विश्वकप विजेता का समर्थन करना भी अपराध
- सात छात्रों की गिरफ्तारी पर भडक़ीं पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने विश्वविद्यालय के सात छात्रों की गिरफ्तारी को चौंकाने वाला बताया और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से इस मुद्दे पर गौर करने का अनुरोध किया। महबूबा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, यह चिंताजनक और चौंकाने वाली बात है कि कश्मीर में विश्व कप विजेता टीम का समर्थन करना भी अपराध हो गया है।
पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और अब छात्रों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) जैसे कठोर कानूनों को सामान्य रूप से लागू करने से जम्मू-कश्मीर में युवाओं के प्रति प्रशासन की क्रूर मानसिकता का पता चलता है। बाद में पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में महबूबा ने कहा, खेल तो खेल है, हमारे प्रधानमंत्री और उनसे पहले भी कई लोग मैच देखने गए और जो टीम अच्छा खेलती है उनका हौसला बढ़ाते हैं, वे विपक्षी टीम का भी हौसला बढ़ाते हैं। वे दावा करते हैं कि जम्मू-कश्मीर में चीजें ठीक हैं, फिर ऑस्ट्रेलिया की जीत का जश्न मना रहे कुछ छात्रों को लेकर इतना डर और व्याकुलता क्यों है? दरअसल, जम्मू-कश्मीर में एक विश्वविद्यालय के सात छात्रों को कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने और विश्व कप 2023 फाइनल में भारतीय क्रिकेट टीम की हार का जश्न मनाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार कश्मीरी छात्र शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (एसकेयूएएसटी)-कश्मीर में पढ़ रहे हैं और उन पर यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी की शिकायत पंजाब के एक गैर-स्थानीय छात्र द्वारा दर्ज की गई थी, जिसने दावा किया था कि टीम इंडिया का समर्थन करने के लिए आरोपी छात्रों द्वारा उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया और धमकी दी गई।
छात्रों से असहमत पर पुलिस की कार्रवाई अनुचित : उमर
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इन छात्रों ने जो किया उससे वह सहमत नहीं हैं। लेकिन पुलिस ने जिस तरह से इस मामले पर कार्रवाई की हैं, उससे भी सहमत नहीं हैं। उधर जम्मू कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को छात्रों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज करने का बचाव किया। पुलिस ने कहा कि उन्होंने आतंकवाद विरोधी कानून का नरम प्रावधान लागू किया है। पुलिस ने कहा कि एफआईआर एक लिखित शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है और शिकायत की सामग्री के अनुसार धाराएं लगाई गईं थीं। आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 के तहत मामला दर्ज किया गया है। अधिनियम के अन्य प्रावधानों के विपरीत यह अधिनियम का एक नरम प्रावधान है। यूएपीए की धारा 13 किसी भी गैरकानूनी गतिविधि को उकसाने या सलाह देने से संबंधित है। इसमें सात साल की जेल की सजा हो सकती है।