जुमा ब्रेक को लेकर एनडीए में उभरे मतभेद

असम सरकार के फैसले पर जदयू ने उठाए सवाल, किसी को भी धार्मिक आस्थाओं पर हमला करने का अधिकार नहीं : जेडीयू

जेडीयू नेता बोले- लोगों को गरीबी से ऊपर उठाने पर ध्यान दें असम के सीएम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। असम सरकार के विधानसभा में जुमा ब्रेक के फैसले पर सियासी गलियारें में कोहराम मच गया है। विपक्ष तो एनडीए सरकार को घेर ही रहा है। उसके अपने सहयोगी भी इस पर उसे आंखे दिखा रहे है। जदयू, लोजपा, टीडीपी ने भी इसपर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जदयू के तरफ से बयान के बाद चर्चा ये होने लगी है कि लगता एनडीए में ही फूट पड़ती दिख रही है।
दरअसल, जेडीयू के नेता नीरज कुमार ने शनिवार को असम सरकार द्वारा राज्य विधानसभा में जुमा की नमाज के लिए 2 घंटे के ब्रेक की प्रथा को समाप्त करने के फैसले का विरोध कर दिया है। नीरज कुमार ने फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि किसी को भी धार्मिक आस्थाओं पर हमला करने का अधिकार नहीं है। नीरज ने एएनआई से कहा कि बेहतर होता अगर असम के सीएम लोगों को गरीबी से ऊपर उठाने पर अधिक ध्यान देते। इससे पहले वक्फ संशोधन बिल व जातिगत जनगणना को लेकर भी जदयू व लोजपा भाजपा को आइना दिखा चुकी है।

यह सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय है : हिमंत बिस्वा सरमा

असम विधानसभा में नमाज के लिए दी जाने वाली दो घंटे की ब्रेक को समाप्त करने के फैसले पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि हिंदू और मुस्लिम विधायकों ने एक साथ बैठकर सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हमारी विधानसभा के हिंदू और मुस्लिमों ने माला नियम समिति में बैठकर सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि दो घंटे का ब्रेक सही नहीं है, हमें इस अवधि के दौरान भी काम करना चाहिए। यह प्रथा 1937 में शुरू हुई थी और कल से इसे बंद कर दिया गया है। यह सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय है, यह सिर्फ मेरा फैसला नहीं है।असम विधानसभा की उत्पादकता को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के औपनिवेशिक बोझ को हटाने के लिए, प्रति शुक्रवार सदन को जुमे के लिए 2 घंटे तक स्थगित करने के नियम को रद्द किया गया। यह प्रथा 1937 में मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्लाह ने शुरू की थी।

भाजपा मुसलमानों को हर तरह सेपरेशान करना चाहती है : तेजस्वी

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने सीएम सरमा पर निशाना साधाते हुए कहा था कि असम के मुख्यमंत्री सस्ती लोकप्रियता चाहते हैं और भाजपा किसी न किसी तरह से मुसलमानों को परेशान करना चाहती है।

असम के सीएम ने समाज में ज़हर फैलाया : एसटी हसन

समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने कहा,हिमंत बिस्वा सरमा ने समाज में ज़हर फैलाया है। उनकी सरकार मुसलमानों के खिलाफ है।

