राम मंदिर जानें का प्लान ना पहुंचा दे साइबर थाने, अयोध्या के नाम पर हो रही ऑनलाइन ठगी

नई दिल्ली। ‘सोचा था अयोध्या जाऊंगी’, ये टीस उन लोगों की है जो रामलला के दर्शन करना चाहते थे, लेकिन एक गलती की वजह से अपना नुकसान करा बैठे. ये टेक्नोलॉजी का जमाना है, किसी इवेंट में जाना हो तो एंट्री पास भी ऑनलाइन मिल जाते हैं. इंटरनेट पर अयोध्या के राम मंदिर के दर्शन कराने के लिए वीआईपी एंट्री पास देने का दावा किया जा रहा है. भारत के सरकारी साइबर सिक्योरिटी हैंडल साइबर दोस्त ने इस धोखाधड़ी के बारे में लोगों को आगाह किया है.
कई रिपोट्र्स में लोगों ने दावा किया कि उनके पास राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए वीआईपी एंट्री पास के लिए इनविटेशन मैसेज आए हैं. इनके पीछे साइबर क्रिमिनल्स का हाथ माना जा रहा है, जो लोगों को राम मंदिर के नाम पर ठगने के लिए ऐसा हथकंडा अपना रहे हैं. साइबर दोस्त ने सोशल मीडिया पर ऐसे मैसेज या लिंक से सावधान रहने की नसीहत की है.
साइबर अपराधी लोगों के पास एंट्री पास दिलाने का मैसेज और लिंक भेज रहे हैं. इसके अलावा एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करने की रिक्वेस्ट भी कर रहे हैं. सरकारी साइबर सिक्योरिटी हैंडल ने एक्स पर एक मजेदार पोस्ट किया है. इस पोस्ट में एक तस्वीर शेयर की गई है, जिसमें लिखा है, ‘सोचा था अयोध्या जाऊंगी, साइबरक्राइम पुलिस स्टेशन पहुंच गई’.
इस फोटो के जरिए साइबर दोस्त ने यह समझाने की कोशिश की है कि रामलला दर्शन के नाम पर चल रहे फ्रॉड में फंस गए तो नुकसान उठाना पड़ सकता है. अगर कुछ भी गलत होता है तो साइबर सेल की मदद लें, और साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं.
साइबर दोस्त ने आगाह करते हुए बताया कि जालसाज एंट्री पास दिलाने के लिए धोखा देने की कोशिश करते हैं. पोस्ट में लोगों से रिक्वेस्ट की गई है कि किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक ना करें और अनजान नंबर या वेबसाइट पर पेमेंट करने से बचें.
राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. अयोध्या के नए मंदिर के दरवाजे ‘दर्शन’ के लिए 23 जनवरी से खुलेंगे. राम भक्त दिन में दो बार – सुबह 7 बजे से 11:30 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक मंदिर में आ सकते हैं. आरती के लिए राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा जारी पास का होना जरूरी है.

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