चुनाव से पहले कांग्रेस ने चला बड़ा दांव, भाजपा हुई परेशान !
राजस्थान: इन दिनों लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं सभी राजनीतिक दल एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं, वहीं राजस्थान की अगर हम बात करें तो चुनाव को लेकर इन दिनों सियासी पारा हाई चल रहा है। ऐसे में प्रदेश में लोकसभा की ज्यादा सीटें जीतने के लिए लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में अब आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गया है। कांग्रेस, भाजपा समेत अन्य राजनीतिक दल चुनावी मैदान में हैं। वोटरों को साधने के लिए तरह तरह के नए नियम तैयार किये जा रहे हैं। अब भले ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार न हो लेकिन चुनावी मैदान में उतरते ही कांग्रेस पार्टी भी एक्टिव हो गई है। प्रदेश में 25 में से 25 लोकसभा सीटों को जीतने के लिए नेता अथक प्रयास भी कर रहे हैं। यहाँ तक कि इस बार क्ले चुनाव को साधने के लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी भी लगातार प्रचार प्रसार कर रहे हैं। अभी हाल ही में पीएम मोदी ने राजस्थान का दौरा किया जिसे लेकर एक तरफ जहां भाजपा पीएम मोदी की तारीफों के पुल बांध रही यही वहीं कांग्रेस पार्टी लगातार पीएम मोदी को घेर रही है। बता दें कि राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अक्सर भाजपा और पीएम मोदी को घेरते हुए नजर आते हैं, अब उन्होंने एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला।
कुछ सीटों पर दिलचस्प मुकाबला
वहीं आपको बता दें कि राजस्थान में कई ऐसी सीटें हैं जिनपर काफी दिलचस्प मुकाबला है, इन सीटों की अगर हम बात करें तो इनमें कई प्रमुख सीटें हैं। वहीं बता दें कि कोटा संभाग में दो लोकसभा सीट आती हैं जिसमें से दोनों ही बीजेपी का अभेद गढ माना जाता है. कांग्रेस को इन दोनों ही सीटों पर जीत के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. इस बार दोनों ही सीटों पर मुकाबला रोचक है और दिग्गजों की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है। हाडौती संभाग की सबसे प्रमुख सीट पर झालावाड़ और बारां सीट हैं जहां से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र बीजेपी प्रत्याशी दुष्यंत सिंह चुनाव मैदान में हैं. जबकि दूसरी और कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया कि पत्नी उर्मिला जैन भाया चुनाव मैदान में है, ऐसे में दोनो की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है. झालावाड़-बारां लोकसभा सीट बीजेपी की सेफ सीट मानी जाती है, लेकिन इस बार यहां मुकाबला थोडा रोचक नजर आ रहा है। वर्ष 1989 से वर्ष 2009 तक वसुंधरा राजे यहां से सांसद रही और यहीं से वह केन्द्रीय मंत्री भी रहीं. उसके बाद उन्हें राजस्थान की कमान सौंपी गई और वह मुख्यमंत्री बनी, उसके बाद से ही इस सीट पर उनके पुत्र दुष्यंत सिंह चुनाव जीतकर आ रहे हैं। बता दें कि दुष्यंत सिंह वर्ष 2009 से वर्ष 2019 तक यहां से सांसद रहे हैं, वह वर्तमान में भी झालावाड़ बारां सीट से सांसद हैं. लेकिन इस बार माहौल कुछ अलग नजर आ रहा है और उर्मिला जैन भाया से उनका मुकाबला हो रहा है।
चुनाव को लेकर फंसा पेंच
सालों से झालावाड़ बारां लोकसभा सीट बीजेपी का गढ रही है, लेकिन इस बार कुछ रोचकता चुनाव में नजर आ रही है, प्रमोद जैन भाया का बारां क्षेत्र में अच्छी पकड़ है और कई सामाजिक और धार्मिक आयोजन वह करवा चुके हैं. झालावाड़ बारां लोकसभा सीट दो जिलो में आती हैं, जिसमें झालावाड और बारां में 4-4 विधानसभा है, जिसमें बारां में बीजेपी के पास चार की चार विधानसभा सीट पर कब्जा है, जबकि झालावाड में 3 विधानसभा बीजेपी के पास हैं तो एक कांग्रेस के पास है. ऐसे में बीजेपी की स्थिति विधानसभा के अनुसार तो मजबूत है, लेकिन लोकसभा में कडा मुकाबले का अनुमान लगाया जा रहा है.
झालावाड़ बारां लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी दुष्यंत सिंह मैदान में है तो कांग्रेस से उर्मिला जैन मैदान में हैं, ऐसे में वसुंधरा के बेटे चुनाव मैदान में होने से वसुंधरा राजे की प्रतिष्ठा दाव पर है तो दूसरी और कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद जैन भाया कि पत्नी उर्मिला जैन चुनाव मैदान में है, ऐसे में एक तरफ मां तो दूसरी तरफ पति की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है, दोनो ही अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज नेता है। खैर ऐसा नहीं है कि मामला सिर्फ एक ही सीट का है बल्कि कई सीटों पर ऐसे ही मंथन किया जा रहा है, अब राजस्थान की बांसवाड़ा सीट की तो यहां भी बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। दरअसल नामांकन खत्म होने के कुछ देर पहले कांग्रेस ने अर्जुन बामनिया को अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला किया, लेकिन बामनिया ने आखिरी समय तक नामांकन ही दाखिल नहीं किया. इससे पहले अरविंद डामोर ने कांग्रेस के डमी कैंडिडेट के रूप में नामांकन जमा कर दिया.
हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि क्या बामनिया ने कांग्रेस और बीएपी के लिए गठबंधन के कारण नामांकन जमा नहीं किया या किसी चूक की वजह से नॉमिनेशन नहीं भर पाए. बामनिया के नॉमिनेशन नहीं भरने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसे में अब आदिवासी बहुल सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस ने डामोर को बांसवाड़ा लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए अधिकृत किया है.
चुनावी दौड़ में प्रमुख पार्टियां
वहीं आपको बता दें कि पहले से ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि कांग्रेस बांसवाड़ा में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के साथ गठबंधन कर सकती है, लेकिन बाद में बीएपी ने पार्टी विधायक राजकुमार रोत को बांसवाड़ा से अपना उम्मीदवार बनाया. बीजेपी ने बांसवाड़ा-डूंगरपुर से पूर्व कांग्रेस मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को मैदान में उतारा है.भारतीय आदिवासी पार्टी ने कांग्रेस से समर्थन की मांग भी की थी. बाप के उम्मीदवार राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा था कि ‘बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर भारत आदिवासी पार्टी को समर्थन करते हुए इंडिया गठबंधन में कांग्रेस सीट को छोड़ती है, तो हम और यहां के समस्त रहवासी कांग्रेस आलाकमान के आभारी रहेंगे और बीजेपी को धूल चटाएंगे.’ खैर अभी मौजूदा समय में चुनाव को लेकर सियासत काफी गर्म है कई बड़े-बड़े दिग्गज यहां से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, अब देखना ये होगा कि इस बार के चुनाव में किसे मौका मिलता है और जनता किसे चुनती है। ये तो आने वाला समय ही तय करेगा, लेकिन अभी सियासी मैदान सभी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। फिलहाल के लिए इस खबर में इतना ही तब तक के लिए देखते रहिये 4 PM राजस्थन धन्यवाद।