यूपी में कांग्रेस ने चला मास्टर स्ट्रोक, योगी के छूटे पसीने!

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मिशन 2027 को लेकर संगठन को मजबूत बनाने की कवायद शुरू कर दी है... जिससे बीजेपी की बेचैनी और बढ़ गई है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है….. जहां राजनीतिक लहरें हमेशा तेज चलती रहती हैं….. उत्तर प्रदेश में इस बार मिशन 2027 को लेकर कांग्रेस ने एक ऐसा मास्टर स्ट्रोक खेला है….. जिसकी राजनीतिक हलकों में व्यापक चर्चा हो रही है….. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के लिए यह एक बड़ा सियासी सिरदर्द बन गया है…… कांग्रेस ने अपनी रणनीति में एक ऐसा कदम उठाया है…… जिसने न सिर्फ भाजपा को चौंकाया है….. बल्कि योगी आदित्यनाथ की स्थिति को भी कठिन बना दिया है….. आज हम इस खबर में विस्तार से जाने कि कांग्रेस का यह मास्टर स्ट्रोक क्या है…… और इससे योगी सरकार पर क्या असर हो सकता है……

दोस्तों…. उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों के मद्देनज़र कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में प्रदेश के जिलाध्यक्षों…… और महानगर अध्यक्षों की लिस्ट जारी की है……. जो प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है……. कांग्रेस ने इस बार अपने नेताओं को विभिन्न जिलों….. और महानगरों में जिम्मेदारियां सौंपने के साथ-साथ अपनी राजनीति में PDA दांव भी खेला है….. कांग्रेस ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों की लिस्ट जारी की….. जो संगठनात्मक रूप से पार्टी को उत्तर प्रदेश में फिर से मजबूत बनाने के उद्देश्य से किया गया है….. यह लिस्ट प्रदेश में पार्टी की निचली स्तर की संरचना को मजबूत करने के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की चुनावी तैयारियों को भी दर्शाती है…..

कांग्रेस की तरफ से हाल ही में उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसे कदम उठाए गए हैं…… जो भाजपा की राजनीति को झकझोरने वाले साबित हो रहे हैं……. इसमें सबसे प्रमुख था “संविधान बचाओ” आंदोलन…… जिसे कांग्रेस ने प्रदेश भर में बड़े पैमाने पर फैलाया है….. यह आंदोलन सीधे तौर पर भाजपा के शासन पर सवाल उठा रहा है…… और खासकर योगी आदित्यनाथ की सरकार को चुनौती दे रहा है….. बता दें कि कांग्रेस ने अपनी रणनीति में युवाओं और किसानों को टारगेट करते हुए…… उनकी समस्याओं को प्रमुखता दी है….. किसानों का आंदोलन, जो पहले ही देशभर में छाया हुआ था…… उसे कांग्रेस ने यूपी में भी एक बड़ा मुद्दा बना लिया….. साथ ही कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का सही इस्तेमाल करते हुए…… भाजपा के खिलाफ जन जागरूकता फैलाने का काम किया…..

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रही है…… कोविड-19 महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की नाकामी….. बेरोज़गारी की समस्या…… किसानों की नाराजगी और विकास कार्यों में धीमी गति…… ये सभी मुद्दे भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने में योगदान कर रहे हैं……. लेकिन कांग्रेस के इस मास्टर स्ट्रोक ने योगी आदित्यनाथ की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है….. जिन पर भाजपा सरकार पहले से ही घिरी हुई थी…… खासकर किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस ने किसान नेता राकेश टिकैत के साथ मिलकर प्रदेशभर में समर्थन जुटाया था…… इसने भाजपा के वोटबैंक को प्रभावित किया…. और सरकार की साख पर सवाल उठाए…..

