हमारी गलत आदतों के कारण हो रहा डायबिटीज

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
डायबिटीज एक गंभीर समस्या है जिसने भारत को डायबिटीज कैपिटल ऑफ द वल्र्ड बना दिया है। वैश्विक डायबिटीज के मामलों का एक बड़ा हिस्सा भारत से आता है, और यह सिर्फ स्वास्थ्य संकट नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था और समाज पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है। डायबिटीज एक मेटाबॉलिक (चयापचय) बीमारी है, जो शरीर में ग्लूकोज (शुगर) के स्तर को प्रभावित करती है। ग्लूकोज हमारे शरीर का प्रमुख ऊर्जा स्रोत है और जो हम खाते हैं, उसका एक बड़ा हिस्सा ग्लूकोज में बदलता है। जब शरीर इस ग्लूकोज का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पाता, तो यह रक्त में जमा हो जाती है, जिससे डायबिटीज जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न होती है। डायबिटीज मुख्य रूप से इंसुलिन के असंतुलन से होती है। इंसुलिन एक हार्मोन है, जो अग्न्याशय द्वारा बनाया जाता है और इसका काम ग्लूकोज को कोशिकाओं में पहुंचाना है, ताकि यह ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल हो सके। जब शरीर इंसुलिन का सही तरीके से उत्पादन या उपयोग नहीं कर पाता, तो ग्लूकोज कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाती और रक्त में जमा होने लगती है। यह स्थिति तब डायबिटीज का रूप ले लेती है।
असंतुलित आहार
ज्यादा चीनी, प्रोसेस्ड फूड और कम पोषक तत्वों वाले आहार डायबिटीज को बढ़ावा देते हैं। भारत में हर 4 में से 1 व्यक्ति प्रोसेस्ड फूड का सेवन रोजाना करता है, जिससे शरीर में चीनी की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिए यह जरूरी है कि अपने आहार में हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन को शामिल करें और चीनी तथा प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं।
अनुवांशिक कारण
डायबिटीज का एक कारण हमारे जीन भी हो सकते हैं। यदि परिवार में किसी को डायबिटीज है, तो अन्य सदस्यों में इसके होने का खतरा लगभग 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इसलिए जिनके परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, उन्हें नियमित स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए और अपनी जीवनशैली को स्वस्थ बनाकर इस जोखिम को कम करने का प्रयास करना चाहिए।
शारीरिक गतिविधियों में कमी
टेक्नोलॉजी की सुविधा के चलते लोग शारीरिक गतिविधियों से दूर हो गए हैं। निष्क्रिय जीवनशैली के कारण डायबिटीज का खतरा बढ़ रहा है। एक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि भारतीय औसतन रोजाना सिर्फ 3,000 कदम चलते हैं, जबकि स्वास्थ्य के लिए रोजाना 10,000 कदम की जरूरत होती है। रोजाना 30 मिनट का व्यायाम, चाहे वो वॉक हो, जॉगिंग हो या योग, आपकी सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी है।
मानसिक स्वास्थ्य
आधुनिक जीवन में बढ़ता तनाव सीधे तौर पर ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है। जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है, जो डायबिटीज को बढ़ावा दे सकता है। एक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि तनाव डायबिटीज के खतरे को लगभग 60 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। तनाव को कम करने के लिए योग, मेडिटेशन और तनाव-प्रबंधन की तकनीकों का इस्तेमाल करें। ये मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को बेहतर बनाने में सहायक हैं।
बदलती जीवनशैली
बदलते समय के साथ हमारा जीवनशैली भी बदल रही है। जंक फूड और फास्ट फूड का अधिक सेवन, शारीरिक गतिविधियों की कमी, और देर तक बैठे रहने की आदत डायबिटीज को बढ़ावा दे रही है। शहरी इलाकों में 40 प्रतिशत से ज्यादा लोग हर दिन जंक फूड का सेवन करते हैं, जो उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है, खासकर ब्लड शुगर पर। इस समस्या को रोकने के लिए जरूरी है कि हम अपने दैनिक जीवन में शारीरिक गतिविधियों को शामिल करें। लिफ्ट की जगह सीढिय़ों का इस्तेमाल करें, थोड़ी देर चलें और नियमित व्यायाम को अपनी आदत बनाएं।



