रायबरेली से प्रियंका को लड़ाने की मांग तेज
- भाजपा लगा सकती है स्थानीय पर दांव
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रायबरेली। गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा को चुनावी समर में उतारने की मांग तेज हो गई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार हाईकमान से प्रियंका को चुनाव लड़ाने की हरी झंडी भी मिल चुकी है। सिर्फ औपचारिक घोषणा बाकी है। इस संकेत के बाद कांग्रेसी अंदर ही अंदर खुश हैं। उत्तर प्रदेश की इकलौती सीट को किसी भी हाल में कांग्रेस गंवाने के मूड में नहीं है। सोनिया के राज्यसभा में जाने के बाद यह सीट खाली है। हमेशा सबसे पहले प्रत्याशी मैदान में उतारने वाली कांग्रेस अबकी चुप्पी साधे है।
ग्राउंड रिपोर्ट की सच मानें तो लोगों में यही चर्चा है कि गांधी परिवार से प्रत्याशी उतरने के बाद ही कांग्रेस इस सीट को बचा सकती है। प्रियंका के मैदान में आने से प्रदेश में कांग्रेस की निश्चित ही संजीवनी मिलेगी, लेकिन भाजपा से प्रत्याशी घोषित नहीं होना कहीं न कहीं कांग्रेस को अखर रहा है। रायबरेली संसदीय सीट पर भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी तय करने के लिए एक दूसरे का मुंह देख रहे हैं। लोगों में चर्चा है कि यदि प्रियंका चुनाव में उतरती हैं तो भाजपा स्थानीय प्रत्याशी पर दांव लगा सकती है। दिनेश प्रताप सिंह पिछला चुनाव लड़ चुके हैं और विधायक डॉ. मनोज पांडेय भाजपा के लिए मजबूत स्तंभ बन गए हैं। हालांकि दोनों पार्टियों से प्रत्याशी का इंतजार है।
मुकेश मथुरा से उम्मीदवार सीतापुर से नकुल दुबे का नाम वापस
कांग्रेस मथुरा लोकसभा क्षेत्र से मुकेश धनगर को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सीतापुर से नकुल दुबे का टिकट काट कर राकेश राठौर पर दांव लगाया गया है। रायबरेली और अमेठी को लेकर संशय बरकरार है। कांग्रेस को गठबंधन के तहत 17 सीटें मिली हैं, जिसमें 14 की घोषणा हो चुकी है। बुधवार को मथुरा से मुकेश धनगर को उम्मीदवार घोषित किया गया है। वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य और प्रदेश महासचिव भी हैं। छात्र संगठन और युवा कांग्रेस में भी विभिन्न पदों पर रहे हैं। मथुरा में धनगर समाज में गहरी पैठ है। उनका नाम पहले भी पार्टी की प्रस्तावित सूची में था। लेकिन बाद में मुक्केबाज विजेंदर सिंह को उतारने की चर्चा शुरू हुई, लेकिन ऐन मौके पर कांग्रेस ने उनके नाम पर मुहर नहीं लगाई। इसी बीच वह भाजपा में चले गए।