बता दें कि यूपी की सत्ता में आने के बाद योगी आदित्यनाथ की छवि ‘विकास पुरुष’ के रूप में स्थापित हुई थी…… लेकिन जब कांग्रेस ने उन्हें किसानों और आम आदमी के खिलाफ करार दिया…… तो यह उनका राजनीतिक आधार हिलाने वाला कदम साबित हुआ….. साथ ही, कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को भी जोरशोर से उठाया……. और प्रदेश सरकार के खिलाफ कई आरोप लगाए….. जिससे योगी सरकार के खिलाफ जन आक्रोश पैदा हुआ…. आपको बता दें कि कांग्रेस ने अपने मास्टर स्ट्रोक के जरिए यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अब यूपी में केवल एक विपक्षी दल के रूप में नहीं…… बल्कि एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरने की कोशिश कर रही है….. कांग्रेस का यह आंदोलन केवल योगी सरकार के खिलाफ नहीं है…… बल्कि यह पार्टी की तरफ से अपने आपको पुनः स्थापित करने का प्रयास भी है…..

वहीं एक बार फिर से कांग्रेस ने बीजेपी को नए सिरे से चोट देने के लिए…. यूपी में जिला अध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों की लिस्ट जारी कर दी है…… इस लिस्ट में कांग्रेस पार्टी ने पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय का खास ध्यान रखा है…… बता दें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव से पहले पीडीए का नारा दिया था…… यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा…… जिसमें इन्हें काफी फायदा भी हुआ…. वहीं अब कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनाव के पहले पीडीए फार्मूले से यूपी में अपनी खोई जमीन तलाशने की कोशिश में है……

बता दें कि यूपी के 75 जिलों के जिला अध्यक्ष….. और महानगर अध्यक्षों को मिलाकर कांग्रेस ने 133 पदाधिकारी घोषित किए हैं…… इनमें 85 पदाधिकारी यानी 65 फीसदी पिछड़े, दलितों और अल्पसंख्यकों को जिला अध्यक्ष…. और महानगर अध्यक्ष बनाया गया है….. नए बनाए गए जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्षों में 46 सदस्य जनरल कैटेगरी के हैं…… जिनमें कुल 26 ब्राह्मण शामिल हैं…… कांग्रेस ने सबसे ज्यादा ओबीसी समुदाय को मौका दिया है….. आपको बता दें कि नए घोषित किए गए जिला अध्यक्षों में 48 ओबीसी हैं…… इसके अलावा 32 मुस्लिम जिलाध्यक्ष…. और महानगर अध्यक्ष बने हैं…… वहीं अनुसूचित जाति और जनजाति से 20 जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं…..

कांग्रेस पार्टी ने यूपी के जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों के नाम की लिस्ट जारी करते हुए सभी को बधाई भी दी है….. सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अनुमति से नियुक्त किए गए उत्तर प्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों/शहर अध्यक्षगण को हार्दिक बधाई…… हमें विश्वास है कि आप सभी अपनी पूरी निष्ठा, तत्परता और समर्पण से जननायक राहुल गांधी के लोकहितकारी विचारों से जन-जन को अवगत कराएंगे….. और कांग्रेस पार्टी का हाथ मजबूत करेंगे…… बता दें कि इससे कुछ दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने जिलाध्यक्षों की एक लिस्ट जारी की थी…..

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश से पीडीए पॉलिटिक्स को सबसे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लेकर आए….. यूपी में उन्होंने पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) पर फोकस करना शुरू किया….. और इसका फायदा भी उन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान मिला….. वहीं समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की वजह से कांग्रेस पार्टी को भी इसका असर देखने को मिला…… यही वजह है कि यूपी में जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों की लिस्ट जारी करते समय पीडीए पर कांग्रेस ने विशेष फोकस किया है…… यूपी की बात करें तो यहां 45 फीसदी पिछड़े, 21.5 प्रतिशत दलित….और 20 प्रतिशत आबादी मुस्लिम समुदाय की है…. ऐसे में पीडीए यूपी की कुल आबादी का 86.5 प्रतिशत होता है…… जिसका चुनाव पर खास असर होता है…..

 

 

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