कांग्रेस ने यूपी विस घेरा, सरकार के उड़े होश

नेता व कार्यकर्ताओं की हुई गिरफ्तारी, बस में बैठाकर भेजा गया इको गार्डन

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कांग्रेस पार्टी के विधानसभा घेराव के ऐलान के बाद कांग्रेसी नेताओं का लखनऊ में जमावड़ा लग गया। भारी संख्या में पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के जोश को देखकर योगी सरकार के होश उड़ गए। बता दें इससे पहले राहुल व प्रियंका के सभंल दौरे व राहुल गांधी का हाथरस दौरे से दबाव में आई बीजेपी सरकार आज फिर कांग्रेस के आगे झुकती नजर आई।
कांग्रेस के लोग विस के पास पहुंच न पाएं इसलिए पूरे राजधानी का किले में तब्दील कर दिया गया है। इस दौरान उन्हें रोकने के लिए जिलों में कांग्रेस नेताओं को हाउस अरेस्ट किया जा रहा है और जगह-जगह बैरीकेडिंग कर दी गई है। वहीं, लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय के बाहर आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) के जवानों की तैनाती कर दी गई है। कांग्रेस कार्यालय के बाहर मौजूद नेताओं की गिरफ्तारी की तैयारी शुरू कर दी है गई। उन्हें बस में बैठाकर इको गार्डेन ले जाया जाएगा।
पुलिस की ओर से भेजे नोटिस में कहा गया है कि विधानसभा का तृतीय सत्र चल रहा है। इसमें घेराव से कानून व्यवस्था व विशिष्ट लोगों की सुरक्षा व्यवस्था के लिये गम्भीर खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए निषेधाज्ञा अन्तर्गत धारा-163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता प्रभावी है। ऐसे में कोई घेराव, धरना व शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया जाता है तो आपके विरुद्ध नियमानुसार कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी। नोटिस के साथ ही कांग्रेस नेताओं और प्रदेश मुख्यालय पर बैरिकेडिंग कर दी गई है।

हमारे कार्यकर्ताओं को मारना चाहती है योगी सरकार : अजय राय

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने योगी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। राय का कहना है कि म विधानसभा का घेराव करने वाले हैं लेकिन सरकार ने हमे रोकने के लिए नुकीली बैरीकेडिंग की है। ये भाले हमारे कार्यकर्ताओं को गंभीर चोट पहुंचाएंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है। ये सरकार हमारे कार्यकर्ताओं को मारना चाहती है। गाजीपुर बॉर्डर पर हमारे कार्यकर्ताओं को रोका जा रहा है लेकिन हम इस सबके बाद भी विधानसभा में प्रवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि जैसे मोदी सरकार ने किसानों को रोकने के लिए कांटों की दीवार खड़ी की थी वैसे ही योगी सरकार ने विधानसभा घेरने जाने वाले कांग्रेसजनों की राहों पर कांटे बिछा दिए हैं। किंतु इस कायराना हरकत से हम डरने वाले नहीं हैं। ना ही ये कांटों वाले ऊंचे-ऊंचे बैरिकेड्स हमारे हौसले और हिम्मत को डिगा पाएंगे। हम इन कांटों को फूल समझकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे। हर हाल में हम विधानसभा का घेराव करके ही रहेंगे।

कांग्रेस कार्यालय की ओर जाने वाली सडक़ को बंद किया गया

लखनऊ में विधानसभा घेराव को लेकर कांग्रेस कार्यालय की ओर जाने वाली सडक़ को बन्द कर दिया गया। इसकी वजह से लाल बत्ती चौराहे से लोहिया पथ की ओर यातायात धीमी गति से चलता रहा। विधानसभा घेराव के पहले पुलिस ने मध्य जोन महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ममता चौधरी को गिरफ्तार किया। उनके साथ हुई धक्कामुक्की की गई है। उधर लखनऊ अयोध्या, बाराबंकी बहराइच हाईवे पर नाकेबंदी कर दी गई, वहीं कांग्रेस पदाधिकारियों को उनके घर पर नजर बंद करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। कंपनी बाग में कांग्रेस जिला अध्यक्ष मो. मोहसिन समेत कई लोग गिरफ्तार कर लिए गए। राबरेली से कांग्रेसी नेता सुबह से लखनऊ के लिए चल पड़े लेकिन विभिन्न चेकपोस्ट पर पुलिस ने नेताओं की धरपकड़ कराई। विभिन्न थाना क्षेत्रों में कांग्रेसी नेताओं को घर से बाहर से ही पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर दिया।
शहर में नगर पालिका अध्यक्ष शत्रोहन सोनकर को कोतवाली में नजरबंद किया गया। कांग्रेस के तिलक भवन कार्यालय पर ताला लटका रहा जबकि कुछ कांग्रेसी नेता एक दिन पहले ही लखनऊ के लिए निकल गए।

