मुरादाबाद में बुर्का पहनकर कॉलेज जाने पर विवाद
मुरादाबाद। मुरादाबाद के हिंदू पीजी कॉलेज में बुर्का पहनकर पहुंची छात्राओं को कॉलेज में एंट्री नहीं मिली। ड्रेस कोड का हवाला देकर कॉलेज प्रशासन ने बुर्का पहनकर पहुंची छात्राओं को एंट्री देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद कॉलेज गेट पर हंगामा हुआ। वहीं मुस्लिम छात्राओं ने कहा है कि बुर्का पहनकर कॉलेज में एंट्री पाना उनका अधिकार है।
बुर्का पहनकर पहुंची छात्राओं को कॉलेज में एंट्री नहीं मिलने की बात सपा नेताओं तक पहुंची। सपा छात्र सभा के पदाधिकारी भी कॉलेज पहुंच गए। सपा छात्र सभा ने कॉलेज गेट पर हंगामा किया। इस दौरान कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यव्रत सिंह रावत और चीफ प्रॉक्टर डॉ. एपी सिंह से सपा छात्र सभा के पदाधिकारियों की नोकझोंक भी हुई। इस दौरान कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी हुई।हंगामा बढऩे पर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। फिलहाल कॉलेज प्रशासन ड्रेस कोड के मामले में पूरी सख्ती से अड़ा है।
मुरादाबाद के हिंदू पीजी कॉलेज में एक जनवरी से ड्रेस कोड लागू हो चुका है। इसके बाद से बिना यूनिफार्म के पहुंचने वाले छात्र-छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। कॉलेज प्रशासन का तर्क है कि कॉलेज में अनुशासन और पठन-पाठन का माहौल बनाने के लिए ड्रेस कोड को पूरी सख्ती से लागू किया गया है। ताकि कॉलेज में बाहरी तत्वों का प्रवेश पूरी तरह से रोका जा सके।
बता दें कि ड्रेस कोड लागू होने के बाद से आए दिन कॉलेज के गेट पर हंगामे की घटनाएं सामने आ रही हैं। कई पूर्व छात्राओं ने आरोप लगाए कि वे अपनी अंक तालिका या दूसरे कार्य से कॉलेज पहुंचे तो उन्हें एंट्री नहीं दी गई। हालांकि कॉलेज प्रशासन गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए सभी को 2 बजे के बाद कॉलेज आने की सलाह दे रहा है।
हिंदू कॉलेज गेट पर नोकझोंक और हंगामे की घटनाएं तो एक जनवरी से बात से आए दिन हो रही हैं। लेकिन बुधवार को बुर्का पहनकर पहुंची छात्राओं को रोकने के बाद सपा छात्र सभा के इसमें कूदने से मामला तूल पकड़ गया। सपा छात्र सभा के पदाधिकारियों की मांग थी कि छात्राओं को क्लास रूम तक बुर्का पहनकर जाने दिया जाए। लेकिन कॉलेज प्रशासन ने साफ कर दिया कि ड्रेस कोड सभी जाति और धर्म के स्टूडेंट्स पर समान रूप से लागू होगा। ड्रेस कोड का पालन सभी को करना होगा और बिना ड्रेस कोड के किसी को भी कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
हालांकि सपा छात्र सभा जिला अध्यक्ष मोहम्मद असलम चौधरी समेत कई अन्य पदाधिकारी इस जिद पर अड़े थे कि छात्राओं को बुर्का पहनकर क्लास रूम तक जाने दिया जाए। इसी जिद के साथ वे धरने पर भी बैठे लेकिन कॉलेज प्रशासन ने ड्रेस कोड के मामले में ढील देने से इनकार कर दिया। उधर, छात्राओं ने कहा कि वे हमेशा से बुर्का पहनकर कॉलेज जाती रही हैं। ये उनका अधिकार है और उन्हें आगे भी इसकी इजाजत मिलनी चाहिए।
हंगामा बढऩे पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने कॉलेज प्रशासन और छात्राओं से बात की। जिसके बाद छात्राएं वापस चली गईं। जबकि सपा छात्र सभा की ओर से प्राचार्य को ज्ञापन दिया गया है। जिसमें उन्होंने मांग की है कि छात्राओं को क्लास रूम तक बुर्के में जाने की अनुमति दी जाए। कॉलेज के गेट पर छात्राओं के बुर्का उतरवाना ठीक नहीं है। इससे छात्राओं की संख्या कम हो जाएगी।
हिंदू कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर डॉ. एपी सिंह का कहना है कि ड्रेस कोड की घोषणा 2 महीने पहले ही कर दी गई थी। सभी को बता दिया गया था कि 1 जनवरी से कॉलेज में यूनिफॉर्म में ही आना होगा। कॉलेज प्रशासन का निर्णय सभी को मानना चाहिए। मुस्लिम छात्राओं की सुविधा के लिए कॉलेज के गेट पर ही एक कक्ष बनाया गया है जहां छात्राएं बुर्का बदल सकती हैं।