और हेलीकॉप्टर तैनात करवाएं रक्षा मंत्री
स्टालिन ने तमिलनाडु में बाढ़ से बचाव को लेकर केंद्र से मांगी मदद
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राज्य में आपदा की भयावहता के मद्देनजर केंद्र से अधिक से अधिक संख्या में हेलीकॉप्टर तत्काल तैनात करने का आग्रह किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में स्टालिन ने कहा कि फिलहाल वायु सेना के चार हेलीकॉप्टर, नौसेना और तटरक्षक के दो-दो हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल फंसे हुए लोगों को निकालने और खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने बचाव और राहत अभियान के लिए अधिकारियों, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों को तैनात किया है। पूरे तमिलनाडु से राहत सामग्री जुटाई जा रही है लेकिन संपर्क सडक़ों के जलमग्न हो जाने के कारण ए सामग्रियां लोगों को वितरित नहीं की जा सकी हैं। उन तक सिर्फ हेलीकॉप्टर के जरिए ही पहुंचा जा सकता है। थामिराबरानी नदी और आसपास के इलाकों में आई भीषण बाढ़ के कारण श्रीवैकुंटम और तूत्तुक्कुडि शहरों में स्थिति बेहद गंभीर है। मुख्यमंत्री ने कहा, आपदा की भयावहता और बड़ी संख्या में बस्तियों के प्रभावित होने के मद्देनजऱ, हमें बचाव और राहत सामग्रियों के वितरण के लिए अधिक हेलीकॉप्टर की जरूरत है।
तमिलनाडु सरकार ने राज्यपाल की समीक्षा बैठक का किया बहिष्कार
तमिलनाडु सरकार राज्य में केंद्रीय एजेंसियों और रक्षा बलों के बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा के लिए राजभवन में राज्यपाल आर एन रवि की अध्यक्षता में हुई बैठक में शामिल नहीं हुई। राजभवन की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य सरकार का कोई भी अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुआ,जबकि तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव से बैठक में एक प्रतिनिधि भेजने का अनुरोध किया गया था। कुछ एजेंसियों ने कर्मियों की तैनाती में समन्वय की कमी और प्रभावित जिलों में समग्र स्थिति के बारे में समझ की कमी को लेकर चिंता जताई। यह बैठक मौजूदा स्थिति और जारी बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा करने, बेहतर समन्वय स्थापित करने और तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत प्रयासों के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए आयोजित की गई थी। बैठक में सशस्त्र बलों, तटरक्षक बल, एनडीआरएफ, दक्षिणी रेलवे, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण, बीएसएनएल, भारत मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। द्रमुक सरकार और राज्यपाल रवि के बीच नीतिगत मामलों समेत कई मुद्दों को लेकर विवाद है।