घेराव से पहले कांग्रेस नेताओं के घर पर पुलिस ने डाला डेरा

बुधवार को विधानसभा घेराव से पहले कांग्रेस नेताओं और पदाधिकारियों के घरों पर पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है। शहर कांग्रेस के कई नेता घर छोडक़र इधर उधर छिप गए हैं। पुलिस ने उनके घरों पर नोटिस भी चस्पा कर दी गई है। शहर कांग्रेस उत्तरी के निवर्तमान अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव त्यागी के घर के बाहर पुलिस का पहरा बैठा है। पूर्व पार्षद और प्रदेश कांग्रेस के सचिव शैलेंद्र तिवारी के घर पर भी पुलिस ने छापा मारा है और नोटिस जारी की है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी के आईआईएम रोड स्थित घर पर भी पुलिस ने छापा मारा है और नोटिस चस्पा किया है। निवर्तमान जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश त्रिपाठी को भी पुलिस तलाश रही है। शहर और जिला कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक पदाधिकारी प्रदेश मुख्यालय पर डट गए हैं। निवर्तमान प्रदेश महिला कांग्रेस की मध्य जोन की अध्यक्ष ममता चौधरी कोभी पुलिस तलाश रही है।

महाकुंभ आयोजन के लिए हो रहे सरकारी खर्च पर मायावती का सवालिया निशान!

 

बसपा सुप्रीमो बोलीं- गरीबी से राहत की योजनाएं चलाए सरकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कुुंभ पर खर्च किये जा रहे सरकारी धन के व्यय पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि सरकार गरीबों के लिए योजनांए चलाए यहीं महाकुंभ का तोहफा होगा। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने विधानसभा सत्र में सरकार से गरीबी से राहत की योजनाएं चलाने की अपील की है। साथ ही कहा कि अगर ऐसा होता है तो ये प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ का बड़ा उपहार होगा।
बसपा मुखिया मायावती ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच एक्स के माध्यम से लिखा कि यूपी में भी गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि से त्रस्त लोगों के हितों में यहां चल रहे विधानसभा सत्र में सरकार को कुछ ऐसी योजनाओं को भी शुरू करना चाहिए जिससे इनको थोड़ी राहत मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा किए जाने पर फिर सरकार का यहां प्रयागराज के महाकुंभ का इनके लिए बहुत बड़ा उपहार होगा। इससे फिर इनको कुछ हद तक राहत जरूर मिलेगी। इनकी ओर से पार्टी की यह खास अपील। ज्ञात हो कि प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन बड़े स्तर पर किया जाता है। इस बार महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। वहीं, इसका समापन 26 फरवरी को होगा। प्रयागराज में शुरू होने जा रहा महाकुंभ का विशेष महत्व है, क्योंकि प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन होता है। यह संगम विश्वभर में प्रसिद्ध है। हर 12 वर्ष पर विशेष रूप से चार स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस आयोजन में पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

किसानों को साथ लेकर पीएम मोदी से मिले पवार

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के बीच सदन में एक तरफ जहां हंगामा बुधवार को भी जारी रहा वहीं दूसरी तरफ संसद भवन में बने पीएम कार्यालय में शरद पवार की मौजूदगी को लेकर एक बार फिर तरह-तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं।
दअरसल, अलग-अलग तरह की अटकलें लगाए जाने की वजह थी पीएम मोदी से उनकी मुलाकात। जैसे ही ये जानकारी निकलकर सामने आई की शरद पवार पीएम मोदी से मुलाकात करने आए हैं, वैसे ही तरह-तरह के कयास लगाए जाने का दौर सा शुरू हो गया। हालांकि, कुछ देर बाद ही शरद पवार ने ये साफ कर दिया है कि पीएम मोदी की उनकी इस मुलाकात को किसी भी तरह से राजनीति से जोडक़र ना देखा जाए। उन्होंने बताया कि वह पीएम मोदी को एक कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए आए थे और ये मुलाकात भी उसी संदर्भ में थी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यह पहला मौका था जब शरद पवार पीएम मोदी से मिलने पहुंचे थे।

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