गरीबों से वोट छीनने की साजिश

मतदाता पुनरीक्षण पर भड़कीं पूर्व सीएम राबड़ी देवी

  • अचानक एक महीने में प्रक्रिया पूरी करने का दबाव बना रही बीजेपी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष की नेता राबड़ी देवी ने अपील की कि वे विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के दौरान चुनाव अधिकारियों को वोटर आईडी कार्ड के अलावा कोई अन्य दस्तावेज न दिखाएं। राबड़ी देवी ने यह बयान पटना के बापू सभागार में आयोजित राजद की 28वीं स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में दिया। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, देश को बेचने की साजिश चल रही है।
अब गरीबों से वोट देने का अधिकार भी छीना जा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव में सिर्फ तीन महीने बचे हैं और इस दौरान गरीबों को मतदाता सूची से बाहर करने की योजना बनाई जा रही है। राबड़ी देवी ने कहा, मैं राज्यभर से आए लोगों से कहना चाहती हूं कि वोटर आईडी के अलावा कोई और दस्तावेज न दिखाएं। यदि कोई अधिकारी मांगे, तो साफ मना कर दें। उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया में अन्य दस्तावेजों की मांग को अन्यायपूर्ण बताया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, अधिकारियों द्वारा माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। जिन लोगों ने अपने परिवार को वर्षों पहले खो दिया है, वे कहां से यह प्रमाण पत्र लाएंगे। वहीं बैठक में पार्टी संस्थापक लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने जाने का प्रमाण पत्र भी सौंपा गया। इस अवसर पर पार्टी के नेता तेजस्वी यादव, देशभर से आए कार्यकर्ता और नेता, और केरल इकाई के प्रमुख एमवी श्रेयम्स कुमार समेत हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे। राबड़ी देवी ने यह भी कहा कि इस तरह की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया पिछले 20 वर्षों में नहीं हुई। पिछले 11 वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में हैं, तब कभी इसकी आवश्यकता नहीं पड़ी। लेकिन अब चुनाव से ठीक पहले अचानक एक महीने में यह प्रक्रिया पूरी करने का दबाव बनाया जा रहा है।

विपक्ष को चुनाव प्रक्रिया पर भी भरोसा नहीं : गुरु प्रकाश

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश ने कहा कि विपक्षी दलों को अब भारत की चुनाव प्रक्रिया पर भी भरोसा नहीं रह गया है। वे चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था को निशाने पर लेकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। गुरु प्रकाश ने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण एक पूरी तरह से संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसे संविधान के अनुच्छेद 325 और 326 के तहत लागू किया गया है। बिहार में कुल 7.9 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से लगभग 5 करोड़ मतदाताओं को किसी तरह के दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं है, केवल शेष मतदाताओं से ही पहचान पत्र मांगा जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड केवल एक निवास प्रमाण हो सकता है, लेकिन इससे नागरिकता साबित नहीं होती। नागरिकता के लिए अलग तरह के दस्तावेज जरूरी होते हैं। ऐसे में विपक्ष द्वारा आधार कार्ड को एकमात्र दस्तावेज मानने की मांग आधारहीन है। उन्होंने आरोप लगाया कि महागठबंधन के नेता मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया का विरोध सिर्फ इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अब लोकतंत्र पर भी विश्वास नहीं रहा। गुरु प्रकाश ने बताया कि राज्यभर में करीब 50 लाख बीएलओ इस काम में लगे हुए हैं और मतदाता सूची को शुद्ध करने का काम तेज़ी से किया जा रहा है।

Related Articles

Back to top button