संविधान दिवस के बहाने पक्ष विपक्ष में वार पलटवार
कांग्रेस ने संघ व भाजपा पर किया प्रहार, विपक्ष के निशाने पर आए मोदी-शाह

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संविधान दिवस के बहाने पक्ष में विपक्ष में वार पलटवार प्रारंभ हो गया है। कांग्रेस ने भाजपा, मोदी व संघ पर करारा वार किया है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने बुधवार को कहा कि संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी महत्वपूर्ण है, लेकिन उन्हें आने वाली पीढय़िों की बेहतरी के लिए इसके सही अर्थ को समझना होगा। कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान दिवस पर एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने लोगों से अपने कार्यों के माध्यम से संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराने का आह्वान किया है।
मसूद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जो कह रहे हैं वह बिल्कुल सही है और महत्वपूर्ण है। लेकिन अगर वह खुद इसे समझें और भविष्य के लिए भी ऐसा ही रास्ता अपनाएँ, इस संविधान का उल्लंघन न करें और इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट न करें, तो यह आने वाली पीढिय़ों के लिए बहुत बेहतर होगा। संविधान दिवस प्रतिवर्ष 26 नवंबर को 1949 में संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संविधान दिवस के अवसर पर नागरिकों को एक पत्र लिखा, जिसमें संवैधानिक कर्तव्यों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में व्यापक भागीदारी का आह्वान किया गया। अपने संदेश में, प्रधानमंत्री ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता वाली संविधान सभा और डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नेतृत्व वाली प्रारूप समिति के कार्यों को याद किया।

संविधान सुरक्षित है तो हर भारतीय के अधिकार सुरक्षित हैं : राहुल गांधी
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को संविधान दिवस पर जनता को शुभकामनाएं दीं और समानता और न्याय के सिद्धांतों का जिक्र किया। एक पोस्ट में, राहुल गांधी ने कहा कि संविधान सिर्फ़ एक किताब नहीं, बल्कि देश के नागरिकों से किया गया एक पवित्र वादा है। इसके अलावा, उन्होंने भारत के लोगों से संविधान पर किसी भी हमले को न होने देने का संकल्प लेने को कहा। गांधी ने पोस्ट में लिखा कि भारत का संविधान सिर्फ़ एक किताब नहीं है यह देश के प्रत्येक नागरिक से किया गया एक पवित्र वादा है। एक वादा कि चाहे कोई किसी भी धर्म या जाति का हो, किसी भी क्षेत्र से आता हो, कोई भी भाषा बोलता हो, गरीब हो या अमीर, उसे समानता, सम्मान और न्याय मिलेगा। संविधान गरीबों और वंचितों के लिए एक सुरक्षा कवच है; यह उनकी ताकत है, और यह हर नागरिक की आवाज़ है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि जब तक संविधान सुरक्षित है, हर भारतीय के अधिकार सुरक्षित हैं। आइए हम संकल्प लें कि हम संविधान पर किसी भी तरह का हमला नहीं होने देंगे। इसकी रक्षा करना मेरा कर्तव्य है और इस पर होने वाले हर हमले के खिलाफ मैं सबसे पहले खड़ा रहूँगा। संविधान दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। जय हिंद, जय संविधान।
संविधान आज टुकड़े-टुकड़े हो रहा है : उदित राज
इस बीच, कांग्रेस नेता उदित राज ने सत्तारूढ़ शासन पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि संविधान आज टुकड़े-टुकड़े हो रहा है। उन्होंने कहा, हम संविधान पर हमला नहीं होने देंगे। यह याद रखना चाहिए कि आज संविधान के टुकड़े-टुकड़े हो रहे हैं। 