बांग्लादेशी हमले के पीछे साजिश? मंत्री नितेश राणे ने की प्रभावी जांच की मांग
बीजेपी नेता और मंत्री नितेश राणे ने प्रदेश और राज्य सरकार से मांग की है कि इस घटना के पीछे कौन है इसकी प्रभावी जांच कराएं.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे ने हाल ही में स्थानीय मछुआरों पर कथित बांग्लादेशी घुसपैठियों के हमले को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस घटना की केवल सतही जांच नहीं, बल्कि इसके पीछे की पूरी साजिश का पर्दाफाश होना चाहिए। महायुति सरकार में मंत्री नीतेश राणे ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर इस तरह का मामला फिर सामने आया तो बांग्लादेशियों को ऐसा सबक सिखाएंगे कि वो हिंदुओं पर हाथ उठाना भूल जाएंगे.
मंत्री नितेश राणे ने इस मसले पर एक सवाल के जवाब में कहा, “कुछ दिन पहले एक घटना हुई, जिसमें बांग्लादेशी लोग आए और स्थानीय मछुआरों पर हाथ उठाया. हमारी राय इस बात को लेकर साफ है कि किसी भी बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान को अपनी धरती पर नहीं रहने देंगे. अगर वे हाथ उठाने जैसी कोई हरकत करेंगे, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें वह सजा मिले जिसके वे हकदार हैं. वे फिर कभी किसी हिंदू की तरफ देखने की हिम्मत नहीं करेंगे.”
प्रभावी जांच और कार्रवाई की मांग
बीजेपी नेता और मंत्री नितेश राणे ने प्रदेश और राज्य सरकार से मांग की है कि इस घटना के पीछे कौन है इसकी प्रभावी जांच कराएं. बांग्लादेशियों को किन लोगों का समर्थन मिल रहा है, इसकी भी जांच होनी चाहिए. ताकि यह पता चल सके वो किसके दम पर ऐसा करने की हिम्मत जुटा पा रहे हैं.
क्या है मामला?
महाराष्ट्र के भौची ढक्किया में बांग्लादेशी और रोहिंग्या ने स्थानीय मछुआरों को परेशान किया था. उन्होंने एक महिला के साथ मारपीट भी की थी. इसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए राज्य के मत्स्य विकास मंत्री नितेश राणे ने बुधवार को भौची ढक्किया का दौरा किया. उन्होंने भौची ढक्किया के मछुआरों से इस मसले पर चर्चा की और घुसपैठियों को चेतावनी दी. नितेश राणे ने कहा, ‘कुछ दिन पहले कोली समुदाय के लोगों ने हिंदुत्व संगठनों को एक पत्र लिखा था. यहां एक घटना हुई है, कुछ बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध रूप से यहां आए और हमारे कोली भाइयों को मछली बेचने नहीं दिया. उन्होंने एक कोली बहन पर हाथ उठाने की हिम्मत की. इसके विरोध में आज हिंदू समर्थक लोग जमा हुए हैं. हमारा स्पष्ट रुख है कि केंद्र और राज्य सरकारों ने बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को लेकर नियमों प सख्ती से अमल करे.



