’लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंका जा रहा‘

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बोले- सांसदों का निलंबन निरंकुश मोदी सरकार की तानाशाही

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लोकसभा से 33 सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। खरगे ने एक पोस्ट कर कहा कि जो हुआ वो सही नहीं है। खरगे ने आगे कहा कि पहले, घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। फिर मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खरगे ने कहा कि 47 सांसदों को निलंबित करके निरंकुश मोदी सरकार द्वारा सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया जा रहा है।
खरगे ने कहा कि विपक्ष के बिना संसद में मोदी सरकार अब महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को कुचल सकती है, किसी भी असहमति को बिना किसी बहस के कुचल सकती है। बता दें कि लोकसभा से 33 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया है। सभी सांसदों पर संसद की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप है। 3 सांसदों को अध्यक्ष की कुर्सी के पास आकर हंगामा करने के लिए निलंबित किया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही बाधित करने और आसन की अवमानना को लेकर सोमवार को विपक्षी दलों के 30 सदस्यों को मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए तथा तीन सदस्यों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित कर दिया। संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर हंगामे के दौरान इस कार्रवाई के बाद विपक्ष सरकार पर और हमलावर हो गया है। कांग्रेस ने कहा कि वो सदन के बाहर भी विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। खरगे ने कहा कि हमारी दो सरल और वास्तविक मांगें हैं-केंद्रीय गृह मंत्री को संसद की सुरक्षा में अक्षम्य चूक पर संसद के दोनों सदनों में बयान देना चाहिए और इस पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। खरगे ने कहा, प्रधानमंत्री किसी अखबार को साक्षात्कार दे सकते हैं, गृह मंत्री टीवी चैनलों को साक्षात्कार दे सकते हैं, लेकिन उनकी उस संसद के प्रति कोई जवाबदेही नहीं बची है, जो भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करती है।

तीन सदस्यों का रिपोर्ट आने तक निलंबन

जोशी के प्रस्ताव पर सदन ने कांगेस के तीन अन्य सांसदों के. जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित किया। संसद में सुरक्षा चूक के मुद्दे पर आसन की अवमानना को लेकर और कार्यवाही बाधित करने के लिए गत 14 दिसम्बर को 13 सदस्यों को संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था।

विपक्ष पर बुलडोजर चला रही है सरकार : गोगोई

वहीं लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के निलंबित उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार विपक्ष पर बुलडोजर चला रही है जिससे कि अमित शाह हमारे सवालों से बच सकें। हम संसद के बाहर भी अपना विरोध जारी रखेंगे। लोकसभा में तख्तियां लेकर हंगामा करने के कारण कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी समेत कुल 33 सदस्यों को सोमवार को सदन से निलंबित कर दिया गया। कुछ दिन पहले ही लोकसभा के 13 सदस्यों और राज्यसभा के एक सदस्य का निलंबन हुआ था। पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने आसन की अवमानना को लेकर एवं कार्यवाही बाधित करने के लिए तृणमूल कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नौ-नौ, कांग्रेस के सात, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के दो तथा रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, वीरुथलई चिरुथैगल काची (वीसीके) और जनता दल (यूनाइटेड) के एक-एक सदस्य का नाम लिया। आसन द्वारा सदस्यों का नाम (नेम करना) लिया जाता है तो इसे उन सदस्यों को निलंबित करने की प्रक्रिया की शुरुआत माना जाता है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उक्त सभी सदस्यों को नियम 374 (दो) के तहत संसद के शेष सत्र के लिए सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदस्यों ने ध्वनि मत से पारित कर दिया. कांग्रेस के सात सदस्यों- अधीर रंजन चौधरी, एंटो एंटोनी, के मुरलीधरन, के सुरेश, अमर सिंह, राजा मोहन उन्नीथन और गौरव गोगोई को शेष सत्र के लिए निलंबित किया गया है।

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