कांग्रेस विधायक बेलूर गोपालकृष्ण की बड़ी मांग, कहा- नितिन गडकरी को बनाया जाए प्रधानमंत्री

बेलूर गोपालकृष्ण ने कहा, "मोहन भागवत ने जो बात कही है, वो बिल्कुल सही है। जब नेता 75 साल के हो जाएं, तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क: कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक बेलूर गोपालकृष्ण ने रविवार को एक चौंकाने वाला बयान देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के देश का अगला प्रधानमंत्री बनाए जाने की मांग की है। उन्होंने यह मांग स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान के संदर्भ में की।

भागवत ने अपने वक्तव्य में कहा था कि जब किसी नेता की उम्र 75 वर्ष हो जाती है, तो उसे सक्रिय राजनीति से सन्यास लेना चाहिए। इस बयान का समर्थन करते हुए कांग्रेस विधायक गोपालकृष्ण ने कहा कि अगर इस सिद्धांत को मान्यता दी जाए, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना पद छोड़ देना चाहिए।

बेलूर गोपालकृष्ण ने कहा, “मोहन भागवत ने जो बात कही है, वो बिल्कुल सही है। जब नेता 75 साल के हो जाएं, तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। ऐसे में अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पद छोड़ते हैं, तो नितिन गडकरी इस पद के लिए एक योग्य और व्यवहारिक विकल्प हो सकते हैं।”

कांग्रेस विधायक के इस बयान को भाजपा के लिए असहज करने वाला माना जा रहा है, खासकर तब जब यह टिप्पणी पार्टी के ही एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री के पक्ष में की गई है। यह बयान भाजपा के अंदरूनी नेतृत्व संघर्ष और भावी नेतृत्व की चर्चाओं को और हवा दे सकता है।

गोपालकृष्ण ने कहा, “मेरा मानना है कि नितिन गडकरी को देश का अगला प्रधानमंत्री होना चाहिए. वो आम आदमी के करीब हैं और उन्होंने देश के बुनियादी ढांचे खासतौर पर राजमार्गों के विकास के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है. उनके काम ने लोगों का विश्वास जीता है. देश की जनता उनके व्यक्तित्व से भली-भांति परिचित हैं”

उन्होंने कहा, “उनके पास देश के विकास के लिए एक दृष्टिकोण है. ऐसे व्यक्तियों को ही प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए. साथ ही भागवत ने यह संकेत दिया है कि 75 साल के हो चुके लोगों को पदों से हट जाना चाहिए. ऐसे में मुझे लगता है कि अब गडकरी जी के लिए सही समय आ गया है.”

येदियुरप्पा का जिक्र करते हुए गोपालकृष्ण ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता येदियुरप्पा जी को आंसुओं के साथ इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने कर्नाटक में पार्टी को खड़ा किया और सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई. पीएम मोदी जी के साथ अलग व्यवहार क्यों? क्या यह फैसला प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर हुआ था? मोहन भागवत जी ने भी कहा है कि 75 वर्ष की उम्र के बाद नेतृत्व की जिम्मेदारी दूसरों को दी जानी चाहिए. ऐसे में यह भी संभव है कि गडकरी जी को आगे लाया जाए.”

Related Articles

Back to top button