बंगाल चुनाव की वजह से वंदे मातरम पर हो रही है बहस: प्रियंका

- लोकसभा में भाजपा व पीएम मोदी पर बरसीं कांग्रेस सांसद
- भाजपा रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान करने की कोशिश कर रही : राजीव शुक्ला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने वंदे मातरम् को लेकर भाजपा व पीएम मोदी को जमकर घेरा। वायनाड की सांसद ने कहा कि आज सदन में वंदे मातरम् पर बहस की दो वजहें हैं। पहला बंगाल में चुनाव आने वाला है। ऐसे में हमारे प्रधानमंत्री महोदय अपनी भूमिका बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रगीत भारत की आत्मा का हिस्सा है। उन्होंने भाजपा पर पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों के कारण इस मुद्दे को बहस के लिए लाने का आरोप लगाया।
प्रियंका ने कहा कि वंदे मातरम ने भारतीयों को एकजुट किया। भाजपा सर से पहले राष्ट्रगीत पर बहस चाहती थी। यह लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है। सरकार वंदे मातरम पर बहस चाहती थी क्योंकि बंगाल में चुनाव जल्द ही होने वाले हैं। प्रियंका ने कहा कि स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी, देश के लिए कुर्बानियां दीं, ये सरकार उन पर नए आरोप लादने का मौका चाहती है। ऐसा कर मोदी सरकार देश का ध्यान जनता के जरूरी मुद्दों से भटकाना चाहती है। वहीं कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने पीएम मोदी के वंदे मातरम भाषण पर कहा क क्या 150 साल बाद वंदे मातरम पर बहस की ज़रूरत थी? देश को आज़ाद हुए 75 साल हो गए हैं, न तो उन्होंने और न ही जनसंघ ने कभी इस मुद्दे को उठाया। भाजपा रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान करने की कोशिश कर रही है। वे जवाहरलाल नेहरू को गाली देते रहते हैं, लेकिन अब उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर का भी अपमान करना शुरू कर दिया है।
गांधी परिवार वंदे मातरम पर चर्चा करने से डरता है: अनुराग
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन में शामिल नहीं होने के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की आलोचना की और कहा कि गांधी परिवार वंदे मातरम पर चर्चा करने से डरता है। वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान संसद के निचले सदन को संबोधित करते हुए, अनुराग ठाकुर ने पीएम मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उनका संबोधन आने वाली पीढ़ी के लिए एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में काम करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने वंदे मातरम पर चर्चा की शुरुआत की। वंदे मातरम के 100वें वर्षगांठ वर्ष में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया और संविधान की धज्जियाँ उड़ा दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में वंदे मातरम के इतिहास और सांस्कृतिक महत्व को सामने रखा। यह आने वाली पीढय़िों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बनेगा, जो बताएगा कि कैसे वंदे मातरम ने राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोया। वंदे मातरम की सराहना करते हुए, भाजपा सांसद ने कहा कि यह राष्ट्र की आत्मा का गीत है और एक महामंत्र है। उन्होंने सदन में कहा कि यह सिर्फ़ एक गीत नहीं, बल्कि एक महामंत्र है। यह किसी धर्म, व्यक्ति या राज्य का गीत नहीं है, बल्कि राष्ट्र की आत्मा, गौरव और आकांक्षाओं का गीत है। यह राष्ट्र प्रेम की परंपरा है, इसीलिए कांग्रेस इससे डरती है। वे इतने डरे हुए हैं कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा शुरू की, तो इतने लंबे समय तक शासन करने वाले परिवार के दो सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे।
विकृतियों के उस्ताद हैं मोदी : जयराम रमेश
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर संसदीय बहस के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए उन्हें विकृतियों का उस्ताद करार दिया। कांग्रेस सांसद ने लिखा कि किस भारतीय नेता ने 2009 में अपनी किताब में जिन्ना की प्रशंसा की थी? भाजपा की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, श्यामा प्रसाद मुखर्जी फजलुल हक के नेतृत्व वाली प्रगतिशील गठबंधन सरकार में वित्त मंत्री के रूप में शामिल हुए और एक साल से भी कम समय में इस्तीफा दे दिया। लालकृष्ण आडवाणी ने 2005 में कराची का दौरा किया था और जिन्ना मकबरे की आगंतुक पुस्तिका में एक संदेश लिखा था। ऐसे बहुत से लोग हैं जो इतिहास पर अपनी अमिट छाप छोड़ जाते हैं। लेकिन बहुत कम लोग होते हैं जो वास्तव में इतिहास रचते हैं। कायदे-आज़म मोहम्मद अली जिन्ना ऐसे ही एक दुर्लभ व्यक्ति थे। भारत के स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रमुख हस्ती, सरोजिनी नायडू ने श्री जिन्ना को हिंदू-मुस्लिम एकता का राजदूत बताया था। 11 अगस्त, 1947 को पाकिस्तान की संविधान सभा को दिया गया उनका संबोधन एक धर्मनिरपेक्ष राज्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें प्रत्येक नागरिक अपने धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र होगा, लेकिन राज्य आस्था के आधार पर एक नागरिक और दूसरे के बीच कोई भेद नहीं करेगा।