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए राज ने कहा, आतंकवादी हमले कभी भी हो सकते हैं और संविधान विरोधी तत्व हमला करने से पहले संविधान दिवस नहीं देखते। वह भी संविधान पर हमला था। मैं शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के अवसर पर देशवासियों को पत्र लिखा है। उन्होंने 1949 में संविधान के ऐतिहासिक अंगीकरण का स्मरण करते हुए इसकी राष्ट्र की प्रगति में मार्गदर्शक भूमिका को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 2015 में सरकार ने 26 नवम्बर को संविधान दिवस घोषित किया था, जिससे इस पवित्र दस्तावेज का सम्मान किया जा सके। प्रधानमंत्री ने लिखा कि कैसे संविधान ने समान्य पृष्ठभूमि के लोगों को देश की सर्वोच्च सेवाओं में योगदान करने का सामर्थ्य दिया है। उन्होंने स्वयं संसद और संविधान के प्रति श्रद्धा के अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि 2014 में संसद की सीढय़िों पर नमन करना और 2019 में संविधान को अपने माथे पर रखना, यह सब उनकी श्रद्धा का प्रतीक रहा, प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान ने अनगिनत नागरिकों को सपने देखने और उन्हें साकार करने की शक्ति दी है।
आरएसएस का संविधान से कोई वास्ता नहीं : जयराम रमेश
संविधान दिवस के अवसर पर, कांग्रेस सांसद और संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और केंद्र पर तीखा हमला बोला और संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और अंतिम गवर्नर-जनरल सी. राजगोपालाचारी का हवाला देते हुए, रमेश ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल और संविधान प्रारूप समिति के प्रमुख डॉ. बीआर अंबेडकर सहित संविधान निर्माताओं की सराहना की।
कांग्रेस नेता ने कहा कि आरएसएस ने संविधान के प्रारूपण में कोई भूमिका नहीं निभाई और आरोप लगाया कि वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह संविधान का विघटन कर रहे हैं। एक एक्स पोस्ट में, जयराम रमेश ने लिखा कि संविधान निर्माण के इतिहास का वह हिस्सा जिसमें आरएसएस की कोई भूमिका नहीं थी। वास्तव में, संविधान को अपनाने के बाद उसकी भूमिका उस पर हमला करने और उसे कमज़ोर करने की थी, और यही भूमिका वर्तमान प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने आगे बढ़ाई है, जो सुनियोजित तरीके से संवैधानिक सिद्धांतों, प्रावधानों और प्रथाओं को नष्ट कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद ने 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद के भाषण को याद किया, जिस दिन संविधान को औपचारिक रूप से अपनाया गया था। रमेश ने कहा कि शनिवार, 26 नवंबर 1949 को सुबह 10 बजे संविधान सभा की बैठक हुई, जिसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद अध्यक्ष थे। डॉ. अंबेडकर द्वारा पिछले दिन प्रस्तुत भारत के संविधान के मसौदे को औपचारिक रूप से अपनाने के प्रस्ताव को मतदान के लिए रखने से पहले, डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अपनी टिप्पणी की।
ममता के बयान पर मचा घमासान
टीएमसी व भाजपा में छिड़ी तीखी बहस, बीजेपी बोली- उसी भाषा में मिलेगा जवाब
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। बंगाल में अगले साल चुनाव है। पर वहां का सियासी अभी से चढऩे लगा है। टीएमसी व भाजपा में एक दूसरे पर वार-पलटवार जारी है। उधर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मेरे साथ खेलने की कोशिश मत करो वाले बयान पर घमासान मच गया है। भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने टिप्पणी पर निशाना साधा और कहा कि आगामी बंगाल विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस का सफाया हो जाएगा। भाजपा नेता की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री विशेष गहन पुनरीक्षण (स्एसआईआर ) को लेकर भाजपा नीत केंद्र और भारत के चुनाव आयोग पर लगातार हमला बोल रही हैं।
