सिर्फ नारेबाजी से हल नहीं होंगी देश की समस्याएं: वरुण गांधी
- अपनी ही सरकार पर खूब बरसे भाजपा नेता
- मोदी सरकार की योजना पर उठाए सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पीलीभीत। पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। पीलीभीत में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने मुफ्त का राशन, महंगाई और अग्निवीर जैसी योजना को लेकर बीजेपी पर हमला किया और कहा कि सिर्फ नारेबाजी से देश की समस्याएं हल नहीं होंगी, देश चलाने के लिए संवेदनशील होना जरूरी है।
वरुण गांधी सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत पहुंचे थे, इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए अपने पुराने तीखे तेवर में दिखाई दिए, उन्होंने कहा कि क्या जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे से समस्याएं हल हो जाएंगी। मैं भारत माता को अपनी मां मानता हूं, मैं हनुमान जी का भक्त हूं और भगवान राम को अपना इष्ट मानता हूं, लेकिन मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आज जिन बुनियादी समस्याओं से हर व्यक्ति ग्रसित है, क्या उनका हल केवल नारे से होगा या उनका हल नीतिगत सुधार से होगा।
तेरी मोहब्बत में हो गए फना..मांगी थी नौकरी मिला आटा.. दाल.. चना
वरुण ने इस दौरान मुफ्त राशन पर तंज कसा और कहा कि आपको पता है ये सब क्यों किया जा रहा है, ताकि वो चुनाव में आपको आटा, दाल चना बांट सकें,उन्होंने एक शायरी सुनाते हुए कहा, तेरी मोहब्बत में हो गए फना..मांगी थी नौकरी मिला आटा दाल चना। उन्होंने कहा कि क्या ये कोई स्थायी समाधान है, ये छलावा है, कितने लोग परीक्षा देते हैं, यूपी की कोई भी परीक्षा देख लें पिछले तीन साल में कोई ऐसी परीक्षा नहीं है जिसके पांच-पांच बार पेपर लीक न हुए हों चाहे वो टीचर्स की भर्ती हो या पुलिस की भर्ती।
खून के आंसू रो रहे हैं संविदाकर्मी
वरुण गांधी ने कहा, हर नौकरी आज संविदा पर दी जा रही है। इस सभा में भी कई संविदाकर्मी बैठे हैं। सब खून के आंसू रो रहे हैं। सालों से उनका मानदेय नहीं बढ़ा, उन्हें स्थायित्व नहीं दिया गया, काम पूरा लिया जाता है और मान-सम्मान स्थायित्व कुछ है नहीं। अग्निवीर योजना आई, तो वरुण गांधी ने सबसे पहले उसका खुला विरोध किया। बीजेपी सांसद ने अग्निवीर योजना को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर आपके गांव का युवक सरहद पर जाता है और देश की सीमा की रक्षा करता है तो क्या ये सम्मान की बात है या नहीं. मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि जब वो लडक़ा चार साल बाद निकाल दिया जाएगा और वो आर्मी की वर्दी पहनकर आएगा और मजदूरी करेगा तो क्या इससे उस पर मानसिक असर पड़ेगा या नहीं। देश चलाना कोई मजाक नहीं है। ये संवेदनशील और गहरा काम है, आज महंगाई कितनी बढ़ गई है।