जम्मू में लोकतांत्रिक अधिकार हों बहाल: वानी
- भाजपा के खिलाफ विपक्ष का धरना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू। भाजपा के विरोध में जम्मू के महाराजा हरि सिंह पार्क में प्रदेश की विपक्षी दलों के नेता और कार्यकर्ता एकत्रित हुए। जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल करने सहित अन्य ज्वलंत मुद्दों को लेकर आज एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने कहा, विपक्षी दल राज्य का दर्जा, लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों की तत्काल बहाली की मांग के लिए एक साथ आए हैं।
उन्होंने आगे कहा, हम लोगों के अधिकारों और उनके हितों की रक्षा के लिए अपना विरोध जारी रखेंगे। वानी ने आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर चुनाव में देरी कर रही है। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी और अपनी पार्टी को चुनावी लड़ाई में हार का सामना करना पड़ेगा। वहीं सीपीआई (एम) नेता एम वाई तारिगामी ने कहा कि उन्हें भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि उसके सभी वादे झूठे साबित हुए हैं। पीडीपी के नेता टाक ने संयुक्त विरोध को जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सकारात्मक संकेत बताया और कहा कि इस मंच से देश को संदेश है कि सभी विपक्षी दलों को सुरक्षा के लिए वर्तमान सरकार की विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ खड़े होने की जरूरत है।
अब्दुल्ला व महबूबा नहीं पहुंचे
प्रदर्शनकारियों ने केंद्र शासित प्रदेश में लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों की बहाली की मांग की। हालांकि प्रदर्शन में नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती नहीं पहुंचे। 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद यह जम्मू में पहला बड़ा विरोध प्रदर्शन माना जा रहा है। जम्मू के मध्य में महाराजा हरि सिंह पार्क में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व नेशनल कॉन्फ्रें स के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला द्वारा किया जाना था, लेकिन बताया गया है कि खराब स्वास्थ्य के कारण इस धरने में शामिल नहीं हो सके। हालांकि, नेकां के प्रांतीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। उधर, पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लिया, लेकिन उनकी पार्टी के उपाध्यक्ष अब्दुल हमीद चौधरी और पूर्व एमएलसी फिरदौस टाक सहित पार्टी के लगभग सभी वरिष्ठ नेताओं ने विरोध में हिस्सा लिया। सीपीआई (एम), नेशनल पैंथर्स पार्टी (एनपीपी), अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिव सेना (यूबीटी), अन्य सामाजिक संगठनों सहित विभिन्न दलों के सैकड़ों नेता और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन के लिए आए।