सद्भाव का संदेश लेकर यूपी को मथेगी कांग्रेस
- 18 दिन की यूपी जोड़ो यात्रा आज से शुरू
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस प्रतीकों के सहारे वोटबैंक जोडऩे की भरपूर कोशिश करेगी। विभिन्न स्थानों पर धार्मिक स्थलों और महापुरुषों की प्रतिमाओं पर प्रदेश अध्यक्ष पुष्प अर्पित करेंगे। इसके जरिए सर्व धर्म समभाव का संदेश देने की कोशिश की जाएगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभावते हुए पार्टी कार्यालय वैदिक मंत्रोच्चार और शंखनाद से गूंज उठा था, लेकिन अगले ही दिन पूर्व मंत्री अजय राय मदरसे से लेकर कबीरमठ में पहुंच गए।
उन्होंने गुरुद्वारा में जाकर न सिर्फ सेवा की बल्कि चर्च में पहुंच कर पादरी से भी आशीर्वाद लिया। यूपी जोड़ो यात्रा में भी इसका पूरा ध्यान रखा गया है। यात्रा की शुरुआत के लिए सहारनपुर जिले का चयन करने के पीछे भी सियासी निहितार्थ हैं। कांग्रेस की यूपी जोड़ो यात्रा बुधवार को सहारनपुर से शुरू होगी। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय मां शाकुंभरी के दर्शन कर यात्रा की शुरुआत करेंगे। उनके साथ प्रदेशभर के 307 नेता निरंतर बने रहेंगे। इसके अलावा संबंधित जिले के लोग भी जुड़ते जाएंगे। करीब 18 दिन चलने वाली इस यात्रा में 161 स्थानों पर नुक्कड़ सभाएं होंगी। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। पार्टी के ज्यादातर वरिष्ठ नेता मंगलवार शाम तक सहारनपुर पहुंच गए हैं। भाजपा सरकार की नीतियों के विरोध में और ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी से जोडऩे की रणनीति के तहत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में यूपी जोड़ो यात्रा निकाली जा रही है। सहारनपुर से शुरू होने वाली यह यात्रा विभिन्न जिलों से होते हुए 18 दिन बाद लखनऊ पहुंचेगी।
लोगों को भाजपा की नाकामी बताएंगे : राय
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि इस यात्रा का मकसद जनता के बीच भाजपा की गलत नीतियों के बारे में जागरूकता लाना है। उन्हें बताया जाएगा कि किस तरह से भाजपा सरकार विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा कर रही है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से चलने वाली इस यात्रा में हर जिले के लोग हिस्सा लेंगे। कई स्थानों पर प्रशासन की ओर से यात्रा को इजाजत देने में आनाकानी की जा रही है। लेकिन कांग्रेस के लोग डरने वाले नहीं है। तयशुदा रूट पर यात्रा निकलेगी। प्रदेश अध्यक्ष के साथ चलने वाले 307 लोगों में प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य, विभिन्न जिलों के जिलाध्यक्ष, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक आदि शामिल हैं। इसके लिए बाकायदा संबंधित लोगों ने प्रदेश कार्यालय में नामांकन कराया। इसके लिए प्रदेश कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया। व्यवस्था के मद्देनजर सभी से कंट्रोल रूम के जरिए सहमति ली गई। यह भी तय किया गया है कि कौन- कौन लोग किस जिले के यात्रा दौरान बढ़ेंगे।