एएनआई से बात करते हुए, भट्टाचार्य ने कहा कि किसी संवैधानिक संस्था को चुनौती देना मुख्यमंत्री के पद के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा,अगर संविधान को चुनौती दी जाती है, तो संविधान भी उसी भाषा में जवाब देगा। उन्होंने कहा कि उन्हें जो करना है करने दीजिए। पहले उन्हें पश्चिम बंगाल भाजपा को मिटाकर दिखाने दीजिए, तभी वे पूरे भारत में भाजपा को चुनौती दे पाएँगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार की तीखी आलोचना करते हुए दावा किया कि राज्य में चुनाव अभी शुरू होने बाकी हैं, लेकिन टकराव शुरू हो चुका है। बनगांव में एक रैली में बोलते हुए, बनर्जी ने आरोप लगाया कि उन्हें हेलीकॉप्टर का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी गई, जिससे उनके आगमन में देरी हुई। उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी कि उनसे मुकाबला करने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी।
‘एसआईआर प्रक्रिया से असली मतदाताओं को नहीं हटाया जाए’
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि हालाँकि उनकी सरकार एसआईआर प्रक्रिया का विरोध नहीं करती है, लेकिन असली मतदाताओं को नहीं हटाया जाना चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सरकारें लोगों द्वारा बदली जानी चाहिए, लेकिन, उन्होंने कहा, वर्तमान में व्यवस्था में ही बदलाव किया जा रहा है। ममता बनर्जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने सोचा था कि हम सरकारी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन आज सुबह 10 बजे मुझे बताया गया कि हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भरेगा। चुनाव अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन टकराव शुरू हो चुका है। लेकिन उन्हें यह एहसास नहीं है कि यह मेरे पक्ष में काम कर गया। क्योंकि यहाँ आते-जाते मैं बहुत से लोगों से मिली, और मैं उनसे जुड़ सकी और उनके साथ घनिष्ठ संबंध बना सकी। मैं भाजपा से कहती हूँ-मेरे साथ खेलने की कोशिश मत करो क्योंकि तुम मुझसे मुकाबला नहीं कर पाओगे। चुनाव आयोग 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के एसआईआर के दूसरे चरण का संचालन कर रहा है, जिसकी अंतिम मतदाता सूची 7 फऱवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
लोकतंत्र दांव पर हो तो लोगों को संविधान द्वारा प्रदत्त मार्गदर्शन की रक्षा करनी चाहिए
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि जब लोकतंत्र दांव पर हो, धर्मनिरपेक्षता ‘‘खतरे में हो’’ और संघवाद को ‘‘ध्वस्त किया जा रहा हो’’, तो लोगों को संविधान द्वारा प्रदत्त मूल्यवान मार्गदर्शन की रक्षा करनी चाहिए। बनर्जी ने कहा कि संविधान राष्ट्र की रीढ़ है, जो भारत की संस्कृतियों, भाषाओं और समुदायों की विविधता को कुशलतापूर्वक एक साथ पिरोता है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हमारा संविधान हमारे राष्ट्र की रीढ़ है, जो हमारी संस्कृतियों, भाषाओं और समुदायों की अपार विविधता को कुशलतापूर्वक एक एकीकृत, संघीय ढांचे में पिरोता है। इस पवित्र दिन पर हम अपने संविधान में निहित मूल लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करते हैं और उन पवित्र सिद्धांतों की सतर्कतापूर्वक रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमें एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करते हैं और बनाए रखते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब जब लोकतंत्र दांव पर है, जब धर्मनिरपेक्षता खतरे में है, जब संघवाद को ध्वस्त किया जा रहा है, ऐसे महत्वपूर्ण समय में हमें अपने संविधान द्वारा प्रदत्त मूल्यवान मार्गदर्शन की रक्षा करनी चाहिए।’’ संविधान को अंगीकार किए जाने के उपलक्ष्य में वर्ष 2015 से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अंगीकृत किया गया था। संविधान के कुछ प्रावधान तुरंत लागू हो गए थे तथा शेष प्रावधान 26 जनवरी 1950 को भारत के गणतंत्र बनने पर लागू हुए थे।्र
मुझे हराने का दम नहीं, चुनाव आयोग अब बीजेपी कमीशन