तनखाइया होने पर जल्द दूंगा स्पष्टीकरण: सुखवीर सिंह

बोले- अकाल तख्त साहिब द्वारा जारी आदेश स्वीकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से तनखाइया घोषित किए जाने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने एक्स पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट किया, .दास अपना सिर झुकाता है और मीरी पीरी के सर्वोच्च तीर्थस्थल श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा जारी आदेश को स्वीकार करता है। आदेश के अनुसार, मैं जल्द ही श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होकर माफी मांगूंगा।
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि पांच सिंह साहिबान ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब सरकार में उपमुख्यमंत्री व शिअद के अध्यक्ष रहते हुए कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथ की छवि को काफी नुकसान पहुंचा। इससे शिरोमणि अकाली दल के साथ-साथ सिख हितों को भी भारी नुकसान हुआ, इसलिए सरकार में रहते हुए सुखबीर सिंह बादल और उनके सहयोगी मंत्री भी इस सारे मामले में बराबर के दोषी हैं। उन्हें भी 15 दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण देना होगा। जब तक सुखबीर सिंह बादल अपने सहयोगियों के साथ एक विनम्र सिख की तरह अकाल तख्त साहिब पर गुरु ग्रंथ साहिब की उपस्थिति में सिख संगत और पांच सिंह साहिबान के सामने अपनी गलतियों को स्वीकार करके धार्मिक सजा पूरी नहीं करते, तब तक वह तनखाइया ही रहेंगे। धार्मिक सजा पूरी होने तक वह किसी राजनीतिक व सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।

उमर अब्दुल्ला पर भडक़ीं महबूबा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनगर। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) पर प्रतिबंध हटाने का आह्वान किया ताकि वह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में भाग ले सके। वहीं उन्होंने नैशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला की उस टिप्पणी को अफसोसजनक बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जमात-ए-इस्लामी कभी चुनावों को हराम (निषिद्ध) मानती थी, लेकिन अब हलाल (मान्य) मानती है।
श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए, महबूबा ने कहा कि 1987 में, जब जेईआई और अन्य समूहों ने चुनावों में भाग लेने की कोशिश की, तो एनसी ने बड़े पैमाने पर अनियमितताएं कीं क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि कोई तीसरी ताकत उभरे। उनके कारण ही आखिर में जेईआई और अन्य समूहों ने चुनाव का बहिष्कार किया। पीडीपी प्रमुख ने कहा कि यह बयान खेदजनक है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जीतते समय चुनाव को हलाल और हारते समय हराम कहती है।

जमात एक इस्लामी से बैन हटाए सरकार : महबूबा

महबूबा ने सरकार से जेईआई पर प्रतिबंध हटाने और उसकी जब्त संपत्ति वापस करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, अगर जमात-ए-इस्लामी चुनाव लडऩा चाहती है, तो यह अच्छी बात है, यह लोकतांत्रिक विचारों की लड़ाई है और इसमें किसी को भी भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। उनकी संस्थाओं और संपत्तियों को जब्त करके वापस किया जाना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर को अपनी जागीर समझते हैं अब्दुल्ला

महबूबा ने कहा कि उमर की पार्टी ने ही चुनाव के संबंध में हराम और हलाल की यह कहानी शुरू की थी। उन्होंने अब्दुल्ला पर कश्मीर को अपनी जागीर समझने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 1947 में जब दिवंगत शेख अब्दुल्ला पहली बार जम्मू-कश्मीर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी बने थे, तब चुनाव हलाल थे। उन्होंने कहा, जब वे मुख्यमंत्री बने, तो चुनाव हलाल थे। लेकिन जब उन्हें पद से हटा दिया गया, तो 22 साल तक चुनाव हराम हो गए।

केदारनाथ में एमआई-17 से हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त

आसमान से लहराता हुआ जमीन पर गिरा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
देहरादून। उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में लैंडिंग के दौरान क्षतिग्रस्त हुआ हेलीकॉप्टर शनिवार को मंदाकिनी नदी के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलीकॉप्टर को एमआई-17 हेलीकॉप्टर से मरम्मत के लिए गौचर हवाई पट्टी पर ले जाया जा रहा था, लेकिन वह रिकवरी एयरक्राफ्ट से फिसलकर थारू कैंप के पास गिर गया। किसी के घायल होने या हताहत होने की खबर नहीं है, और यह घटना कैमरे में कैद हो गई।
एक अधिकारी के हवाले से बताया गया आज, राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) बचाव दल को लिनचोली में पुलिस के माध्यम से सूचना मिली कि एक निजी कंपनी का खराब हेलीकॉप्टर, जिसे श्री केदारनाथ हेलीपैड से दूसरे हेलीकॉप्टर द्वारा गोचर हेलीपैड पर ले जाया जा रहा था, थारू कैंप के पास लिनचोली में नदी में गिर गया। एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है और राहत कार्य जारी है। इस घटना में किसी की जान नहीं गई है। निजी कंपनी द्वारा संचालित हेलीकॉप्टर ने 24 मई, 2024 को तकनीकी खराबी के कारण आपातकालीन लैंडिंग की थी। जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि क्षतिग्रस्त हेलीकॉप्टर के वजन और प्रतिकूल हवा की स्थिति के कारण एमआई-17 हेलीकॉप्टर का संतुलन बिगडऩे लगा, जिसके कारण हेलीकॉप्टर को थारू कैंप के पास उतार दिया गया। उस समय हेलीकॉप्टर में कोई यात्री या माल नहीं था।

