कर लेना चाहिए।