ममता ने कहा कि भाजपा राजनीतिक रूप से मेरा मुकाबला नहीं कर सकती और न ही मुझे हरा सकती है। उन्होंने कहा कि ‘इलेक्शन कमीशन’ अब एक निष्पक्ष संस्था नहीं रह गई है, यह ‘बीजेपी कमीशन’ बन गई है। बनर्जी ने सवाल किया कि क्या भाजपा शासित राज्यों में एसआईआर का आयोजन यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार स्वीकार करती है कि वहां घुसपैठिया मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि मैं बीरभूम में पैदा हुई, वरना मुझे भी बांग्लादेशी कहते। अपने भाषण की शुरुआत में ममता ने हेलीकॉप्टर को लेकर भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा, मैं हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं करती। मैं कार से चलती हूँ। राज्य सरकार के पास एक हेलीकॉप्टर है। यह किराए पर है। मुझे सुबह 10 बजे यहाँ आना था। सुबह अचानक पता चला कि हेलीकॉप्टर नहीं जाएगा। चुनाव से पहले ही झगड़ा शुरू हो गया था। लेकिन मेरे लिए यह अच्छा रहा। रास्ते में कई जगह घूमा। लोगों से बातें कीं।
जीरो टॉलरेंस नीति को नगर निगम ने कर दिया जीरो
बाबुओं ने शासनादेश की उड़ा दी धज्जियां, लेखा में जमे हैं 8 सालों से बाबू
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। नगर निगम लखनऊ के पर्यावरण विभाग में कार्यरत द्वितीय श्रेणी लिपिक इमरान अहमद पिछले आठ वर्षों से विभाग में प्रभावशाली भूमिका निभा रहे हैं, आर आर विभाग से बीते कुछ सालों पहले हो चुका है निलंबन जिसके के बाद उन्हें अधिष्ठान विभाग में संबद्ध किया गया था लेकिन उसके बाद पर्यावरण विभाग में अपनी जुगाड लगाकर बीते कई वर्षों से पैठ बनाए हुए है जहां आज तक उनकी तैनाती नहीं बदली गई।
विभागीय सूत्रों के अनुसार इमरान अहमद लंबे समय से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के बजट और स्वच्छता से जुड़े वित्तीय मामलों का महत्वपूर्ण कार्य संभाल रहे हैं। नगर निगम में धारा 108 के अंतर्गत तैनात कई कर्मचारी बिना वार्षिक आदेश जारी हुए वर्षों से पदस्थ हैं, जबकि नियमों के अनुसार एक वर्ष की अवधि के बाद आदेश का नवीनीकरण अनिवार्य होता है। लंबे समय से आदेश न होने पर प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
विभाग में अधिकारों की जंग
सूत्र बताते हैं कि विभाग के अंदर बजट और स्वच्छता परियोजनाओं से जुड़ी फाइलों को लेकर अधिकारों की खींचतान बनी हुई है। फाइलों के अनुमोदन और पासिंग को लेकर विवाद के चलते कई प्रस्ताव लंबित पड़े हुए हैं, जिससे कार्यप्रणाली गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।
बिलों की फाइलों की देखरेख
सूत्रों के अनुसार इमरान अहमद सहित अन्य कर्मी विभिन्न स्वच्छता एजेंसियों के बिलों और बजट से संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन करते हैं। आरोप है कि बिना विभागीय अनुमति कोई भी फ़ाइल आगे नहीं बढ़ती, जिससे कई आवश्यक कार्य समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं।
लखीमपुर खीरी में कार अनियंत्रित होकर नाले में गिरी, पांच की मौत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लखीमपुर खीरी जिले के ढखेरवा-गिरिजापुरी बैराज रोड पर गजियापुर के पास एक कार अनियंत्रित होकर शारदा नहर के किनारे बने पक्के नाले में गिर गई, जिससे पांच लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति घायल हो गया। यह हादसा पढुवा थाना क्षेत्र में मंगलवार व बुधवारकी दरम्यानी रात हुआ।
पुलिस उप निरीक्षक (एसआई) ने बताया कि मृतकों की पहचान जितेंद्र (23), घनश्याम (25), लालजी (45), अजीमुल्ला (45) और सुरेंद्र (56) के रूप में हुई है। ये सभी बहराइच जिले के रहने वाले थे। इनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। सिंह ने कहा, हादसे में जीवित बचे व्यक्ति की पहचान सूरज उर्फ बब्बू के रूप में हुई है, जो बहराइच का ही रहने वाला है और गाड़ी चला रहा था। उसे रमियाबेहर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत खतरे से बाहर बताई। पुलिस के मुताबिक, सभी छह लोग एक दोस्त के रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के बाद बहराइच लौट रहे थे।