यूपी में भी कोलकाता जैसी दरिंदगी का प्रयास

भाजपा राज में बढ़ रहे महिलाओं पर अत्याचार, जालौन में मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से हैवानियत की कोशिश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जालौन। बंगाल में प्रशिक्षु डॉक्टर की रेप व हत्या पर आंदोलित भाजपा के शासित राज्य यूपी में भी इसी तरह का मामला सामने आया है। कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक के साथ दरिंदगी का मामला अभी शांत नहीं हुआ है कि इसी बीच यहां के मेडिकल कॉलेज के आवासीय क्षेत्र में महिला डॉक्टर से अभद्रता की गई।
आरोपी लिपिक को निलंबित कर दिया गया है। पीडि़त डॉक्टर ने पूरी घटना पर आगरा में अपने बयान दर्ज कराए हैं। मेडिकल कॉलेज के कैंपस के अंदर 19 अगस्त को एक महिला डॉक्टर के कमरे में मेडिकल कॉलेज में तैनात लिपिक ललित कुमार नशे की हालत में हाथ में राखी लेकर पहुंचा और उनका दरवाजा खटखटाया। महिला डॉक्टर का आरोप है कि जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला तो आरोपी लिपिक ने उनका हाथ पकड़ कर खींच लिया। उन्होंने किसी तरह हाथ छुड़ाकर अन्य लोगों को इसकी जानकारी दी और पुलिस से इसकी शिकायत की। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया था। मामला तूल पकड़ता देख मेडिकल कालेज प्रबंधन ने आरोपी लिपिक को निलंबित कर दिया। जबकि घटना के बाद से ही महिला डॉक्टर अपने घर आगरा में है। चौकी प्रभारी महिला डॉक्टर का बयान दर्ज करवाने के लिए आगरा गए हैं। कोतवाल अजय ब्रह्म तिवारी का कहना है कि मामले में रिपोर्ट दर्जकर ली गई है। एसपी डॉ. दुर्गेश कुमार ने बताया कि महिला डॉक्टर द्वारा शिकायत की गई थी, जिस पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।

प्राचार्य की चुप्पी, लिपिक का निलंबन खड़े कर रहे सवाल

मेडिकल कालेज में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई अभद्रता की घटना कालेज प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है। आनन फानन में बाबू का निलंबन कर पूरे मामले में पर्दा डालने की कोशिश की गई। लेकिन मामला उजागर होने पर मेडिकल प्रशासन की खूब किरकिरी हो रही है। मामला संज्ञान में आगे पर मेडिकल कालेज प्रशासन पूरे मामले में पर्दा डालने की कोशिश करता रहा। सूत्रों की माने तो महिला डॉक्टर से तहरीर न देने की भी बात कही गई। हालांकि मामला जैसे ही पुलिस के संज्ञान में आया तो महिला डॉक्टर से तहरीर देने को कहा गया।

मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा पर उठते रहे हैं सवाल

मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा को लेकर इससे पहले भी सवाल उठते रहे है। कई एकड में फैले इस कॉलेज में महिला छात्रावास के साथ ही नर्सिंग कॉलेज भी स्थापित है। जिसमें सैकडों की तादात में महिला डॉक्टर और नर्सिंग के छात्र रहते हैं।

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