गाजीपुर से मिशन 2024 का आगाज
लखनऊ। दोबारा भाजपा की कमान संभालने के बाद नड्डा यूपी में पूर्वांचल से अपने नए सियासी समर का आगज करेंगे। पूर्वांचल यूपी फतह के लिए भाजपा का सबसे अहम पड़ाव है। यूपी की 80 लोकसभा सीट में 14 पर बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा था। इसलिए फोकस पॉइंट पर यही सीटें हैं। जेपी नड्डा भी शुरुआत गाजीपुर सीट से कर हैं, जोकि बीजेपी जीत नहीं सकी थी। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष के कोर वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी है। इसलिए पसमांदा मुस्लिम अचानक लाइम लाइट में आ चुके हैं।
सोशल इंजीनियरिंग में गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित शामिल रहे हैं। अब पसमांदा मुस्लिमों को पार्टी अपने साथ जोड़ रही है। पार्टी उनकी सियासी नुमाइंदगी भी बढ़ा रही है। योगी कैबिनेट में ही मुस्लिम चेहरा दानिश अंसारी पसमांदा समुदाय से आते हैं। यहां सवाल ये उठता है कि क्या 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी पसमांदा आरक्षण पर कोई फैसला लेगी? क्योंकि इस समुदाय के लोग आरक्षण की मांग लंबे समय से उठा रहे हैं।
भाजपा न सिर्फ 2019 के लोकसभा चुनाव में गाजीपुर सीट पर हारी थी बल्कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भी उसका सफाया करते हुए सपा-सुभासपा गठबंधन ने जिले की सातों सीटें जीती थीं। विधानसभा चुनाव के बाद अब सपा और सुभासपा की राहें जुदा हो गई हैं। यूं तो नड्डा का गाजीपुर दौरा हारी लोकसभा सीटों पर भाजपा के प्रवास कार्यक्रम के अंतर्गत है, लेकिन लोकसभा चुनाव के शंखनाद के लिए इस जिले को चुनने की एक और वजह भी है। गाजीपुर सीट पर बसपा के अफजाल अंसारी ने जीत दर्ज की थी। अफजाल जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं।
लोकसभा चुनाव में योगी राज की कानून-व्यवस्था भी कसौटी पर होगी। इसी कारण गाजीपुर से चुनावी बिगुल फूंक कर भाजपा आक्रामक अभियान को और धार देगी। गाजीपुर सीट के साथ ही पिछले लोक सभा चुनाव में भाजपा आसपास की घोसी, लालगंज और जौनपुर सीटें भी हारी थी। गाजीपुर से नड्डा की हुंकार इन हारी हुई सीटों तक भी पहुंचेगी।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद उत्तर प्रदेश में 14 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी। जो 2019 के चुनाव में बीजेपी नहीं जीत पाई थी। 2022 के रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर सपा के गढ़ को ढाहने का काम किया था।
अब रामपुर-आजमगढ़ के फार्मूले को ही लागू करने का प्लान तैयार कर लिया है। अपने मूल वोट के अलावा बीजेपी पसमांदा मुसलमान और यादव समाज के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी में जुट गई है। यादव और पसमांदा मुसलमान के सहारे ही बीजेपी ने रामपुर लोकसभा और आजमगढ़ लोकसभा में जीत दर्ज की थी।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का यूपी दौरा 20 जनवरी से शुरू हो रहा है। इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी उत्तर प्रदेश आएंगे। बीजेपी 2024 के लोकसभा के मद्देनजर यूपी में किसी तरह की कोई जोखिम नहीं लेना चाहती, क्योंकि यहीं से जीतकर देश की सत्ता के सिंहासन पर काबिज हुई है। यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 2014 में बीजेपी गठबंधन ने 73 और 2019 में 64 सीटें जीती थी।